अनिल अंबानी के घर पर सीबीआई का छापा, 2000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में FIR दर्ज.

सीबीआई ने शनिवार सुबह अनिल अंबानी के मुंबई स्थित घर और रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के परिसरों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 2,227 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में की गई, जिसमें अनिल अंबानी के खिलाफ FIR दर्ज है। मामला 17,000 करोड़ के व्यापक फ्रॉड से भी जुड़ा है। आरकॉम दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही है, और अनिल अंबानी की वित्तीय अनियमितताओं की जांच ईडी और सेबी भी कर रही है।

Aug 23, 2025 - 14:30
अनिल अंबानी के घर पर सीबीआई का छापा, 2000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में FIR दर्ज.

नई दिल्ली, 23 अगस्त 2025: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार सुबह उद्योगपति अनिल अंबानी के मुंबई स्थित आवास और रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में की गई है, जिसमें अनिल अंबानी और आरकॉम के खिलाफ एक नई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार, सीबीआई की टीमें सुबह 7 बजे से मुंबई में छह स्थानों पर तलाशी ले रही हैं, और इस दौरान अनिल अंबानी अपने परिवार के साथ घर पर मौजूद थे।

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई की यह कार्रवाई एसबीआई की शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरकॉम और इसके प्रमोटर निदेशक अनिल अंबानी पर 2,227.64 करोड़ रुपये की बकाया राशि और 786.52 करोड़ रुपये की गैर-निधि आधारित बैंक गारंटी से संबंधित धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। कुल मिलाकर, इस मामले में एसबीआई को 3,073 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। बैंक ने 13 जून 2025 को आरकॉम और अनिल अंबानी को "धोखाधड़ी" के रूप में वर्गीकृत किया था, जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन के दिशानिर्देशों और बैंक की आंतरिक नीति के अनुरूप था। इसके बाद, 24 जून 2025 को एसबीआई ने इस वर्गीकरण की जानकारी आरबीआई को दी और सीबीआई में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की।एसबीआई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आरकॉम ने ऋण के उपयोग में अनियमितताएं कीं, जिसमें जटिल वित्तीय लेनदेन के जरिए धन का दुरुपयोग और संभावित रूप से फंड का हस्तांतरण शामिल है। सीबीआई की तलाशी का मकसद महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों को इकट्ठा करना है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बैंक के फंड का दुरुपयोग कैसे हुआ और क्या इसे अन्य संस्थाओं में डायवर्ट किया गया।

17,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड का भी है मामला

हालांकि सीबीआई की मौजूदा कार्रवाई 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान से संबंधित है, लेकिन अनिल अंबानी और उनकी कंपनियां एक बड़े, 17,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में भी जांच के दायरे में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में इस मामले में अनिल अंबानी से 5 अगस्त को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी। ईडी की जांच में रिलायंस होम फाइनेंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस, और आरकॉम द्वारा लिए गए ऋणों में अनियमितताओं की बात सामने आई है। इसके अलावा, यस बैंक से 2017 से 2019 के बीच लिए गए 3,000 करोड़ रुपये के ऋण के कथित दुरुपयोग और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच भी चल रही है।सूत्रों के अनुसार, ईडी को संदेह है कि इन ऋणों का एक हिस्सा शेल कंपनियों के जरिए डायवर्ट किया गया और कुछ मामलों में बैंक अधिकारियों को रिश्वत दी गई। इसके अतिरिक्त, सेबी ने भी अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों पर 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के फंड डायवर्जन का आरोप लगाया है, जिसके लिए उन पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया और पांच साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित किया गया।

आरकॉम की स्थिति और दिवाला प्रक्रिया

रिलायंस कम्युनिकेशंस वर्तमान में दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुजर रही है। कंपनी की देनदारियां 46,000 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती हैं। लेनदारों की समिति ने 6 मार्च 2020 को एक समाधान योजना को मंजूरी दी थी, जिसे राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), मुंबई में दायर किया गया है, लेकिन इसकी अंतिम मंजूरी अभी बाकी है। इसके साथ ही, एसबीआई ने अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवाला प्रक्रिया भी शुरू की है, जो एनसीएलटी, मुंबई में विचाराधीन है।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

यह पहली बार नहीं है जब अनिल अंबानी और आरकॉम को धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है। एसबीआई ने नवंबर 2020 में भी आरकॉम और अनिल अंबानी को "धोखाधड़ी" के रूप में वर्गीकृत किया था और जनवरी 2021 में सीबीआई में शिकायत दर्ज की थी। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट के 6 जनवरी 2021 के "यथास्थिति" आदेश के कारण उस समय मामला आगे नहीं बढ़ सका। इसके अलावा, कैनरा बैंक ने भी सितंबर 2024 में आरकॉम को "धोखाधड़ी करने वाला उधारकर्ता" घोषित किया था, लेकिन बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट में इस वर्गीकरण को वापस ले लिया।

अनिल अंबानी की मुश्किलें

एक समय दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार रहे अनिल अंबानी की व्यापारिक साख पिछले कुछ वर्षों में कई धोखाधड़ी, फंड डायवर्जन, और डिफॉल्ट के आरोपों के कारण चरमराई है। उनकी कंपनियां, जैसे रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कैपिटल, और रिलायंस पावर, वित्तीय संकट और दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही हैं। 2020 में, अनिल अंबानी ने लंदन की एक अदालत में व्यक्तिगत दिवालियापन की घोषणा की थी, जहां उन्हें चीनी बैंकों को 716 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया गया था।