"धनतेरस की धूम: बाड़मेर में जीएसटी छूट ने बिखेरी बाजारों की चमक, ग्रामीण महिलाओं ने लगाई रौनक"

Oct 18, 2025 - 16:58
"धनतेरस की धूम: बाड़मेर में जीएसटी छूट ने बिखेरी बाजारों की चमक, ग्रामीण महिलाओं ने लगाई रौनक"

बाड़मेर में धनतेरस की चमक बरसी: जीएसटी छूट से बाजार सज उठे, ग्रामीण महिलाओं ने लगाई रौनक

बाड़मेर, 18 अक्टूबर 2025: दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होनी थी, लेकिन राजस्थान के इस रेगिस्तानी जिले में जीएसटी दरों में हालिया कमी ने खरीदारी को एक नया जोश दे दिया। जहां पूरे देश में धनतेरस को धन की देवी लक्ष्मी का आह्वान करने वाला शुभ मुहूर्त माना जाता है, वहीं बाड़मेर के बाजारों में इस बार भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा। करों में राहत मिलते ही उपभोक्ताओं ने अपने बजट को थोड़ा ढीला किया और खरीदारी को लेकर उत्साह दिखाया। यह बदलाव न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि आने वाले दिनों में उपभोक्ता विश्वास को भी बढ़ाएगा।

विद्युत सामानों पर चढ़ा ग्राहकों का ठुमका

धनतेरस की खरीदारी में हमेशा सोना-चांदी और बर्तनों का बोलबाला रहता है, लेकिन इस बार विद्युत उपकरणों ने बाजी मार ली। बाजारों में पंखों, बल्बों, तारों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की मांग आसमान छूने लगी। दुकानदारों के अनुसार, जीएसटी में 5-10 प्रतिशत की कटौती ने इन वस्तुओं की कीमतों को आकर्षक बना दिया, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों ने बिना सोचे-समझे सामान उठा लिया। एक स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान के मालिक ने बताया, "पिछले साल की तुलना में इस बार बिक्री में करीब 35 प्रतिशत की उछाल आया है। लोग घरों को नया लुक देने के चक्कर में पुराने सामान बदल रहे हैं।" यह ट्रेंड न केवल शहरी इलाकों तक सीमित रहा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग साइकिल या बसों से बाजार पहुंचे, जो इस उत्सव की व्यापक अपील को दर्शाता है।

ग्रामीण महिलाओं ने सजाई बाजार की रंगत, बर्तनों पर खर्चा खूब हुआ बाड़मेर के बाजारों में सबसे ज्यादा चहल-पहल ग्रामीण महिलाओं की वजह से रही। दूर-दराज के गांवों जैसे बायतु, सेड़वा और बालोतरा से सैकड़ों महिलाएं सुबह-सुबह ही निकल पड़ीं। उनके बैगों में पारंपरिक बर्तन जैसे तांबे के लोटे, पीतल की थालियां और स्टेनलेस स्टील के किट्स भरे नजर आए। एक बुजुर्ग महिला, जो चिरावास गांव से आई थीं, ने मुस्कुराते हुए कहा, "धनतेरस पर बर्तन खरीदना तो घर में समृद्धि लाता है। इस बार जीएसटी कम होने से हम दो-चार अतिरिक्त सामान ले पाए, वरना बजट टाइट होता।" इन महिलाओं ने न केवल सौदेबाजी में महारत दिखाई, बल्कि बाजार की सजी-धजी दुकानों में घूम-घूमकर सामान तौला भी। दुकानदारों का कहना है कि ग्रामीण खरीदारी ने कुल बिक्री का 40 प्रतिशत योगदान दिया, जो बाड़मेर की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को जोड़ती है।आर्थिक उछाल और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामइस बढ़ी हुई खरीदारी से बाड़मेर के व्यापारियों की चांदी हो गई। अनुमान के मुताबिक, जिले भर में धनतेरस पर करोड़ों रुपये का कारोबार हुआ, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और बर्तनों का हिस्सा सबसे बड़ा रहा। स्थानीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक पदाधिकारी ने बताया कि जीएसटी राहत ने उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया, जिससे बाजार में नकदी का प्रवाह तेज हुआ। हालांकि, भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। ट्रैफिक पुलिस ने मुख्य सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई, जबकि दुकानों पर सीसीटीवी और फायर सेफ्टी चेक सुनिश्चित किए गए। कोई बड़ी घटना न होने से बाजार की रौनक

बनी रही।