पीलूपुरा में गरमाया गुर्जर आंदोलन: रेल रोको या शांति, आज महापंचायत में होगा फैसला
गुर्जर समाज आरक्षण के लिए फिर भड़का, विजय बैंसला ने सरकार को 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया। पहले 2008 में पीलूपुरा में हिंसक आंदोलन हुआ, जिसमें 70+ लोग मारे गए। 2020 में भी रेल ट्रैक जाम कर बैकलॉग भर्ती की मांग उठी थी।

राजस्थान में गुर्जर समाज एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर उबाल पर है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार को रविवार दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। पीलूपुरा में होने वाली महापंचायत में अब आंदोलन की दिशा तय होगी। क्या गुर्जर समाज रेल ट्रैक जाम करेगा या शांति बनाए रखेगा?
विजय बैंसला का तीखा तेवर: "अब सरकार आए हमारे पास!"
आंदोलन की अगुवाई कर रहे विजय बैंसला ने साफ कर दिया है कि अब वे सरकार के पास बातचीत के लिए नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, "अगर सरकार कोई ठोस प्रस्ताव भेजती है, तो उसे महापंचायत में समाज के सामने रखेंगे, फैसला समाज लेगा।" बीजेपी नेता विजय बैंसला 2023 में देवली-उनियारा से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं और लोकसभा व उपचुनाव में भी टिकट से वंचित रहे। अब वे अपने पिता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की विरासत को आगे बढ़ाते हुए गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष के रूप में जोरदार वापसी कर रहे हैं।
कर्नल बैंसला के बाद सबसे बड़ी महापंचायत
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन के बाद पीलूपुरा में यह पहली बड़ी महापंचायत है। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर दोपहर 12 बजे तक सरकार का जवाब नहीं आया, तो रेल ट्रैक और सड़कें जाम कर दी जाएंगी। पीलूपुरा गुर्जर आंदोलन का गढ़ रहा है। 2008 के आरक्षण आंदोलन में यहीं पुलिस फायरिंग में 70 से अधिक लोग मारे गए थे, जिसके बाद यह जगह आंदोलन का प्रतीक बन गई। अब एक बार फिर यहीं से चिंगारी सुलग रही है।
प्रशासन के कान खड़े, सोशल मीडिया पर तूफान
महापंचायत की घोषणा के बाद प्रशासन ने कमर कस ली है। पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, वहीं सरकार बातचीत की कोशिश में जुटी है। लेकिन समिति का रुख सख्त है कि अब सरकार को ही उनके पास आना होगा। सोशल मीडिया पर महापंचायत की अपील वाले वीडियो वायरल हो रहे हैं। गांव-गांव में पीले चावल बांटकर लोगों को एकजुट होने का आह्वान किया जा रहा है। गुर्जर समाज में आरक्षण की मांग को लेकर गजब का जोश दिख रहा है।
कांग्रेस के वादे और गहलोत सरकार की चूक
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़े-बड़े वादे किए थे:
- SC, ST, OBC और MBC के खाली पदों का बैकलॉग जल्द भरा जाएगा।
- गुर्जर समाज की मांगें पूरी होंगी।
गहलोत सरकार बनने के बाद 2020 में गुर्जरों ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक जाम कर आंदोलन छेड़ा था। मांग थी कि 35,000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिले। सरकार ने पलटवार किया कि इतनी भर्तियां हुई ही नहीं, तो बैकलॉग कैसे दें?
गहलोत सरकार ने 5% MBC आरक्षण का विधेयक पास कर केंद्र को भेजा, लेकिन यह बिल अब तक धूल फांक रहा है। गुर्जर समाज का गुस्सा इस बात पर है कि MBC आरक्षण को नवीं सूची में शामिल करना केंद्र के हाथ में है, मगर कोई कदम नहीं उठा।
क्यों भड़का गुर्जर समाज?
गुर्जर समाज का कहना है कि सरकार ने वादे तोड़े। बैकलॉग भर्तियां अटकीं, देवनारायण योजना में स्कूटी और छात्रवृत्ति नहीं मिली, आंदोलन से जुड़े मुकदमे वापस नहीं हुए। यही वजह है कि पीलूपुरा में महापंचायत का बिगुल बजा है।
आज का दिन निर्णायक
पीलूपुरा की महापंचायत गुर्जर आंदोलन का भविष्य तय करेगी। अगर सरकार समय रहते ठोस कदम नहीं उठाती, तो रेल और सड़क जाम जैसे कदम उठ सकते हैं। प्रशासन और सरकार की सांसें अटकी हैं, वहीं गुर्जर समाज एकजुट होकर अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने को तैयार है।