दोस्ताना फिर से : ट्रंप और मोदी के बीच व्यापार वार्ता की राह में उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार विवाद को सुलझाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर कहा कि वह अपने "बहुत अच्छे दोस्त" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं। यह बयान तब आया है, जब दोनों देशों के बीच 50% टैरिफ को लेकर तनाव चरम पर था। ट्रंप ने विश्वास जताया कि व्यापारिक बाधाएं दूर हो जाएंगी और दोनों देशों के लिए लाभकारी समझौता होगा। PM मोदी ने भी इसे "स्वाभाविक साझेदारी" बताते हुए सकारात्मक जवाब दिया। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुलाकात करेंगे, जिसमें टैरिफ और व्यापार समझौते पर चर्चा होगी। यह खबर भारत-अमेरिका संबंधों में नई गर्माहट और आर्थिक सहयोग की उम्मीद जगाती है।

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव के बीच एक सकारात्मक मोड़ आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने हालिया बयान में भारत के साथ व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत को फिर से शुरू करने की इच्छा जताई है। अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं। मैं आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि दोनों महान देशों के लिए सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी।" यह बयान भारत-अमेरिका संबंधों में गर्माहट लाने वाला माना जा रहा है, जो हाल के महीनों में टैरिफ विवाद के कारण तनावपूर्ण रहा है।
टैरिफ विवाद का उभार
पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनाव देखा गया है। जुलाई 2025 में ट्रंप प्रशासन ने भारत के रूस से तेल आयात और सैन्य उपकरणों की खरीद को लेकर नाराजगी जताते हुए भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो 7 अगस्त 2025 से लागू हो गया। इसके बाद, 6 अगस्त को अतिरिक्त 25% टैरिफ की घोषणा की गई, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया। यह अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से प्रभावी होगा। ट्रंप ने भारत के उच्च टैरिफ को दुनिया में सबसे अधिक बताते हुए इसे "अनुचित" करार दिया था और कहा था कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे रहा है।
भारत ने इस कदम को "अन्यायपूर्ण" ठहराया और अपनी ऊर्जा नीति को राष्ट्रीय हितों से जोड़कर इसका बचाव किया। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत की तेल खरीद वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर की जाती है। तेल मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने भी स्पष्ट किया कि भारत के पास वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध हैं और वह किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा।
किसानों और राष्ट्रीय हितों की प्राथमिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैरिफ विवाद के बीच साफ किया कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी उद्योग के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। 7 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उन्होंने कहा, "हमारे लिए किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत इसके लिए भारी कीमत चुकाने को तैयार है।" इस बयान ने भारत की दृढ़ता को दर्शाया और यह संदेश दिया कि आर्थिक दबाव के बावजूद भारत अपनी संप्रभुता और हितों की रक्षा करेगा।
ट्रंप का नरम रुख और बातचीत की उम्मीद
हालांकि, ट्रंप के हालिया बयान ने माहौल को बदलने का काम किया है। उनके इस सकारात्मक बयान को विशेषज्ञ उनके पहले के कठोर बयानों को संतुलित करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। ट्रंप ने पहले मार्च 2025 में दावा किया था कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में "भारी कटौती" करने पर सहमति जताई है, लेकिन बाद में टैरिफ विवाद के कारण बातचीत रुक गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप के इस बयान का स्वागत किया। उन्होंने X पर लिखा, "भारत और अमेरिका न केवल करीबी दोस्त हैं, बल्कि स्वाभाविक साझेदार भी हैं। मुझे भरोसा है कि हमारी व्यापार वार्ता भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को खोलने का रास्ता बनाएगी। हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही हैं।"
दोनों देशों की सक्रियता
इस सकारात्मक माहौल के बीच, दोनों देशों की ओर से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगले सप्ताह एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका का दौरा करेगा, जिसका उद्देश्य व्यापारिक बाधाओं को दूर करना और दोनों देशों के लिए लाभकारी समझौता करना है। इसके अलावा, 17-18 सितंबर को एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत आएगा, जो छह P8I एंटी-सबमरीन वॉरफेयर एयरक्राफ्ट और 113 GE-404 विमान इंजनों की खरीद से संबंधित बातचीत करेगा। ये इंजन भारत के तेजस मार्क 1A लड़ाकू विमानों के लिए हैं।
विशेषज्ञों की राय: सकारात्मक भविष्य की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में गर्माहट लाने का संकेत है। अप्रैल 2025 में अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि भारत के साथ बातचीत अन्य देशों की तुलना में आसान है, और सकारात्मक दिशा में प्रगति हो रही है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि भारत अमेरिका का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है, और अमेरिका भारतीय निर्यात के लिए एक बड़ा बाजार है। टैरिफ में कमी और व्यापारिक बाधाओं को हटाने से दोनों देशों को आर्थिक लाभ होगा, साथ ही रणनीतिक साझेदारी भी मजबूत होगी।