मजदूरी से लौटते समय सड़क हादसे का शिकार बना बनवारी लाल: अगले महीने बेटी की शादी थी, परिवार में कोहराम
बूंदी जिले के तालेड़ा निवासी 39 वर्षीय मजदूर बनवारी लाल की 17 नवंबर को अज्ञात वाहन की टक्कर से गंभीर चोटें आईं। कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान आज उनकी मौत हो गई। अगले महीने उनकी बेटी की शादी थी, परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
बूंदी/कोटा, 20 नवंबर 2025: प्रताप कॉलोनी, थाना तालेड़ा के निवासी 39 वर्षीय बनवारी लाल की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। मजदूरी के लिए शिवरायपाटन कार्तिक मेले में दुकान पर काम करने वाले बनवारी लाल जब शाम को घर लौट रहे थे, तभी अज्ञात वाहन ने उनसे जोरदार टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल बनवारी का इलाज कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा था, जहां आज इलाज के दौरान उनकी जिंदगी की जंग हार गई। यह घटना 17 नवंबर को घटी थी, लेकिन परिवार को जैसे ही खबर मिली, उनके सिर से सदमा उतर ही नहीं पाया।
घटना की पूरी जानकारी; घटना उस समय घटी जब बनवारी लाल अपने दैनिक कार्य से निवृत्त होकर बूंदी जिले के तालेड़ा थाना क्षेत्र में स्थित प्रताप कॉलोनी की ओर लौट रहे थे। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शाम के समय अज्ञात वाहन चालक ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए बनवारी को तेज रफ्तार में टक्कर मार दी। हादसे के तुरंत बाद बनवारी गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तत्काल स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए उन्हें कोटा के प्रसिद्ध न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उनकी जान बचाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन चोटों की गंभीरता के कारण आज सुबह करीब 10 बजे बनवारी ने अंतिम सांस ली।पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। तालेड़ा थाने की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया और अज्ञात वाहन की तलाश शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में वाहन चालक की लापरवाही और तेज गति को हादसे का मुख्य कारण बताया जा रहा है। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने और गवाहों से पूछताछ करने का काम तेज कर दिया है। एसपी बूंदी ने बताया कि दोषी को जल्द गिरफ्तार कर न्याय दिलाया जाएगा।
पीड़ित का पारिवारिक पृष्ठभूमि और दर्द; भरी कहानीबनवारी लाल एक साधारण मजदूर थे, जो परिवार का एकमात्र सहारा थे। वे प्रताप कॉलोनी में अपनी पत्नी, दो बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रहते थे। बनवारी की सबसे बड़ी बेटी की शादी अगले महीने, यानी दिसंबर में तय थी। वे दिन-रात मेहनत करके बेटी की शादी की तैयारियां कर रहे थे। कार्तिक मेले में दुकान पर मजदूरी का काम करके वे परिवार का पालन-पोषण करते थे। उनकी मौत की खबर सुनते ही पूरा परिवार सदमे में डूब गया। बेटी की शादी की तैयारियां अब अधर में लटक गई हैं, और घर में मातम का सन्नाटा छा गया है।पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने बताया कि बनवारी एक मेहनती और जिम्मेदार व्यक्ति थे। वे हमेशा परिवार की भलाई के लिए चिंतित रहते थे। उनकी पत्नी ने रोते हुए कहा, "बनवारी तो बेटी की शादी के लिए नया कपड़ा और सामान लाने की सोच रहे थे। अब कौन संभालेगा यह सब?" परिवार ने पुलिस से दोषी को कड़ी सजा देने की मांग की है।