स्व. श्री भैरोंसिंह शेखावत की पुण्यतिथि: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अर्पित की पुष्पांजलि
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत की 15वीं पुण्यतिथि पर जयपुर में पुष्पांजलि अर्पित की। शेखावत को राजस्थान के विकास, गरीब कल्याण और राजनीति में शुचिता के लिए याद किया गया। उनकी 'काम के बदले अनाज' जैसी योजनाओं और अंत्योदय दर्शन ने राज्य को प्रगति पथ पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समारोह में जनसैलाब उमड़ा और नेताओं ने उनके प्रेरणादायी जीवन को याद किया।

जयपुर, 15 मई 2025: भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे श्रद्धेय भैरोंसिंह शेखावत की 15वीं पुण्यतिथि पर आज जयपुर में उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने विद्याधर नगर स्थित शेखावत स्मृति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके अतुलनीय योगदान को याद किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शेखावत ने राजस्थान की प्रगति और गरीब कल्याण के लिए जो कार्य किए, वे आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
'बाबोसा' के नाम से विख्यात भैरोंसिंह शेखावत का जन्म 23 अक्टूबर 1923 को सीकर जिले के खाचरियावास गांव में हुआ था। उन्होंने अपने 60 वर्षों के राजनीतिक जीवन में सत्यनिष्ठा और सेवा भाव से राजस्थान की राजनीति को नई दिशा दी। शेखावत 1977-1980, 1990-1992 और 1993-1998 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे और 2002 से 2007 तक देश के उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। उनकी सादगी और जनसेवा ने उन्हें जन-जन का प्रिय नेता बनाया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, "शेखावत जी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन को राजस्थान में साकार किया। 1977 में 'काम के बदले अनाज' योजना शुरू कर उन्होंने गरीबों के घरों में चूल्हा जलाने का कार्य किया।" शिक्षा, बालिका कल्याण, और अनुसूचित जाति-जनजाति के उत्थान के लिए उनके प्रयासों ने राजस्थान को प्रगति पथ पर अग्रसर किया।
शेखावत की खासियत थी कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार बताया था कि जब शेखावत 1996 में इलाज के लिए अमेरिका गए थे, तब उनकी सरकार को गिराने की साजिश हुई, लेकिन गहलोत ने इसका विरोध किया। यह घटना शेखावत के व्यक्तित्व और उनके प्रति विपक्ष के सम्मान को दर्शाती है।
पुण्यतिथि के अवसर पर शेखावत स्मृति स्थल पर हजारों लोग उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व विधायक नरपत सिंह राजवी, और अन्य नेताओं ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। सड़कों पर "राजस्थान का एक ही सिंह, भैरोंसिंह" के नारे गूंजे, जो उनकी लोकप्रियता का प्रतीक हैं।
शेखावत ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1952 में दाता-रामगढ़ से विधायक बनकर की थी। मात्र 10 रुपये लेकर अपनी पत्नी सूरज कंवर के सहयोग से उन्होंने पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वे 10 अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से 8 बार विधायक बने और आपातकाल में 19 महीने जेल में रहे। उनकी निर्भीकता और राष्ट्रहित के प्रति समर्पण आज भी युवा नेताओं के लिए प्रेरणा है।
मुख्यमंत्री का संकल्प
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, "शेखावत जी की विकास और सेवा की सोच को हम आगे बढ़ाएंगे। उनकी योजनाओं और नीतियों को और सशक्त कर राजस्थान को समृद्ध बनाने का संकल्प लेते हैं।" इस अवसर पर शेखावत के परिजनों और कार्यकर्ताओं ने भी उनके जीवन और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
भैरोंसिंह शेखावत का निधन 15 मई 2010 को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हुआ था। उनके निधन के बाद भी उनकी विरासत राजस्थान की राजनीति में जीवंत है। उनकी पुण्यतिथि न केवल उनकी स्मृति को ताजा करती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सच्ची राजनीति जनसेवा और सिद्धांतों पर आधारित होती है।