अंतरिक्ष से भारत की अनुपम सुंदरता: शुभांशु शुक्ला ने शेयर किया मनमोहक टाइमलैप्स वीडियो.
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से भारत का एक मनमोहक टाइमलैप्स वीडियो शेयर किया, जिसमें हिंद महासागर से हिमालय तक भारत की प्राकृतिक सुंदरता, तूफानों की बैंगनी चमक और सूर्योदय का जादुई नजारा दिखता है। Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए शुभांशु ने इस वीडियो के जरिए भारत की भव्यता को दुनिया के सामने पेश किया, जिसे सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है। यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक है।

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से भारत का एक शानदार टाइमलैप्स वीडियो शेयर किया, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। यह वीडियो न केवल भारत की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है, बल्कि अंतरिक्ष से देखे गए हमारे देश के अद्भुत नजारे को भी दुनिया के सामने लाता है। शुभांशु शुक्ला, जो Axiom-4 मिशन के तहत ISS पर गए थे, ने इस वीडियो को अपने आधिकारिक X अकाउंट पर पोस्ट किया, जिसे देखकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
क्या है इस टाइमलैप्स वीडियो में खास?
यह टाइमलैप्स वीडियो तब कैप्चर किया गया, जब ISS हिंद महासागर से होते हुए भारत के पूर्वी तट के ऊपर से गुजर रहा था। वीडियो में भारत की भौगोलिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य को बखूबी देखा जा सकता है। शुभांशु ने बताया कि वीडियो में दिखने वाली बैंगनी चमक देश भर में हो रहे तूफानों और बिजली गिरने का नजारा है। इसके बाद, जब स्क्रीन पर अंधेरा छा जाता है, वह हिस्सा हिमालय का है। हिमालय को पार करने के बाद धीरे-धीरे सूर्योदय का मनमोहक दृश्य सामने आता है, जो पूरे फ्रेम को रोशनी से भर देता है। पृष्ठभूमि में टिमटिमाते तारे इस दृश्य को और भी जादुई बनाते हैं।शुभांशु ने सुझाव दिया कि इस वीडियो को लैंडस्केप मोड में और हाई ब्राइटनेस पर देखने से इसका पूरा अनुभव लिया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि मानसून के मौसम के कारण ज्यादातर हिस्सों में बादल छाए थे, फिर भी वे भारत के कुछ खूबसूरत शॉट्स कैप्चर करने में सफल रहे।
शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक मिशन
शुभांशु शुक्ला ने 25 जून 2025 को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए Axiom-4 मिशन के तहत अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी। वे ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने और 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। 18 दिन तक ISS पर रहने के बाद, उन्होंने 15 जुलाई 2025 को प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया के तट पर स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल के जरिए सुरक्षित वापसी की। इस मिशन के दौरान, शुभांशु और उनकी टीम ने 31 देशों के 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें भारत के ISRO द्वारा तैयार किए गए सात प्रयोग शामिल थे।
भारत के लिए गर्व का पल
शुभांशु ने अपने मिशन के दौरान न केवल वैज्ञानिक उपलब्धियां हासिल कीं, बल्कि अंतरिक्ष से भारत को देखने के अपने अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉल पर बातचीत में कहा था, “अंतरिक्ष से कोई सीमा नहीं दिखती। पूरी पृथ्वी एकजुट दिखती है, और भारत बहुत भव्य लगता है।” उनकी यह बात NCERT की पांचवीं कक्षा की पर्यावरण अध्ययन की पाठ्यपुस्तक में शामिल की गई है, जो युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
सोशल मीडिया पर उत्साह
शुभांशु द्वारा शेयर किए गए इस टाइमलैप्स वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। X पर कई यूजर्स ने इसे “अद्भुत” और “गर्व का पल” करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “स्पेस से दिखाई देता अपनी मातृभूमि भारत का यह अद्भुत दर्शनीय नजारा… मानो धरती पर बसा स्वर्ग हो!” यह वीडियो न केवल भारत की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है, बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती ताकत को भी रेखांकित करता है।मिशन का महत्वAxiom-4 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मिशन नासा और ISRO के बीच सहयोग का प्रतीक है और भारत के गगनयान मिशन की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। शुभांशु की इस उपलब्धि ने न केवल भारत को गौरवान्वित किया है, बल्कि युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में करियर बनाने के लिए प्रेरित भी किया है।
शुभांशु शुक्ला का यह टाइमलैप्स वीडियो भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक समृद्धि को अंतरिक्ष की ऊंचाइयों से दिखाने का एक अनूठा प्रयास है। यह वीडियो न केवल एक दृश्यात्मक अनुभव है, बल्कि भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास का भी प्रतीक है। शुभांशु की इस उपलब्धि ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।