22 रन से हिली टीम इंडिया: लॉर्ड्स में बल्लेबाज़ी ढही, आर्चर की वापसी ने बदला गेम
लॉर्ड्स टेस्ट में भारत 193 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 22 रन से हार गया, जिसमें बल्लेबाजों का फ्लॉप शो और 63 एक्स्ट्रा रन देना हार की बड़ी वजह बना। इंग्लैंड ने जोफ्रा आर्चर की वापसी और मुश्किल होती पिच का पूरा फायदा उठाकर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली।

भारत ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 22 रन से हार का सामना करना पड़ा। 193 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम अंतिम दिन 170 रन पर सिमट गई। इस हार के साथ इंग्लैंड ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली है।
बल्लेबाजी रही हार की सबसे बड़ी वजह
भारतीय बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन इस हार का प्रमुख कारण रहा। कप्तान शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और करुण नायर दोनों पारियों में नाकाम रहे। गिल और जायसवाल, जिन्होंने पहले दो टेस्ट में क्रमशः तीन और एक शतक लगाए थे, इस बार दोनों पारियों में केवल 39 रन ही बना सके। नायर भी 40 और 16 रन के स्कोर पर आउट हुए, जो पहले दो टेस्ट में एक भी अर्धशतक नहीं बना सके थे।
लोअर ऑर्डर बल्लेबाज भी दोनों पारियों में प्रभाव छोड़ने में असफल रहे। हालांकि, गेंदबाजी में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया और इंग्लैंड को पहली पारी में 387 रन पर समेट दिया, लेकिन बल्लेबाजों के कमजोर प्रदर्शन के कारण भारत पहली पारी में बढ़त हासिल नहीं कर सका।
राहुल, पंत और जडेजा ने दिखाई कोशिश, लेकिन नहीं मिला साथ
केएल राहुल (100 और 39), ऋषभ पंत (74) और रवींद्र जडेजा (72 और 61) ने बल्ले से महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन बाकी बल्लेबाजों के असफल रहने के कारण भारत मजबूत स्थिति का फायदा नहीं उठा सका। पहली पारी में भारत का स्कोर एक समय 376/6 था, लेकिन इसके बाद केवल 11 रन जोड़कर पूरी टीम आउट हो गई। दूसरी पारी में भी राहुल और जडेजा को छोड़कर कोई बल्लेबाज 15 रन से ज्यादा नहीं बना सका।
लॉर्ड्स की पिच और टॉस का असर
लॉर्ड्स की पिच दिन-ब-दिन बल्लेबाजी के लिए मुश्किल होती गई। पहले दिन औसतन 63 रन पर एक विकेट गिरा, जो चौथे दिन 18 और पांचवें दिन 14 रन प्रति विकेट तक पहुंच गया। पिच पर बढ़ता बाउंस और स्विंग भारतीय बल्लेबाजों के लिए चुनौती बना। टॉस हारना भी भारत के लिए नुकसानदायक रहा, क्योंकि पहले बल्लेबाजी का फायदा इंग्लैंड ने बखूबी उठाया।
आर्चर की शानदार वापसी
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने चार साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी की और शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पहली पारी में 23.2 ओवर में 6 मेडन के साथ 2.22 की इकॉनमी से केवल 2 विकेट लिए। दूसरी पारी में उन्होंने यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत और वॉशिंगटन सुंदर को आउट किया। कप्तान बेन स्टोक्स ने भी 24 ओवर में 48 रन देकर 3 विकेट लिए। दोनों ने मिलकर मैच में 5-5 विकेट झटके।
एक्स्ट्रा रन ने बढ़ाई मुश्किल
भारत ने दोनों पारियों में कुल 44 एक्स्ट्रा रन दिए, जिसमें 26 रन दूसरी पारी में थे। अगर लेग बाय को भी जोड़ा जाए, तो भारत ने कुल 63 एक्स्ट्रा रन दिए, जबकि इंग्लैंड ने केवल 30 रन दिए। यह अंतर हार के 22 रन के मार्जिन में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
इंग्लैंड का लोअर ऑर्डर रहा निर्णायक
इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने पहली पारी में शानदार प्रदर्शन किया। 271/7 के स्कोर पर ब्रायडन कार्स (56) और जैमी स्मिथ (51) ने पारी को संभाला और स्कोर 387 तक पहुंचाया। वहीं, भारतीय निचला क्रम दोनों पारियों में नाकाम रहा।