दो समुदायों के बीच छतरी निर्माण पर हिंसक झड़प, पत्थरबाजी में कई घायल
दो समुदायों के बीच छतरी निर्माण को लेकर हिंसक झड़प हुई, जिसमें पत्थरबाजी से कई लोग, पुलिसकर्मी, घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित कर जांच शुरू की।

जैसलमेर के बासनपीर गांव में गुरुवार सुबह तालाब किनारे पुरानी छतरियों के पुनर्निर्माण को लेकर दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसमें एक पक्ष ने महिलाओं और बच्चों को आगे कर पत्थर फेंके। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, लेकिन भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव किया। इस घटना में एक कॉन्स्टेबल समेत तीन लोग घायल हो गए। मौके पर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और पुलिस ने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है।
घटना सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई, जब गांव के तालाब के पास जुंझार रामचंद्र सिंह सोढ़ा और जुंझार पालीवाल जी की रियासतकालीन छतरियों के पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा था। इन छतरियों को साल 2019 में कुछ असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया था, जिसके बाद से एक पक्ष इनके पुनर्निर्माण की मांग कर रहा था। प्रशासन की अनुमति के बाद जब निर्माण कार्य शुरू हुआ, तो दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और पत्थरबाजी शुरू कर दी।
पथराव के दौरान कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। पुलिसकर्मी बीच-बचाव के लिए पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने उन पर भी पत्थर फेंके। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। मौके पर पूर्व विधायक सांग सिंह समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।
घायलों और गिरफ्तारी
पथराव में घायल हुए गणपत सिंह नोडियाला ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि घटना के दौरान प्रशासन मौके पर मौजूद था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की और मूकदर्शक बना रहा। गणपत सिंह ने दावा किया कि दूसरे समुदाय ने महिलाओं और बच्चों को आगे कर पत्थरबाजी करवाई।
जैसलमेर एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर भेजा गया। स्थिति अब नियंत्रण में है और पथराव में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है और गांव में शांति बनाए रखने के लिए लगातार गश्त जारी है।
वर्तमान स्थिति
बासनपीर गांव में तालाब के किनारे बनी ये छतरियां ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व की हैं, जो वीर योद्धाओं की स्मृति में बनाई गई थीं। 2019 में इन्हें तोड़े जाने के बाद से ही गांव में तनाव का माहौल था। पुनर्निर्माण की मंजूरी के बाद भी कुछ लोगों का विरोध जारी रहा, जिसके चलते गुरुवार को यह हिंसक घटना हुई।
मौके पर एसडीएम, तहसीलदार और भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए निगरानी कर रही है। मामले की जांच जारी है और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।