"जयपुर का 'साथी अभियान': सड़कों से लेकर सपनों तक, बच्चों को मिलेगा आधार और कानूनी सहारा"

जयपुर में 23 मई 2025 को राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला, जयपुर महानगर प्रथम और द्वितीय द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के 'साथी अभियान' के तहत जिला साथी समिति के लिए आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। इस अभियान का उद्देश्य 18 वर्ष से कम उम्र के उन बच्चों की पहचान कर आधार पंजीकरण और कानूनी सहायता प्रदान करना है, जिनके पास परिवार, आश्रय या सुरक्षा का कोई स्थायी स्रोत नहीं है। कार्यशाला में श्री पवन कुमार जीनवाल ने अभियान की रूपरेखा समझाई। विभिन्न अधिकारी, एनजीओ प्रतिनिधि, और पैरालीगल वॉलेंटियर्स उपस्थित रहे।

May 23, 2025 - 18:58
"जयपुर का 'साथी अभियान': सड़कों से लेकर सपनों तक, बच्चों को मिलेगा आधार और कानूनी सहारा"

जयपुर, 23 मई 2025: राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला, जयपुर महानगर प्रथम और जयपुर महानगर द्वितीय ने मिलकर शुक्रवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के 'साथी अभियान' के तहत एक महत्वपूर्ण पहल की। इस अभियान के लिए गठित जिला साथी समिति के सदस्यों के लिए जयपुर में एक आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला समाज के सबसे कमजोर बच्चों को सहायता प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला के सचिव श्री पवन कुमार जीनवाल, जयपुर महानगर प्रथम के सचिव श्री दीपेन्द्र माथुर और जयपुर महानगर द्वितीय की सचिव श्रीमती पल्लवी शर्मा ने हिस्सा लिया। श्री जीनवाल ने 'साथी अभियान' की रूपरेखा को विस्तार से समझाया और समिति के सदस्यों को उनके दायित्वों और कार्यों की जानकारी दी।

'साथी अभियान' का उद्देश्य: श्री जीनवाल ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से कम उम्र के उन बच्चों की मदद करना है, जिनके पास परिवार का समर्थन, संरक्षकता, आश्रय, सुरक्षा या देखभाल का कोई स्थायी स्रोत नहीं है। इसमें शामिल हैं:

  • सड़कों, झुग्गी-झोपड़ियों या रेलवे स्टेशनों पर रहने वाले बच्चे।
  • बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले या नहीं रहने वाले अनाथ बच्चे।
  • परित्यक्त बच्चे, तस्करी, भीख मांगने या बाल श्रम से बचाए गए बच्चे।
  • अनौपचारिक आश्रयों या अपंजीकृत बाल देखभाल गृहों में रहने वाले बच्चे।
  • लापता होने के बाद बरामद हुए बच्चे, जिन्हें उनके परिवार को नहीं सौंपा गया।

इस अभियान के तहत इन बच्चों की पहचान की जाएगी, उनका आधार पंजीकरण करवाया जाएगा और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। यह पहल बच्चों को उनके मूलभूत अधिकार, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा, प्रदान करने में सहायक होगी।

कार्यशाला में उपस्थित लोग: कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें:

  • ब्रजमोहन मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जयपुर ग्रामीण
  • राजेश जाखड़, एसडीएम, जयपुर
  • अंजू वर्मा, एसडीओ, सांभर
  • बजरंग स्वामी, एसडीएम, आमेर
  • प्रियंका पंवार, सीडीपीओ
  • श्रीमती अनिता मुवाल, उपनिदेशक, बाल संरक्षण इकाई, जयपुर
  • डॉ. रवि शेखावत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जयपुर प्रथम
  • डॉ. मनीष मित्तल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जयपुर द्वितीय
  • सुनील सिंघल, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक)
  • बी.पी. चंदेल, संयुक्त निदेशक, समाज कल्याण विभाग
  • विभिन्न तहसीलों के तहसीलदार, एनजीओ प्रतिनिधि, पैनल अधिवक्ता और पैरालीगल वॉलेंटियर्स (अधिकार मित्र)

'साथी अभियान' समाज के उन बच्चों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यह अभियान न केवल आधार पंजीकरण और कानूनी सहायता तक सीमित है, बल्कि यह बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उनके बेहतर भविष्य के लिए एक ठोस नींव तैयार करने का प्रयास है। कार्यशाला में उपस्थित सभी सदस्यों ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूर्ण सहयोग का वादा किया।

आगे की योजना: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विभिन्न विभागों, जैसे पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण विभाग, के साथ समन्वय स्थापित करने की योजना बनाई है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जयपुर क्षेत्र में कोई भी जरूरतमंद बच्चा इस अभियान के लाभ से वंचित न रहे।

 'साथी अभियान' जयपुर में बच्चों के कल्याण के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल उनकी पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि उन्हें कानूनी और सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर एक बेहतर जीवन की ओर ले जाएगा। इस कार्यशाला ने अभियान की शुरुआत को और मजबूती दी है, और अब सभी की नजरें इसके जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन पर टिकी हैं।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ