"नकली पहचान, असली साज़िश! राजस्थान से 148 बांग्लादेशी घुसपैठिए स्पेशल फ्लाइट से किए गए डिपोर्ट"

राजस्थान में 148 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़कर डिपोर्ट किया गया, जो नकली दस्तावेजों के साथ विभिन्न जिलों में रह रहे थे। जोधपुर से विशेष सैन्य विमान द्वारा इन्हें पश्चिम बंगाल भेजा गया, जहां बीएसएफ उन्हें बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंपेगी। यह कार्रवाई केंद्र सरकार के अवैध घुसपैठ के खिलाफ अभियान और पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा मजबूती का हिस्सा है।

May 14, 2025 - 18:31
May 14, 2025 - 18:53
"नकली पहचान, असली साज़िश! राजस्थान से 148 बांग्लादेशी घुसपैठिए स्पेशल फ्लाइट से किए गए डिपोर्ट"

राजस्थान में अवैध रूप से रह रहे 148 बांग्लादेशी घुसपैठियों को एक विशेष अभियान के तहत पकड़ा गया और उन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इन घुसपैठियों को सीकर जिले से गिरफ्तार किया गया, जहां वे अलग-अलग जिलों में अपनी पहचान छुपाकर रह रहे थे। जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन से एक विशेष सैन्य विमान के जरिए इन्हें पश्चिम बंगाल भेजा गया, जहां से बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) उन्हें बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंपेगी। यह कार्रवाई केंद्र सरकार के देशव्यापी अभियान का हिस्सा है, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद अवैध घुसपैठियों के खिलाफ तेजी से चलाया जा रहा है।

राजस्थान पुलिस ने हाल के दिनों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ एक सघन अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत पूरे राज्य में 1008 बांग्लादेशी घुसपैठियों को हिरासत में लिया गया। जयपुर रेंज में 761 और सीकर जिले में 394 घुसपैठियों की पहचान की गई। इनमें से 148 की पहली खेप को दस्तावेजों की गहन जांच के बाद जोधपुर लाया गया। भारी पुलिस सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से जोधपुर पहुंचाए गए इन घुसपैठियों को जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन से पश्चिम बंगाल के लिए रवाना किया गया।

राजस्थान के मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया, "लगभग 1000 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक राजस्थान में रहते पाए गए। इनमें से 148 को आज जोधपुर से कोलकाता भेजा गया है, जहां से उन्हें बांग्लादेश वापस भेजा जाएगा।" यह अभियान देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की सख्त नीति का हिस्सा है।

घुसपैठियों की गतिविधियां

पकड़े गए बांग्लादेशी घुसपैठियों ने अपनी पहचान छुपाकर राजस्थान के विभिन्न जिलों में जीवनयापन किया। कईयों ने नकली दस्तावेजों का सहारा लिया, जैसे कि आधार कार्ड और वोटर आईडी, ताकि भारतीय नागरिक के रूप में पहचाने जा सकें। कुछ लोग छोटे-मोटे कामों, जैसे मजदूरी और घरेलू सहायता, में लगे थे। जांच में पता चला कि ये घुसपैठिए पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में अवैध रूप से प्रवेश किए थे और बाद में राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में फैल गए।

पुलिस ने पाया कि कुछ घुसपैठियों ने स्थानीय एजेंटों की मदद से नकली दस्तावेज हासिल किए थे। इस तरह की गतिविधियां न केवल सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि देश के कानूनी ढांचे को भी चुनौती देती हैं। राजस्थान के पांच डिटेंशन सेंटरों में इन घुसपैठियों को रखा गया था, जहां से उनकी पहचान और दस्तावेजों की जांच की गई।

डिपोर्टेशन की प्रक्रिया

डिपोर्टेशन की प्रक्रिया को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष सैन्य विमान का उपयोग किया गया। जोधपुर से पश्चिम बंगाल तक इन घुसपैठियों को ले जाने के लिए भारतीय वायुसेना ने सहयोग प्रदान किया। पश्चिम बंगाल पहुंचने के बाद, बीएसएफ ने इन व्यक्तियों को बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंपने की जिम्मेदारी ली। यह प्रक्रिया भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय समझौतों के तहत की जा रही है।

पश्चिम बंगाल में बीएसएफ की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा और घुसपैठ को रोकने की जिम्मेदारी इन्हीं की है। बीएसएफ ने पहले भी कई अवैध घुसपैठियों को पकड़ा है और उन्हें उनके मूल देश वापस भेजने में सहयोग किया है।

देशव्यापी अभियान और सुरक्षा

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने अवैध घुसपैठ को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानते हुए सख्त कदम उठाए हैं। इस अभियान के तहत न केवल राजस्थान, बल्कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और अन्य राज्यों में भी अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और डिपोर्टेशन की प्रक्रिया तेज की गई है। उदाहरण के लिए, दिल्ली पुलिस ने हाल ही में 24 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा, जबकि पश्चिम बंगाल में 24 अन्य को सुंदरबन क्षेत्र से हिरासत में लिया गया।

यह अभियान नकली दस्तावेज बनाने वाले गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में हाल ही में ऐसी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ, जो अवैध घुसपैठियों के लिए नकली पासपोर्ट और आधार कार्ड बनाते थे।

राजस्थान से 148 बांग्लादेशी घुसपैठियों का डिपोर्टेशन भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेष सैन्य विमान के उपयोग और बीएसएफ की सक्रिय भागीदारी ने इस प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया। यह अभियान न केवल अवैध घुसपैठ को रोकने में मदद करेगा, बल्कि नकली दस्तावेजों के कारोबार पर भी लगाम लगाएगा। सरकार की यह सख्त कार्रवाई देशभर में अवैध रूप से रह रहे अन्य घुसपैठियों के लिए भी एक चेतावनी है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ