"बालोतरा में अवैध हथियारों के साथ वायरल वीडियो बनाने वाले दो युवक गिरफ्तार"

अवैध हथियारों का वीडियो वायरल करने वाले दो युवकों पर पुलिस की कार्रवाई
बालोतरा जिले के गिड़ा थाना क्षेत्र में पुलिस ने सोशल मीडिया पर फायरिंग का वीडियो अपलोड करने वाले दो संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है। यह घटना हाल ही में घटी, जब दोनों आरोपी अपने अवैध हथियारों से गोलीबारी का वीडियो बनाकर ऑनलाइन शेयर कर रहे थे। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके कब्जे से दो अवैध पिस्टलें और तीन जिंदा कारतूस जब्त किए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि ये युवक हथियारों की खरीद-फरोख्त के धंधे में लिप्त थे, और वर्तमान में इस सिलसिले में गहन जांच चल रही है।
घटना का विवरण
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ युवक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फायरिंग के वीडियो पोस्ट कर अपराध की आड़ में युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। इन वीडियो में आरोपी खुद को 'बाहुबली' दिखाने के लिए हवा में गोली चलाते नजर आ रहे थे। वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय थाने की टीम ने तत्काल कार्रवाई की और दोनों को एक छापेमारी में पकड़ लिया। घटना स्थानीय स्तर पर सनसनी फैला रही है, क्योंकि ऐसी गतिविधियां युवाओं के बीच हिंसा को बढ़ावा दे सकती हैं।गिरफ्तार युवकों की पहचान 25 वर्षीय चूतरसिंह और 28 वर्षीय नारायणसिंह के रूप में हुई है। दोनों शहर के बाहरी इलाके में रहते हैं और कथित तौर पर पिछले कुछ महीनों से अवैध हथियारों का कारोबार चला रहे थे। पुलिस के अनुसार, ये पिस्टलें वे पड़ोसी राज्यों से स्मगल करके लाते थे और स्थानीय स्तर पर बेचते थे। जब्त पिस्टलें 9 एमएम की हैं, जो आमतौर पर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं। इसके अलावा, तीन कारतूस भी बरामद हुए, जिनकी वैधता की जांच की जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
गिरफ्तारी के तुरंत बाद दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई। प्रारंभिक बयानों में उन्होंने कबूल किया कि वीडियो शूट करने का मकसद सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाना और 'स्टेटस' दिखाना था। पुलिस को शक है कि यह सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि बड़े अवैध हथियार गिरोह से जुड़ा मामला हो सकता है। वर्तमान में, खरीद-फरोख्त के नेटवर्क को उजागर करने के लिए विशेष टीम गठित की गई है। दोनों के मोबाइल फोन, लैपटॉप और सोशल मीडिया अकाउंट्स की फॉरेंसिक जांच चल रही है, ताकि अन्य संलिप्त लोगों का पता लगाया जा सके।वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "ऐसी वीडियो पोस्टिंग न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज में हिंसा को प्रोत्साहित करती है। हम सख्ती से कार्रवाई करेंगे और पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने का प्रयास कर रहे हैं।" पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें ऐसी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी हो, तो तुरंत रिपोर्ट करें।
संभावित परिणाम और चेतावनी
यह गिरफ्तारी अवैध हथियारों के बाजार पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आर्म्स एक्ट के तहत दोनों के खिलाफ सख्त मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें न्यूनतम सजा 7 वर्ष की हो सकती है। सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री का प्रसार अपराधियों को हीरो बनाने जैसा है, जो युवा पीढ़ी को गुमराह कर सकता है। पुलिस अब अन्य प्लेटफॉर्म्स पर इसी तरह के वीडियो की निगरानी बढ़ा रही है।
चतुर सिंह और नारायण सिंह पर गिड़ा थाना में पहले से कई मु
कदमे दर्ज थे।