जिला कलेक्टर और DCP ने फीता काटकर मसूरिया बाबा रामदेव मेले का भव्य शुभारंभ किया.

जोधपुर के मसूरिया में बाबा रामदेव मेले का भव्य शुभारंभ हुआ। जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल और डीसीपी विनीत बंसल ने फीता काटकर मेले का उद्घाटन किया। लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा रामदेव के दर्शन किए, जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्टॉल्स ने मेले को आकर्षक बनाया। जिला प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए। यह मेला, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वितीया से दशमी तक चलेगा, जोधपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।

Aug 24, 2025 - 14:51
जिला कलेक्टर और DCP ने फीता काटकर मसूरिया बाबा रामदेव मेले का भव्य शुभारंभ किया.

जोधपुर, 24 अगस्त 2025: राजस्थान के जोधपुर में मसूरिया पहाड़ी पर स्थित लोकप्रिय लोक देवता बाबा रामदेव के मेले का शनिवार को भव्य उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल और डीसीपी विनीत बंसल ने संयुक्त रूप से फीता काटकर मेले की शुरुआत की। यह मेला, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वितीया से दशमी तक चलता है, देश भर से लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

मेले का भव्य आगाज और श्रद्धालुओं का उत्साह

मेले का शुभारंभ सांस्कृतिक और धार्मिक उत्साह के साथ हुआ। मसूरिया पहाड़ी पर बाबा रामदेव के मंदिर और उनके गुरु बालीनाथ जी की समाधि स्थल पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। बाबा रामदेव, जिन्हें भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है, के दर्शन के लिए श्रद्धालु सुबह से ही कतारों में लगे रहे। मेले में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, भक्ति भजनों की प्रस्तुतियां और विभिन्न प्रकार के स्टॉल्स ने लोगों का मन मोह लिया।मेले का माहौल आध्यात्मिकता और उत्सव के रंगों से सराबोर रहा।

जिला प्रशासन की पुख्ता व्यवस्था

जिला प्रशासन ने मेले की व्यवस्था और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मेले को जोधपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कहा कि यह आयोजन सामाजिक समरसता और एकता का प्रतीक है। वहीं, डीसीपी विनीत बंसल ने बताया कि मेले में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

उद्घाटन समारोह में बाबा रामदेव जी के गुरु बालीनाथ जी की समाधि स्थल के अध्यक्ष नरेंद्र चौहान, सचिव नरेंद्र गोयल, उपाध्यक्ष शिव प्रसाद दईया, कोषाध्यक्ष पुरुषोत्तम राखेचा, दिनेश पंवार और दिनेश गोयल सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने मेले की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं और इसे सामाजिक एकता का प्रतीक बताया।

बाबा रामदेव: सामाजिक समरसता के प्रतीक

बाबा रामदेव, जिन्हें रामसा पीर के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने चमत्कारों और सामाजिक समरसता के कार्यों से लोगों के दिलों में विशेष स्थान बनाया है। माना जाता है कि वे समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देने वाले संत थे। उनकी समाधि स्थल और गुरु बालीनाथ जी की समाधि पर आयोजित यह मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह जोधपुर की सांस्कृतिक पहचान को भी उजागर करता है।

मेले के आकर्षण

मेले में विभिन्न प्रकार के स्टॉल्स लगाए गए हैं, जिनमें हस्तशिल्प, पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन, और धार्मिक सामग्री उपलब्ध हैं। सांस्कृतिक मंच पर स्थानीय कलाकारों द्वारा भक्ति भजनों, लोक नृत्यों और नाट्य प्रस्तुतियों का आयोजन हो रहा है, जो दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। मेले में बच्चों के लिए झूले और मनोरंजन के अन्य साधन भी उपलब्ध हैं, जिससे यह आयोजन हर आयु वर्ग के लिए आनंददायक बन गया है।

मेले का महत्व और भविष्य

यह मेला अगले कुछ दिनों तक चलेगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन होगा। बाबा रामदेव का यह मेला न केवल जोधपुर, बल्कि पूरे राजस्थान और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले भक्तों के लिए आस्था और उत्सव का संगम है। यह आयोजन सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक विश्वासों को एक मंच पर लाता है।

जोधपुर का यह मेला हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होगा, जिसमें आस्था, संस्कृति और उत्सव का अनूठा मेल देखने को मिलेगा।