धोनी की चमक में कैसे ढलते गए दिनेश कार्तिक: 'गिरगिट' बनने की मजबूरी और संघर्ष की दास्तान

दिनेश कार्तिक ने खुलासा किया कि एमएस धोनी की टीम इंडिया में एंट्री के बाद उन्हें 'गिरगिट' की तरह ढलना पड़ा, ताकि वे अलग-अलग भूमिकाओं में खुद को साबित कर टीम में जगह बना सकें। उनके संघर्ष और दृढ़ता ने उन्हें क्रिकेट में अनुकूलन की कला सिखाई।

Sep 10, 2025 - 18:54
धोनी की चमक में कैसे ढलते गए दिनेश कार्तिक: 'गिरगिट' बनने की मजबूरी और संघर्ष की दास्तान

भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने हाल ही में अपने क्रिकेट करियर के शुरुआती संघर्षों को साझा किया और बताया कि कैसे महेंद्र सिंह धोनी की टीम इंडिया में एंट्री ने उनके लिए नई चुनौतियां खड़ी कीं। 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2025' में कार्तिक ने खुलासा किया कि धोनी की विस्फोटक बल्लेबाजी और अनोखी तकनीक ने उन्हें 'गिरगिट' की तरह ढलने के लिए मजबूर किया, ताकि वे टीम में अपनी जगह बरकरार रख सकें।

कार्तिक ने 2004 में भारतीय टीम में डेब्यू किया था, और उसी साल धोनी ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा। लेकिन धोनी की धमाकेदार एंट्री ने कार्तिक के लिए टीम में जगह बनाना मुश्किल कर दिया। कार्तिक ने बताया कि धोनी की पावर हिटिंग ने सभी को हैरान कर दिया था। उनकी तुलना क्रिकेट के दिग्गज सर गैरी सोबर्स से की जाने लगी थी, जिन्हें विशाल छक्कों के लिए जाना जाता था।

"केन्या में 'ए सीरीज' के दौरान हर कोई बस एक ही खिलाड़ी की बात कर रहा था। धोनी की गेंद को मारने की ताकत और उनकी अनोखी तकनीक ने सबको चौंका दिया। लोग कहते थे कि उन्होंने पहले कभी ऐसी हिटिंग नहीं देखी।" - दिनेश कार्तिक

'लीड रोल' धोनी का, कार्तिक को बनना पड़ा 'गिरगिट'

कार्तिक ने उस दौर को याद करते हुए बताया कि जब धोनी आए, तब टीम इंडिया एक उपयुक्त विकेटकीपर की तलाश में थी। उस समय राहुल द्रविड़ विकेटकीपिंग कर रहे थे, लेकिन उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। कार्तिक ने मजाकिया अंदाज में कहा, "मैं उस समय एक फिल्म में गेस्ट अपीयरेंस की तरह था, लेकिन लीड रोल हमेशा धोनी का ही था।"

धोनी की मौजूदगी ने कार्तिक को लगातार खुद को नई भूमिकाओं में ढालने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि अगर ओपनिंग की जगह खाली होती, तो वे तमिलनाडु जाकर ओपनिंग की प्रैक्टिस करते। अगर मिडिल ऑर्डर में मौका मिलता, तो वे वहां बल्लेबाजी के लिए तैयार रहते। कार्तिक ने कहा,

"मैंने खुद को गिरगिट की तरह ढाला। मैं हर उस जगह फिट होने की कोशिश करता, जहां मौका मिलता। मेरा सबसे बड़ा चैलेंज था उस जगह को बनाए रखना। कई बार मैं इतना दबाव ले लेता था कि जरूरी चीजें नहीं कर पाता था।"

धोनी से मिली सीख और करियर की उपलब्धियां

कार्तिक ने माना कि धोनी ने उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से बहुत कुछ सिखाया। उनकी दृढ़ता और जुझारूपन ने कार्तिक को हर चुनौती का सामना करना सिखाया। अपने करियर के आखिरी पांच सालों में कार्तिक ने नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी की, जो उनके लिए असहज था, लेकिन उन्होंने इस भूमिका को अपनाकर इसमें सफलता हासिल की।

कार्तिक ने भारत के लिए 26 टेस्ट, 94 वनडे और 60 टी20 मैच खेले। वे 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। इसके अलावा, 2018 में निदहास ट्रॉफी फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ उनकी 8 गेंदों में 29 रनों की तूफानी पारी आज भी फैंस के जेहन में ताजा है। कार्तिक ने आखिरी बार 2022 टी20 वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

Yashaswani Journalist at The Khatak .