ईडी का धमाका: 78 लाख कैश, लग्जरी कारें जब्त, 100 करोड़ के घपले का पर्दाफाश

ईडी ने डेबॉक इंडस्ट्रीज और नेचुरो इंडिया पर छापेमारी कर 78 लाख रुपये नकद, लग्जरी कारें और दस्तावेज जब्त किए, मुकेश मनवीर पर 100 करोड़ के शेयर मार्केट घोटाले और रियल एस्टेट निवेश का आरोप।

Jul 7, 2025 - 14:23
ईडी का धमाका: 78 लाख कैश, लग्जरी कारें जब्त, 100 करोड़ के घपले का पर्दाफाश

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जयपुर, कोटा और टोंक (देवली) में दो कंपनियों, डेबॉक इंडस्ट्रीज लिमिटेड और नेचुरो एग्रोटेक इंडिया लिमिटेड, के 6 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई रविवार रात समाप्त की। इस कार्रवाई में 78 लाख रुपये नकद, प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज और चार लग्जरी कारें (रोल्स रॉयस, बेंटले, मर्सिडीज, लैंडक्रूजर एसयूवी) जब्त की गईं।

100 करोड़ के घोटाले का आरोप

डेबॉक ग्रुप के मालिक मुकेश मनवीर सिंह (उर्फ मुकेश महावर) पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय घोटाले का आरोप है। ED सूत्रों के अनुसार, मुकेश ने फर्जी कंपनियां बनाकर उन्हें शेयर मार्केट में लिस्ट किया और एक कंपनी के 8 रुपये के शेयर को 153 रुपये तक पहुंचाया। इस धोखाधड़ी से प्राप्त रकम को रियल एस्टेट में निवेश किया गया, जिसमें विला, हाउसिंग स्कीम, होटल, रिसॉर्ट और वेडिंग बैंक्वेट हॉल शामिल हैं। टोंक रोड, चाकसू में एक बहुमंजिला आवासीय योजना की भी तैयारी थी।

नेचुरो इंडिया के प्रमोटर्स पर भी एक्शन

ED ने नेचुरो एग्रोटेक इंडिया लिमिटेड के प्रमोटर्स गौरव जैन, ज्योति चौधरी और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की। दोनों कंपनियों के ऑफिस एक ही पते पर स्थित थे। 4 जुलाई की सुबह शुरू हुई इस कार्रवाई में ED को महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिले।

मुकेश मनवीर का राजनीतिक और सामाजिक प्रोफाइल

मुकेश मनवीर सिंह ने 2019 में टोंक-सवाई माधोपुर से शिवसेना के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। फिल्म अभिनेत्री राखी सावंत ने उनके लिए प्रचार किया, लेकिन उन्हें मात्र 4,900 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। मुकेश ने अपने ऑफिस के बाहर एक पोस्टर लगाकर खुद को केंद्र की टेलीफोन एडवायजरी कमेटी का सदस्य भी बताया था। पहले मुकेश महावर के नाम से जाने जाने वाले मनवीर ने शिवसेना से जुड़ने के बाद सक्रियता कम कर दी थी।

ED की छापेमारी में मुकेश मनवीर के घर, ऑफिस और नेचुरो इंडिया के प्रमोटर्स के ठिकानों को निशाना बनाया गया। जब्त दस्तावेजों और डिवाइसों से वित्तीय अनियमितताओं के और सबूत मिलने की उम्मीद है। यह कार्रवाई शेयर मार्केट में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों के तहत की गई।

Yashaswani Journalist at The Khatak .