घटना का पूरा विवरण
टोडाभीम, करौली निवासी 10 वर्षीय समर मीणा की मौत 6 अगस्त 2023 को राजौर गांव में जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी निर्माण स्थल के पास खेलते समय हुई। दोपहर करीब 1 बजे लोहे की चद्दर गिरने से उसके सिर पर गंभीर चोट लगी। पहले बालघाट के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर SMS अस्पताल, जयपुर रेफर किया गया। रास्ते में ही समर की सांसें थम गईं।परिवार ने शव SMS अस्पताल पहुंचाया, जहां से अंतिम संस्कार के लिए सौंपा गया। लेकिन अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान भयानक खुलासा हुआ - समर की दोनों आंखें गायब थीं। आरोप है कि बिना परिवार की सहमति के आंखें निकाल ली गईं
परिवार का दर्द और आरोपी की साजिश
समर के पिता किरोड़ी लाल मीणा (45 वर्ष) ने बताया कि गांव के परिचित मदनमोहन ने फोन कर शव जयपुर लाने को कहा और झूठा आश्वासन दिया कि किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाना है, शायद बच्चा बच जाए। लेकिन मदनमोहन ने पहले से ही आंखों का सौदा तय कर रखा था। अंतिम संस्कार के समय आंखें गायब देख परिवार सदमे में आ गया। मदनमोहन ने झूठ बोला कि उसने आंखें दान कर दी हैं।परिवार ने दो साल तक इंतजार किया, लेकिन मदनमोहन ने FIR करवाने पर टालते रहे और यहां तक कहा कि हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया है, फैसला परिवार के हक में होगा। धोखे का शिकार होने पर परिवार ने आखिरकार शिकायत दर्ज करवाई। किरोड़ी लाल ने कहा, "हमारा मासूम चला गया, ऊपर से यह विश्वासघात। न्याय मिलना चाहिए।"
पुलिस की कार्रवाई और जांच की स्थिति
2 अक्टूबर 2025 को SMS अस्पताल थाने में मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत मदनमोहन के खिलाफ FIR दर्ज हुई। ASI सुरजमल ने बताया, "परिवादी की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू की गई है। बयान ले रहे हैं, आगे कार्रवाई होगी। जांच में आंख दान का सर्टिफिकेट परिवार को देने की बात सामने आई है।" पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और अंग दान प्रक्रिया में लापरवाही की पड़ताल कर रही है।