भारत में शेयर मार्केट का उछाल: कोविड के बाद निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि, बढ़ती जागरूकता

कोविड के बाद भारत में शेयर मार्केट निवेशकों की संख्या 11 करोड़ को पार कर गई, जिसमें युवा और महिलाओं की भागीदारी बढ़ी। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, वित्तीय जागरूकता, और मजबूत रिटर्न ने इस उछाल को बढ़ावा दिया। बिहार जैसे राज्यों में भी निवेश का चलन बढ़ा, लेकिन विशेषज्ञ लंबी अवधि के निवेश की सलाह दे रहे हैं।

Aug 12, 2025 - 17:19
भारत में शेयर मार्केट का उछाल: कोविड के बाद निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि, बढ़ती जागरूकता
भारत में शेयर मार्केट निवेशकों की संख्या में अभूतपूर्व उछाल देखा जा रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2024 तक रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 10 करोड़ को पार कर चुकी थी, जो जनवरी 2025 तक बढ़कर 11 करोड़ हो गई। कोविड-19 महामारी के बाद से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और वित्तीय जागरूकता के कारण यह रुझान तेज हुआ है, खासकर युवा और छोटे शहरों के निवेशकों में।

कोविड के बाद बदला निवेश का परिदृश्य

कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन ने लोगों को वित्तीय सुरक्षा और निवेश के नए रास्तों की ओर प्रेरित किया। एनएसई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में निवेशकों की संख्या 3.6 गुना बढ़ी है। 1994 में एनएसई की शुरुआत के बाद पहले 1 करोड़ निवेशक जोड़ने में 14 साल लगे, लेकिन हाल के पांच महीनों में ही 1 करोड़ नए निवेशक जुड़े। डिजिटल केवाईसी और मोबाइल ट्रेडिंग ऐप्स ने इस वृद्धि को आसान बनाया।

युवा और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

एनएसई के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्रीराम कृष्णन के अनुसार, निवेशकों की औसत आयु 38 से घटकर 32 साल हो गई है, जो युवाओं की बढ़ती रुचि को दर्शाता है। हर पांच में से एक निवेशक अब महिला है, जो वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रहा है। महाराष्ट्र (3.8 करोड़), उत्तर प्रदेश (2.4 करोड़), और बिहार (1.9 करोड़) जैसे राज्यों में निवेशकों की संख्या सबसे अधिक है, जबकि टियर-2 और टियर-3 शहरों से भी भागीदारी बढ़ रही है।

मजबूत रिटर्न ने बढ़ाया भरोसा

पिछले नौ सालों से भारतीय शेयर बाजार लगातार सकारात्मक रिटर्न दे रहा है। 2024 में निफ्टी 50 ने 8.8% और निफ्टी 500 ने 15.2% रिटर्न दिया। दिसंबर 2024 तक पांच साल की अवधि में निफ्टी 50 और निफ्टी 500 ने क्रमशः 14.2% और 17.8% का वार्षिक रिटर्न दिया। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है, हालांकि विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि छोटे निवेशक अक्सर डर या जल्दबाजी में शेयर बेचकर मुनाफा गंवा देते हैं।

डिजिटल क्रांति और जागरूकता

कोविड के बाद डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे ज़ेरोधा, ग्रो, और उपस्टॉक्स ने निवेश को आसान बनाया। वित्तीय साक्षरता अभियानों और ऑनलाइन वेबिनार ने छोटे शहरों में जागरूकता बढ़ाई। बिहार जैसे राज्यों में भी डीमैट खातों की संख्या में तेजी देखी गई, जहां युवा अब म्यूचुअल फंड और ईटीएफ जैसे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। एनएसई का इन्वेस्टर प्रोटेक्शन फंड भी मार्च 2025 तक 2,459 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।