लैटिन अमेरिका के कंटेंट क्रिएटर्स के साथ राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत वैश्विक मंच पर

विदेश मंत्रालय की जन कूटनीति पहल के तहत लैटिन अमेरिकी कंटेंट क्रिएटर्स का राजस्थान दौरा भारत की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन को वैश्विक मंच पर बढ़ावा दे रहा है। जयपुर में उपमुख्यमंत्री से मुलाकात ने सांस्कृतिक सेतु को मजबूत किया।

Aug 10, 2025 - 17:41
लैटिन अमेरिका के कंटेंट क्रिएटर्स के साथ राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत वैश्विक मंच पर

भारत की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की संभावनाओं को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में विदेश मंत्रालय (MEA) की जन कूटनीति पहल एक बार फिर रंग लाई। इस पहल के तहत लैटिन अमेरिकी देशों के 24 कंटेंट क्रिएटर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज जयपुर के ऐतिहासिक सिटी पैलेस में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी से शिष्टाचार भेंट की। यह मुलाकात न केवल भारत और लैटिन अमेरिकी देशों के बीच सांस्कृतिक सेतु को मजबूत करने का एक प्रयास थी, बल्कि राजस्थान की समृद्ध कला, संस्कृति और आतिथ्य को विश्व पटल पर प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर भी साबित हुई।

वैश्विक मंच पर राजस्थान की सैर

इस प्रतिनिधिमंडल में ब्राज़ील, मैक्सिको, अर्जेंटीना, चिली, कोलंबिया, पेरू, पनामा, कोस्टा रिका, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद-टोबैगो और जमैका जैसे देशों के कंटेंट क्रिएटर्स शामिल थे। ये सभी 9 से 15 अगस्त तक राजस्थान के प्रवास पर हैं, जहां वे भारत की जीवंत संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और विविधतापूर्ण जीवनशैली का अनुभव कर रहे हैं। सिटी पैलेस में आयोजित इस मुलाकात में उपमुख्यमंत्री ने मेहमानों का पारंपरिक राजस्थानी अंदाज़ में स्वागत किया और उन्हें राज्य की कला, स्थापत्य और आतिथ्य की गौरवशाली परंपराओं से अवगत कराया।

उपमुख्यमंत्री का संदेश: सांस्कृतिक धरोहर का प्रचार

उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी ने इस अवसर पर कहा, “ऐसी पहलें न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर प्रचारित करती हैं, बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में भी नई संभावनाओं को जन्म देती हैं। राजस्थान की कला, संस्कृति और आतिथ्य की परंपरा अनूठी है, और मुझे खुशी है कि आप सभी इसे करीब से अनुभव कर रहे हैं।” उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के अनुभवों को सुनने में गहरी रुचि दिखाई और उनके साथ राजस्थान के रंग-बिरंगे उत्सवों, हस्तशिल्प और स्थानीय व्यंजनों पर चर्चा की।

कंटेंट क्रिएटर्स का उत्साह, डिजिटल मंचों पर होगी राजस्थान की गूंज

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने राजस्थान की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत, रंगारंग उत्सवों और स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों की जमकर तारीफ की। ब्राज़ील से आए एक कंटेंट क्रिएटर ने कहा, “जयपुर का सिटी पैलेस और राजस्थान की संस्कृति हमें एक अलग ही दुनिया में ले आई है। यहां की हर चीज़ में इतिहास और कला की गहरी छाप है।” एक अन्य क्रिएटर ने स्थानीय खानपान, विशेष रूप से दाल-बाटी-चूरमा और गट्टे की सब्जी की तारीफ करते हुए कहा कि वे अपने प्रशंसकों के साथ इन अनुभवों को साझा करने के लिए उत्साहित हैं।

सभी कंटेंट क्रिएटर्स ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स—जैसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम और टिकटॉक—पर राजस्थान के इन अनुभवों को साझा करने का वादा किया। उनके लाखों फॉलोअर्स तक राजस्थान की सांस्कृतिक झलक पहुंचने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत और लैटिन अमेरिकी देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग भी मजबूत होगा।

जन कूटनीति का महत्व

विदेश मंत्रालय की जन कूटनीति पहल का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताओं को वैश्विक समुदाय तक पहुंचाना है। इस तरह के आयोजन न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं, बल्कि विभिन्न देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को भी प्रोत्साहित करते हैं। लैटिन अमेरिकी देशों के कंटेंट क्रिएटर्स का यह दौरा राजस्थान की पर्यटन क्षमता को उजागर करने का एक प्रभावी माध्यम साबित हो रहा है।

राजस्थान की सैर का रोमांच

इस सात दिवसीय दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल जयपुर, उदयपुर, जोधपुर और पुष्कर जैसे शहरों का भ्रमण करेगा। वे हवामहल, आमेर किला, मेहरानगढ़ और पुष्कर के पवित्र मंदिरों जैसे स्थानों का दौरा करेंगे। इसके अलावा, वे स्थानीय बाजारों में हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्त्रों की खरीदारी का आनंद लेंगे और राजस्थानी लोक नृत्य और संगीत के कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

यह मुलाकात न केवल राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर ले जाने का एक प्रयास है, बल्कि यह उन लाखों लोगों तक भारत की कहानी पहुंचाने का एक माध्यम भी है जो इन कंटेंट क्रिएटर्स को सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं। उपमुख्यमंत्री ने मेहमानों को राजस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किए और उन्हें भविष्य में फिर से आने का निमंत्रण दिया।

इस पहल से न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक और पर्यटन क्षमता को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान मिलेगी। जैसे-जैसे ये कंटेंट क्रिएटर्स अपनी कहानियां और वीडियो साझा करेंगे, वैसे-वैसे भारत की समृद्ध विरासत दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचेगी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .