"बाड़मेर में खाद्य सुरक्षा अभियान: मिलावटी मावा, तेल और लड्डू जब्त, 74.65 लाख का जुर्माना"

बाड़मेर में खाद्य सुरक्षा अभियान: बड़े पैमाने पर दूध उत्पादों पर छापेमारी, लाखों का जुर्माना वसूला
राजस्थान के बाड़मेर जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने हाल ही में एक व्यापक अभियान चलाकर मिलावटी और असुरक्षित खाद्य सामग्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के दौरान विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए, जिसमें कुल 450 किलोग्राम निम्न गुणवत्ता वाला तेल और 550 किलोग्राम संदिग्ध लड्डू जब्त किए गए। इसके अलावा, 60 किलोग्राम खराब और दूषित मावा पाया गया, जिसे अधिकारियों ने तत्काल नष्ट कर दिया ताकि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को कोई खतरा न पहुंचे। इस अभियान के तहत कुल 133 मामलों की जांच की गई, जिसमें 74.65 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया। यह कार्रवाई स्थानीय बाजारों में बिकने वाले मिठाई और दूध आधारित उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी।
अभियान का पृष्ठभूमि और उद्देश्य
बाड़मेर क्षेत्र में त्योहारों के मौसम को देखते हुए खाद्य पदार्थों में मिलावट की शिकायतें बढ़ रही थीं। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के दिशा-निर्देशों के तहत विभाग ने स्थानीय स्तर पर विशेष टास्क फोर्स का गठन किया। इस टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी, स्थानीय पुलिस और प्रयोगशाला विशेषज्ञ शामिल थे। अभियान का मुख्य फोकस मावा, घी, तेल और मिठाइयों जैसे उत्पादों पर था, जो स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। अधिकारियों ने बाजारों, मिठाई दुकानों और वितरण केंद्रों पर नजर रखी, जहां से दूध उत्पाद सप्लाई होते हैं।
जब्त सामग्री और कार्रवाई की डिटेल
छापेमारी के दौरान सबसे बड़ा खुलासा एक प्रमुख वितरण केंद्र पर हुआ, जहां 450 किलोग्राम से अधिक तेल पाया गया जो गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा। यह तेल मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों में उपयोग के लिए रखा गया था, लेकिन परीक्षण में इसमें हानिकारक यौगिक पाए गए। इसी तरह, 550 किलोग्राम लड्डू जब्त किए गए, जो बाजार में बेचने के लिए तैयार थे। इन लड्डुओं की जांच में पाया गया कि वे अनुचित संरक्षण विधियों से बने थे, जिससे बैक्टीरिया का खतरा था।सबसे गंभीर मामला 60 किलोग्राम दूषित मावे का था, जो मिठाई बनाने के लिए इस्तेमाल होता है। मावे के नमूनों की लैब जांच में फंगल संक्रमण और अन्य प्रदूषक पाए गए, जो उपभोक्ताओं में उल्टी, दस्त या गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते थे। अधिकारियों ने इस मावे को मौके पर ही नष्ट करने का आदेश दिया, और संबंधित आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई शुरू की।जब्त सामग्री का मूल्य लाखों रुपये में आंका गया, जो बाजार में फैलने से रोका गया।
मामले दर्ज और जुर्माने की राशि
इस अभियान में कुल 133 उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए। इनमें से अधिकांश छोटे-मोटे व्यापारियों से जुड़े थे, लेकिन कुछ बड़े सप्लायर्स भी फंसे। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लगाए गए जुर्माने की कुल राशि 74.65 लाख रुपये रही। यह राशि विभिन्न स्तरों पर बांटी गई—कुछ मामलों में 10,000 रुपये से लेकर लाखों तक। विभाग ने चेतावनी दी है कि दोषी पाए जाने पर लाइसेंस रद्द करने और आपराधिक मुकदमे चलाने जैसी सख्त सजाएं दी जा सकती हैं। अब तक वसूली का बड़ा हिस्सा हो चुका है, और बाकी पर वसूली की प्रक्रि
या चल रही है।