शराब दुकान के खिलाफ ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन, महिलाएं उतरी सड़कों पर
जोधपुर के लूणी क्षेत्र में बासनी सिलावटा के ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं ने बोरानाड़ा-बुझावड़ रोड पर शराब की दुकान की नई शाखा खोलने के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। सामाजिक सुरक्षा और नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए रास्ता जाम कर विरोध जताया गया। प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची।

जोधपुर जिले के लूणी क्षेत्र में बोरानाड़ा के बासनी सिलावटा में एक नई शराब दुकान की शाखा खोलने की योजना के खिलाफ ग्रामीणों और विशेष रूप से महिलाओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बोरानाड़ा-बुझावड़ रोड पर सड़क जाम कर प्रशासन और शराब दुकान के खिलाफ नारेबाजी की, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। प्रदर्शन की सूचना पर प्रशासन और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
विरोध प्रदर्शन की वजह
बासनी सिलावटा के ग्रामीणों का कहना है कि उनकी बस्ती के नजदीक शराब की दुकान खुलने से सामाजिक माहौल खराब होगा। महिलाओं ने विशेष रूप से इस बात पर चिंता जताई कि शराब दुकान के कारण नशे में धुत लोग क्षेत्र में अशांति फैलाएंगे, जिससे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। ग्रामीणों का आरोप है कि शराब की दुकान रिहायशी इलाके और स्कूलों के पास खोली जा रही है, जो उनके बच्चों के भविष्य पर बुरा असर डालेगी। इसके अलावा, शराब के कारण घरेलू हिंसा और सामाजिक अपराधों में वृद्धि की आशंका भी जताई गई।
प्रदर्शन का स्वरूप
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और स्थानीय लोग शामिल हुए। महिलाओं ने बोरानाड़ा-बुझावड़ रोड पर धरना देकर यातायात को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने शराब दुकान को बंद करने की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। कुछ महिलाओं ने यह भी कहा कि शराब दुकान के कारण उनके परिवार बर्बाद हो रहे हैं, क्योंकि पुरुष शराब खरीदने में अपनी कमाई खर्च कर देते हैं, जिससे घर की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है।
प्रशासन और पुलिस का हस्तक्षेप
विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशasan और पुलिस मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और सड़क जाम को खुलवाने का प्रयास किया। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की और दुकान की स्थिति को लेकर जांच का आश्वासन दिया।
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
बासनी सिलावटा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानों का विरोध कोई नई बात नहीं है। पहले भी कई बार महिलाएं और ग्रामीण शराब दुकानों के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं। इस तरह के प्रदर्शन सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बचाने की कोशिश का हिस्सा हैं, जहां ग्रामीण समुदाय शराब के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूक हो रहे हैं। विशेष रूप से महिलाएं, जो घर और परिवार की जिम्मेदारी संभालती हैं, शराब के कारण होने वाली समस्याओं जैसे घरेलू हिंसा, आर्थिक तंगी और सामाजिक अशांति से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं।
ग्रामीणों की मांग
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि शराब दुकान की शाखा को तत्काल बंद किया जाए या इसे रिहायशी इलाके से दूर किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे और उग्र प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वे शराब माफिया और प्रशासन की मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे प्रदर्शन
जोधपुर और आसपास के क्षेत्रों में शराब दुकानों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का इतिहास रहा है। उदाहरण के लिए, धमतरी में 2021 में सोरिद, जोधापुर और डाकबंगला वार्ड की सीमा पर शराब दुकान खोलने के खिलाफ ग्रामीणों और महिलाओं ने उग्र प्रदर्शन किया था, जिसके बाद प्रशासन को दुकान बंद करनी पड़ी थी। इसी तरह, अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में भी शराब दुकानों के खिलाफ महिलाओं ने सड़क जाम और तोड़फोड़ जैसे कदम उठाए हैं।
बोरानाड़ा के बासनी सिलावटा में शराब दुकान के खिलाफ ग्रामीणों का यह विरोध प्रदर्शन सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। महिलाओं की अगुआई में हुए इस प्रदर्शन ने प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शराब दुकानों का स्थान चयन करते समय स्थानीय समुदाय की भावनाओं और जरूरतों का ध्यान रखा जाए। फिलहाल, प्रशासन ने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे चुप नहीं बैठेंगे। यह खबर जोधपुर के लूणी क्षेत्र में शराब दुकान के खिलाफ ग्रामीणों के गुस्से और उनकी एकजुटता को दर्शाती है, जो सामाजिक बदलाव और अपने समुदाय की बेहतरी के लिए उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।