तेज रफ्तार कंटेनर ने मां-बेटी को कुचला, बुजुर्ग महिला की मौत
जयपुर-दिल्ली हाईवे पर कोटपूतली-बहरोड़ के पावटा बस स्टैंड के पास तेज रफ्तार कंटेनर ने मां-बेटी को कुचल दिया। हादसे में 62 वर्षीय उर्मिला देवी की मौत हो गई, जबकि उनकी बेटी सीमा गंभीर रूप से घायल है। दोनों जागरण से लौट रही थीं। ड्राइवर फरार है, पुलिस जांच कर रही है।

कोटपूतली-बहरोड़ (राजस्थान): जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर गुरुवार सुबह एक तेज रफ्तार कंटेनर ने मां-बेटी को कुचल दिया। इस हादसे में 62 वर्षीय उर्मिला देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी 27 वर्षीय बेटी सीमा गंभीर रूप से घायल हो गई। दोनों रात्रि जागरण से लौट रही थीं और सड़क पार करने के दौरान यह हादसा हुआ। घटना का सीसीटीवी फुटेज शुक्रवार को सामने आया, जिसने इस त्रासदी की भयावहता को उजागर किया।
मां-बेटी की जिंदगी में आया तूफान
पावटा निवासी प्रहलाद सैन ने बताया कि उनकी मां उर्मिला देवी और बहन सीमा कोटपूतली में अपने मामा के घर आयोजित जागरण में शामिल होने गई थीं। सुबह करीब 7 बजे, जब वे बस से उतरकर अपने घर की ओर पैदल हाईवे पार कर रही थीं, तभी एक तेज रफ्तार कंटेनर ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। प्रहलाद का घर घटनास्थल से महज 600 मीटर की दूरी पर है। हादसे में उर्मिला देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सीमा को गंभीर चोटें आईं। ड्राइवर कंटेनर छोड़कर मौके से फरार हो गया।
परिवार पर टूटी मुसीबत: डेढ़ साल पहले पिता की भी हुई थी मृत्यु
प्रहलाद ने बताया कि यह उनके परिवार के लिए दूसरा बड़ा आघात है। डेढ़ साल पहले उनके पिता रामेश्वर की तीर्थ यात्रा से लौटते समय हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी। तब से उनकी बहन सीमा मां के साथ ही रह रही थी। इस हादसे ने परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है। सीमा का इलाज अस्पताल में चल रहा है, और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
पुलिस की कार्रवाई: ड्राइवर की तलाश तेज
प्रागपुरा थाना प्रभारी किरण सिंह यादव ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने कंटेनर को जब्त कर लिया है और फरार ड्राइवर की तलाश में छापेमारी कर रही है। उन्होंने कहा, “ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज की मदद से मामले की गहन जांच की जा रही है।”
राजस्थान में सड़क हादसों का बढ़ता आंकड़ा
सड़क और परिवहन मंत्रालय के 2023 के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में हर दिन औसतन 67 सड़क हादसे होते हैं, जिनमें 32 लोगों की जान जाती है। वर्ष 2022 में 23,614 हादसों में 11,104 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 24,705 हादसों में 11,762 मौतों तक पहुंच गई। यह आंकड़ा 2022 की तुलना में 658 अधिक मौतों को दर्शाता है।
सरकार के दावे और हकीकत
राज्य सरकार का दावा है कि वह सड़क सुरक्षा के लिए हर साल 40 करोड़ रुपये खर्च करती है, लेकिन हादसों और मौतों की संख्या में कमी नहीं आ रही। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जनवरी 2025 में लोकसभा में स्वीकार किया था कि उन्होंने 2024 तक सड़क हादसों को 50% कम करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन हादसे कम होने के बजाय बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा, “स्वीडन जैसे देशों ने सड़क हादसों को शून्य तक कम किया है, लेकिन भारत में यह चुनौती बनी हुई है।”