कांग्रेस नेता जयराम रमेश का तीखा हमला: अमेरिका का पाकिस्तान को 'आतंकवाद विरोधी साझेदार' बताना भारत के लिए कूटनीतिक झटका!"

अमेरिकी सेंट्रल कमांड प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी साझेदार बताया और आसिम मुनीर को अमेरिकी सेना दिवस में निमंत्रित किया, जिसे भारत ने कूटनीतिक झटका माना। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधा, जबकि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।

Jun 12, 2025 - 08:16
कांग्रेस नेता जयराम रमेश का तीखा हमला: अमेरिका का पाकिस्तान को 'आतंकवाद विरोधी साझेदार' बताना भारत के लिए कूटनीतिक झटका!"

कांग्रेस पार्टी ने अमेरिका के सेंट्रल कमांड प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक "शानदार साझेदार" बताया। कांग्रेस का कहना है कि यह भारत के लिए एक बड़ा कूटनीतिक झटका है और केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति के मोर्चे पर सरकार की विफलता करार दिया है। 

कांग्रेस का रुख:

कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाया है। पार्टी का मानना है कि अमेरिका का पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी साझेदार बताना और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को 14 जून 2025 को अमेरिकी सेना दिवस समारोह में वाशिंगटन आमंत्रित करना भारत की कूटनीतिक स्थिति को कमजोर करता है।

 कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा, "अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख ने पाकिस्तान को 'आतंकवाद विरोधी अभियान में शानदार साझेदार' कहा है। हमारे प्रधानमंत्री और उनकी गुणगान मंडली इस पर क्या कहेगी? क्या यह भारत के लिए कूटनीतिक झटका नहीं है?" इसके अलावा, पार्टी ने मांग की है कि सरकार इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाए और अपनी स्थिति स्पष्ट करे।

कुरिल्ला का बयान और विवाद:

जनरल माइकल कुरिल्ला ने 10 जून 2025 को अमेरिकी सशस्त्र सेवा समिति की सुनवाई के दौरान यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा दी गई खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान ने 2024 की शुरुआत से अपने पश्चिमी क्षेत्रों में कम से कम पांच आतंकवादियों को पकड़ा है। कुरिल्ला ने यह भी जोड़ा कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संबंध बनाए रखने चाहिए, और यह कोई "दो में से एक" चुनने का मामला नहीं है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की भी प्रशंसा की, जिसे भारत ने कड़ा संदेश माना है।

भारत का रुख और ऑपरेशन सिंदूर:

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। जम्मू-कश्मीर में हाल के पहलगाम हमले के बाद शुरू किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" में 100 से अधिक आतंकवादी निष्प्रभावी किए गए। भारत का स्पष्ट मत है कि आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते, और पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश माना जाता है। अमेरिका का यह बयान भारत की इस नीति के खिलाफ जाता है, जिसे कूटनीतिक अस्वीकार्यता के रूप में देखा जा रहा है।

पाकिस्तानी सेना प्रमुख को निमंत्रण:

अमेरिका का पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर को 14 जून 2025 को वाशिंगटन में आयोजित सेना दिवस समारोह में आमंत्रित करना भी विवाद का कारण बना है। यह कदम भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिका की दोहरी नीति को दर्शाता है, जिसे कांग्रेस ने सरकार की निष्क्रियता का परिणाम बताया है।

अमेरिका की रणनीति और विश्लेषण:

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका पाकिस्तान को अपने पक्ष में रखना चाहता है, खासकर चीन के साथ उसके बढ़ते रिश्तों (CPEC और BRI) को संतुलित करने के लिए। कुरिल्ला का बयान इस रणनीति का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह भारत के लिए असमंजस पैदा करता है। भारत को अपनी कूटनीति को और मजबूत करना होगा ताकि वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवाद-समर्थक चेहरे को बेनकाब किया जा सके।

अमेरिका का यह बयान और आसिम मुनीर को निमंत्रण भारत के लिए एक जटिल कूटनीतिक चुनौती है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को सरकार की विफलता के रूप में पेश करते हुए दबाव बढ़ाया है। अब यह देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार इस स्थिति का जवाब कैसे देती है। भारत को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर और आक्रामक कदम उठाने पड़ सकते हैं।