ISI के लिए जासूसी करते पकड़ा गया हनीफ खान, सेना की जानकारी लीक करने का आरोप

जैसलमेर में सीआईडी इंटेलिजेंस ने हनीफ खान को ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया। वह सोशल मीडिया के जरिए सेना की गोपनीय जानकारी, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर शामिल था, लीक कर रहा था। 2025 में यह जैसलमेर का चौथा जासूसी मामला है।

Sep 26, 2025 - 13:21
ISI के लिए जासूसी करते पकड़ा गया हनीफ खान, सेना की जानकारी लीक करने का आरोप

राजस्थान के जैसलमेर में सीआईडी इंटेलिजेंस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 47 वर्षीय हनीफ खान को गिरफ्तार किया है। हनीफ पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी साझा करने का गंभीर आरोप है। यह 2025 में जैसलमेर से जासूसी के मामले में चौथी गिरफ्तारी है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती जासूसी गतिविधियों की ओर इशारा करती है।

सोशल मीडिया के जरिए ISI से संपर्क

सीआईडी इंटेलिजेंस के महानिरीक्षक (सुरक्षा) डॉ. विष्णुकांत ने बताया कि उनकी टीम लंबे समय से राज्य में जासूसी गतिविधियों पर नजर रख रही थी। इस दौरान हनीफ खान, जो जैसलमेर के बासनपीर जूनी का निवासी है और वर्तमान में बहला गांव में रह रहा था, की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं। जांच में पता चला कि हनीफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ISI के हैंडलर्स के साथ नियमित संपर्क में था। वह पैसों के लालच में भारतीय सेना के मूवमेंट, सैन्य ठिकानों और अन्य संवेदनशील जानकारियां साझा कर रहा था।

ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी भी लीक

हनीफ खान पर आरोप है कि उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी ISI को भारतीय सेना के आवागमन और रणनीतिक गतिविधियों की जानकारी भेजी। ऑपरेशन सिंदूर एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान था, और इसकी गोपनीयता भंग होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है। हनीफ की आसान पहुंच भारत-पाक सीमा के निकटवर्ती क्षेत्रों जैसे मोहनगढ़ और घड़साना में थी, जिसका उसने दुरुपयोग किया।

तकनीकी जांच में मिले पुख्ता सबूत

सीआईडी इंटेलिजेंस ने हनीफ के मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक जांच की, जिसमें ISI के साथ उसके संवाद और गोपनीय जानकारी साझा करने के पुख्ता सबूत मिले। पूछताछ में हनीफ ने पैसों के बदले संवेदनशील जानकारी देने की बात स्वीकारी। इसके आधार पर राजकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया और 25 सितंबर 2025 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता

जयपुर के केंद्रीय पूछताछ केंद्र में विभिन्न खुफिया और अनुसंधान एजेंसियां हनीफ से गहन पूछताछ कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि हनीफ के नेटवर्क और अन्य संभावित संदिग्धों की जांच की जा रही है। सीआईडी इंटेलिजेंस ने स्पष्ट किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में जासूसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और भविष्य में भी संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

2025 में चौथी गिरफ्तारी

इस साल जैसलमेर में जासूसी से जुड़ा चौथा मामला है। इससे पहले भी तीन अन्य व्यक्तियों को ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। ये घटनाएं सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती जासूसी गतिविधियों और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को उजागर करती हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना दें।

सीआईडी इंटेलिजेंस अब हनीफ के नेटवर्क, उसके संपर्कों और अन्य संभावित जासूसी गतिविधियों की गहन जांच कर रही है। तकनीकी और फोरेंसिक सबूतों को और मजबूत किया जा रहा है ताकि इस मामले में शामिल अन्य लोगों को भी पकड़ा जा सके। यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक चेतावनी है और सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .