अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण धमाका, 4 की हुई मौत कई लोग हुए घायल.

लखनऊ के गुडंबा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में रविवार दोपहर भीषण धमाका हुआ, जिसमें फैक्ट्री मालिक, उनकी पत्नी और दो बेटों समेत 4 लोगों की मौत हो गई। धमाका इतना जोरदार था कि इमारत जमींदोज हो गई और आसपास के मकान भी टूट गए। कई लोग मलबे में दबे हैं, और 10 से ज्यादा घायल हैं। पुलिस और NDRF रेस्क्यू में जुटी हैं। हादसे ने अवैध फैक्ट्रियों पर सवाल उठाए हैं।

Aug 31, 2025 - 14:23
Aug 31, 2025 - 14:28
अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण धमाका, 4 की हुई मौत कई लोग हुए घायल.

लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र के बेहटा गांव में रविवार दोपहर एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस हादसे में फैक्ट्री मालिक आलम, उनकी पत्नी मुन्नी और उनके दो बेटों समेत कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। धमाका इतना जोरदार था कि फैक्ट्री की दो मंजिला इमारत पूरी तरह जमींदोज हो गई, और आसपास के 2-3 मकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा। करीब एक किलोमीटर तक धमाके की आवाज सुनाई दी, जिससे इलाके में दहशत फैल गई।

हादसे का विवरण और रेस्क्यू ऑपरेशन 

घटना दोपहर करीब 12:30 बजे हुई। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह फैक्ट्री रिहायशी इलाके में अवैध रूप से चल रही थी, जहां बारूद और अन्य विस्फोटक सामग्री बिना सुरक्षा मानकों के रखी गई थी। धमाके की वजह अभी स्पष्ट नहीं है, हालांकि कुछ स्थानीय लोग सिलेंडर फटने की आशंका जता रहे हैं। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि फैक्ट्री की इमारत के साथ-साथ पड़ोस के मकानों की दीवारें भी ढह गईं। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है, जिसके चलते राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। पुलिस, दमकल विभाग, और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। संकरी गलियों के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। अब तक दो शव मलबे से निकाले गए हैं, जो बुरी तरह झुलस चुके हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस के पहुंचने से पहले ही कई घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

घायलों का इलाज और प्रशासन की कार्रवाई 

हादसे में कम से कम 10 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। घायलों को बाराबंकी जिला अस्पताल और लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। कुछ घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद लखनऊ रेफर किया गया है। जिलाधिकारी (DM) और पुलिस आयुक्त (Commissioner) मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। बाराबंकी से अतिरिक्त फायर ब्रिगेड की टीमें भी बुलाई गईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का तत्काल संज्ञान लिया और अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के साथ-साथ घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। साथ ही, इस हादसे की उच्च-स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया, जो अवैध फै

अवैध फैक्ट्री और सुरक्षा मानकों पर सवाल 

यह हादसा लखनऊ के रिहायशी इलाके में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों के संचालन पर गंभीर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह फैक्ट्री लंबे समय से चल रही थी और पहले भी सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर शिकायतें की गई थीं। बारूद और विस्फोटक सामग्री को असुरक्षित तरीके से रखने के कारण हादसा इतना भयावह हुआ। पुलिस ने फैक्ट्री को अवैध बताया है और इसके संचालन से जुड़े दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है।

 प्रत्यक्षदर्शियों का बयान

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाके से पहले सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक जोरदार आवाजें सुनाई दीं। फैक्ट्री से आग की लपटें और धुएं का गुबार उठा, जिसके बाद लगातार विस्फोट होते रहे। आसपास के लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "आवाज इतनी तेज थी कि लगा जैसे कोई बड़ा बम फटा हो। पूरा गांव थर्रा गया।"

पिछले हादसों से सबक नहीं 

उत्तर प्रदेश में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों में विस्फोट की यह कोई पहली घटना नहीं है। हाल के वर्षों में बरेली, गोंडा, कौशांबी, और झांसी जैसे जिलों में भी ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई न किए जाने से अवैध फैक्ट्रियां बेरोकटोक चल रही हैं। यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करता है।

आगे की जांच और कार्रवाई 

पुलिस और प्रशासन ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि फैक्ट्री के पास संचालन का लाइसेंस था या नहीं और विस्फोट का सटीक कारण क्या था। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मलबे में अभी भी कई लोग दबे हो सकते हैं।

स्थानीय लोग प्रशासन से त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अवैध कारोबार और लापरवाही कितनी बड़ी कीमत चुकाने को मजबूर कर सकती है।