आग में झुलसकर दो मासूम भाइयों की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
कोटा के अनंतपुरा में दीप श्री मल्टी स्टोरी के फ्लैट में शॉर्ट सर्किट से लगी आग में जितेंद्र शर्मा के दो बेटों, शौर्य (15) और वीर (10), की दम घुटने से मौत हो गई। हादसे ने परिवार और शहर को सदमे में डाल दिया।

राजस्थान के कोटा शहर में शनिवार देर रात एक दर्दनाक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। अनंतपुरा थाना क्षेत्र की दीप श्री मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 403 में रात करीब 1:30 बजे शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई। इस हादसे में जितेंद्र शर्मा के दो नाबालिग बेटों, शौर्य (15) और वीर (10), की धुएं से दम घुटने के कारण मौत हो गई। यह त्रासदी न केवल शर्मा परिवार के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक गहरा आघात है।
जागरण की रात बनी मातम में
जितेंद्र शर्मा, जो एक कोचिंग फैकल्टी हैं, ने बताया कि उस रात वह और उनके दोनों बेटे पास में चल रहे जागरण कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। शौर्य और वीर रात 11 बजे के आसपास फ्लैट में लौटकर सो गए, जबकि जितेंद्र जागरण में रुके रहे। रात 1:00 से 1:30 बजे के बीच ऊपरी मंजिल के निवासियों ने फोन कर सूचना दी कि उनके फ्लैट से धुआं निकल रहा है।
“मैं तुरंत फ्लैट की ओर दौड़ा, लेकिन दरवाजा नहीं खुल रहा था,” जितेंद्र ने दुख भरी आवाज में बताया। “पड़ोसियों ने मदद की और हमने मिलकर दरवाजा तोड़ा। इस दौरान मेरे हाथ में चोट भी लगी।” जब वे अंदर पहुंचे, तो मंजर दिल दहलाने वाला था। बड़ा बेटा शौर्य बाथरूम के पास गिरा हुआ था, जबकि छोटा बेटा वीर ड्रॉइंग रूम के फर्श पर बेसुध पड़ा था। दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दो होनहार बच्चों की अधूरी कहानी
15 वर्षीय शौर्य एक मेधावी छात्र था, जो IIT में दाखिले के लिए जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट (JEE) की तैयारी कर रहा था। अपनी कोचिंग में वह पहले ही अंडर-100 रैंक हासिल कर चुका था, जो उसकी कड़ी मेहनत और प्रतिभा का परिचय देता है। 10 वर्षीय वीर एक उभरता हुआ बाल कलाकार था। उसने श्रीमद रामायण जैसे लोकप्रिय टीवी सीरियल्स और कई राजस्थानी गानों में अभिनय किया था। 2 अक्टूबर को उसे मुंबई में एक फिल्म की शूटिंग के लिए जाना था।
“पहले मेरे बच्चों के इंटरव्यू छपते थे, लेकिन आज उनकी मौत की खबर बनानी पड़ रही है,” जितेंद्र ने रोते हुए कहा। बच्चों की मां, रीता शर्मा, जो एक जानी-मानी टीवी अभिनेत्री हैं, उस समय मुंबई में शूटिंग के लिए थीं। हादसे की खबर मिलते ही वह रविवार दोपहर 3 बजे कोटा पहुंचीं।
मां का टूटा दिल: “उठ जा, मेरे लाल!”
रीता जब अपने बेटों के शवों के पास पहुंचीं, तो उनका दर्द देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। वह बार-बार चीख रही थीं, “उठ जा, उठता क्यों नहीं?” वह अपने दोनों लाडलों को हिलाकर जगाने की कोशिश करती रहीं, मानो वे बस गहरी नींद में हों। लेकिन हकीकत उनके लिए असहनीय थी। उनके दोनों बच्चे, जिन्हें उन्होंने अपने आंचल में पाला-पोसा, अब इस दुनिया में नहीं थे।
परिवार ने पोस्टमॉर्टम के बाद दोनों बच्चों की आंखें दान करने का नेक फैसला लिया। अंतिम संस्कार के दौरान रीता की जिद पर शौर्य को उसका चश्मा पहनाया गया, जो वह हमेशा लगाए रखता था। रविवार शाम 5 बजे दोनों भाइयों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।
सब कुछ जलकर राख
अनंतपुरा थाना अधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण ने बताया कि आग की शुरुआत एक प्लग बोर्ड में शॉर्ट सर्किट से हुई थी। देखते ही देखते ड्रॉइंग रूम में रखा सोफा, फर्नीचर, एयर कंडीशनर और LED टीवी सब जलकर राख हो गया। फ्लैट में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भर गई, जिसके कारण दोनों बच्चों का दम घुट गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और जांच में शॉर्ट सर्किट को हादसे का कारण पाया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।
आठवें माले पर रहने वाले राकेश गुप्ता ने बताया, “जब हम जागरण से लौटे, तो खबर मिली कि जितेंद्र के फ्लैट में आग लगी है। हम सब दौड़कर पहुंचे और गेट तोड़ा। बच्चों ने बाहर निकलने की कोशिश की थी, लेकिन धुआं इतना घना था कि उन्हें मौका नहीं मिला।”