आईसीयू में भर्ती महिला का शव लटका मिला हॉस्पिटल के बाहर, इलाके में फेली शनशनी

मकराना के निजी अस्पताल में लिछमा देवी की संदिग्ध मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को गहरा सदमा दिया, बल्कि निजी स्वास्थ्य सेवाओं में मरीजों की सुरक्षा और देखभाल की व्यवस्था पर भी सवाल उठा दिए। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह घटना निजी अस्पतालों में बेहतर निगरानी और जवाबदेही की जरूरत को उजागर करती है।

Apr 28, 2025 - 12:45
Apr 28, 2025 - 12:55
आईसीयू में भर्ती महिला का शव लटका मिला हॉस्पिटल के बाहर, इलाके में फेली शनशनी

रिपोर्ट/राजेंद्र सिंह :मकराना, 28 अप्रैल 2025: मकराना के एक निजी अस्पताल में एक सनसनीखेज घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। आठ दिन से पेट दर्द के इलाज के लिए भर्ती  गुणावती निवासी लिछमा देवी (पत्नी पप्पूराम सांसी) रात के समय अस्पताल की बालकनी पर फंदे से लटकी हुई पाई गई। इस घटना के बाद मृतका के परिजनों और रिश्तेदारों ने अस्पताल प्रशासन पर कथित लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। आक्रोशित परिजनों ने मंगलाना सड़क मार्ग को जाम कर दिया, जिसके चलते पुलिस को शव को पोस्टमार्टम के लिए परबतसर के राजकीय चिकित्सालय भेजने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
घटना का विवरण
मृतका लिछमा देवी, जो गुणावती (मकराना) की निवासी थीं, लंबे समय से किसी रोग से पीड़ित थीं। उनके परिजनों के अनुसार, गत कुछ दिनों से पेट दर्द की शिकायत बढ़ने के कारण उन्हें मकराना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लिछमा पिछले सात-आठ दिनों से अस्पताल में उपचाराधीन थीं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही थी।
मृतका की बेटी सुनीता (पत्नी कैलाश राम, निवासी नई बस्ती, पाली) ने बताया कि वह रात पौने एक बजे अपनी मां को देखने अस्पताल गई थीं। सुनीता ने मां को बिस्तर पर नहीं पाया और शौचालय सहित अन्य जगहों पर उनकी तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिलीं। सुनीता ने अस्पताल स्टाफ को इसकी सूचना दी, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कुछ देर बाद, सुनीता ने बालकनी की ओर देखा, जहां उनकी मां लिछमा फंदे से लटकी हुई दिखाई दीं। यह दृश्य देखकर सुनीता सदमे में आ गईं और तुरंत अपने परिजनों को सूचित किया।
परिजनों का हंगामा और सड़क जाम
घटना की खबर फैलते ही मृतका के परिजन और रिश्तेदार बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच गए। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया और सवाल उठाया कि एक भर्ती मरीज, जिसका इलाज चल रहा था, आखिर बालकनी तक कैसे पहुंची और वहां फंदे से लटक गई? परिजनों का कहना था कि अस्पताल स्टाफ ने मरीज की निगरानी में घोर लापरवाही बरती, जिसके चलते यह दुखद हादसा हुआ।
आक्रोशित परिजनों ने मंगलाना सड़क मार्ग को जाम कर दिया और सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। इससे सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई और स्थानीय लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से रोकने की कोशिश की, जिसके चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
पुलिस का हस्तक्षेप और पोस्टमार्टम
मामले की सूचना मिलते ही मकराना पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाने की कोशिश की। परबतसर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस मामले में पुलिस ने परिजनों से लंबी बातचीत के बाद स्थिति को नियंत्रित किया। काफी प्रयासों के बाद परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए परबतसर के राजकीय चिकित्सालय भेजने पर सहमत हुए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
सुनीता की शिकायत
मृतका की बेटी सुनीता ने मकराना पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में सुनीता ने बताया कि उनकी मां लिछमा देवी पिछले सात-आठ दिनों से पेट दर्द के इलाज के लिए मकराना के निजी अस्पताल में भर्ती थीं। सुनीता ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी मां की मृत्यु के लिए अस्पताल स्टाफ जिम्मेदार है। पुलिस ने सुनीता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी है।
अस्पताल प्रशासन पर सवाल
इस घटना ने निजी अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा और निगरानी के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। मृतका के पुत्र मनोज ने कहा, "मेरी मां का इलाज चल रहा था, फिर भी वह बालकनी तक कैसे पहुंचीं? अस्पताल स्टाफ ने उनकी देखभाल में लापरवाही बरती, जिसके चलते हमने अपनी मां को खो दिया। हम दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।"
अस्पताल का पक्ष
अस्पताल प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वे इस घटना की आंतरिक जांच कर रहे हैं और पुलिस जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
परिजनों की मांग
मृतका के परिजनों और रिश्तेदारों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए। साथ ही, उन्होंने मांग की है कि निजी अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम लागू किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ