फलोदी में बच्चों में फैल रहा HFMD वायरस,जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़।
फलोदी और आसपास के क्षेत्रों में एचएफएमडी (हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज) वायरस तेजी से फैल रहा है, जो मुख्य रूप से 10 साल तक के बच्चों को प्रभावित कर रहा है। जिला अस्पताल की चाइल्ड ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यह वायरस बुखार, मुंह में छाले और हाथ-पैरों पर चकत्ते का कारण बनता है। स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान शुरू किया है और स्वच्छता पर जोर दे रहा है।

फलोदी, 24 जुलाई 2025: राजस्थान के फलोदी और इसके आसपास के क्षेत्रों में हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी) का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। यह वायरल बीमारी मुख्य रूप से 10 साल से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बना रही है। स्थानीय जिला अस्पताल की चाइल्ड ओपीडी में पिछले कुछ दिनों में मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है, जहां रोजाना बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को लेकर उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।
HFMD क्या है?
एचएफएमडी एक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर कॉक्ससैकी वायरस (Coxsackievirus A16) और एंटरोवायरस 71 (EV71) के कारण होती है। यह बीमारी बच्चों में अधिक आम है, विशेष रूप से 5 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों में, लेकिन यह वयस्कों को भी प्रभावित कर सकती है। यह वायरस मुख्य रूप से दूषित सतहों, शारीरिक संपर्क, खांसी, छींक या मल के माध्यम से फैलता है। गर्मी और बरसात के मौसम में यह बीमारी अधिक तेजी से फैलती है, जिसके कारण फलोदी में इस समय इसका प्रकोप बढ़ रहा है।
लक्षण और प्रभाव
एचएफएमडी के लक्षणों में बुखार, गले में दर्द, भूख न लगना, थकान और मुंह में दर्दनाक छाले शामिल हैं। इसके अलावा, बच्चों के हाथ, पैर, मुंह और कभी-कभी नितंबों पर लाल चकत्ते या छाले दिखाई देते हैं। ये लक्षण आमतौर पर 7 से 10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में, खासकर एंटरोवायरस 71 के कारण, मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस) या मेनिनजाइटिस जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।
फलोदी के जिला अस्पताल में चिकित्सकों का कहना है कि अधिकांश बच्चे हल्के लक्षणों के साथ आ रहे हैं, लेकिन कुछ बच्चों में तेज बुखार और मुंह के छालों के कारण खाने-पीने में कठिनाई देखी जा रही है। ऐसे मामलों में बच्चों को हाइड्रेटेड रखना और दर्द निवारक दवाइयां देना जरूरी है।
जिला अस्पताल में बढ़ता दबाव
जिला अस्पताल की चाइल्ड ओपीडी में मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार, रोजाना 50 से अधिक बच्चे इस बीमारी के लक्षणों के साथ ओपीडी में पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि गर्म और आर्द्र मौसम के कारण यह वायरस तेजी से फैल रहा है। अस्पताल में बच्चों के लिए पर्याप्त बेड और दवाइयों की व्यवस्था की गई है, लेकिन अभिभावकों से सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।
रोकथाम और सावधानियां
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे बच्चों को भीड़भाड़ वाली जगहों, जैसे स्कूल और खेल के मैदानों, से कुछ समय के लिए दूर रखें। इसके अलावा, निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है:
हाथों की नियमित सफाई: बच्चों और अभिभावकों को बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने चाहिए।
सतहों की सफाई: खिलौने, दरवाजे के हैंडल और अन्य साझा वस्तुओं को नियमित रूप से कीटाणुनाशक से साफ करें।
संपर्क से बचाव: बीमार बच्चों को अन्य बच्चों से अलग रखें और चुंबन, गले मिलने या साझा बर्तनों का उपयोग न करें।
हाइड्रेशन: मुंह के छालों के कारण बच्चों को पानी और ठंडे तरल पदार्थ पर्याप्त मात्रा में दें ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
फलोदी के स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में जागरूकता अभियान शुरू किया है। स्कूलों में बच्चों को हैंडवॉशिंग और स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर बच्चे में बुखार, चकत्ते या मुंह में छाले जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश शर्मा ने बताया, "एचएफएमडी आमतौर पर एक हल्की बीमारी है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय पर उपचार और सावधानी से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें और लक्षण दिखते ही चिकित्सक से परामर्श लें।
फलोदी में एचएफएमडी के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और अभिभावकों के लिए चिंता का विषय पैदा कर दिया है। हालांकि यह बीमारी ज्यादातर मामलों में हल्की होती है, लेकिन जागरूकता और सावधानी से इसके प्रसार को रोका जा सकता है। अभिभावकों से अपील है कि वे अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखें और स्वच्छता संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें।