30 घंटे से लापता तीन बच्चे और उनके पिता, पेन कॉपी के बहाने घर से निकले लौटे नहीं

नागौर में एक पिता और उनके तीन बच्चे 30 घंटे से लापता हैं, जो स्टेशनरी लेने निकले थे, पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला। मां की चुप्पी और पारिवारिक तनाव से साजिश की आशंका गहरा रही है।

Jul 1, 2025 - 18:34
30 घंटे से लापता तीन बच्चे और उनके पिता, पेन कॉपी के बहाने घर से निकले लौटे नहीं

नागौर से एक पिता अपने तीन छोटे बच्चों—निशा (8 वर्ष), प्रत्युषा (6 वर्ष) और हितेश (4 वर्ष)—के साथ 30 घंटे से लापता है। पिता ने घर से निकलते वक्त कहा था कि वह बच्चों को पेन-कॉपी दिलाने जा रहा है, लेकिन इसके बाद न तो वह लौटे और न ही उनका कोई अता-पता चला। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, और परिवार में तनाव की कहानी इसे और जटिल बना रही है।

सूत्रों के अनुसार, लापता शख्स और उसकी पत्नी के बीच लंबे समय से अनबन चल रही थी। दोनों के रिश्ते तनावपूर्ण थे, लेकिन घटना वाले दिन किसी झगड़े या बहस की कोई पुष्टि नहीं हुई है। पिता ने बच्चों को पेन-कॉपी लाने का बहाना बनाकर घर से निकाला और फिर चारों गायब हो गए। 30 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।

नागौर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आसपास के इलाकों में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, और संदिग्ध स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी जानकारी मांगी है, लेकिन अभी तक कोई पुख्ता सुराग नहीं मिला। पुलिस अधीक्षक ने कहा, "हम हर संभव कोण से जांच कर रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।"

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें

तीनों बच्चों की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग इन तस्वीरों को शेयर कर बच्चों और उनके पिता की सुरक्षित वापसी की दुआ मांग रहे हैं। मोहल्ले में दहशत और बेचैनी का माहौल है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऐसा मामला पहले कभी नहीं देखा गया।

क्या है अगला कदम?

पुलिस अब इस मामले को अपहरण, साजिश और पारिवारिक विवाद के हर पहलू से जांच रही है। आसपास के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और टोल नाकों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही, सोशल मीडिया के जरिए लोगों से अपील की जा रही है कि अगर कोई जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

यह मामला न केवल नागौर बल्कि पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन चुका है। हर कोई बस यही चाहता है कि तीन मासूम बच्चे और उनका पिता जल्द से जल्द सुरक्षित मिलें। लेकिन सवाल वही है—क्या यह गुमशुदगी का मामला है, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश? और मां की चुप्पी का सच क्या है?

Yashaswani Journalist at The Khatak .