"कुएं की कीचड़ में फंसा परिवार का सहारा: पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत"
राजस्थान के डीग में गुरुवार सुबह बरई रोड पर एक खेत के कुएं में पानी की मोटर निकालने उतरे पिता धर्मसिंह (55) और उनके बेटे बंटी (23) कीचड़ में फंसकर दम तोड़ गए। पिता को बचाने की कोशिश में बेटा भी फंस गया। ढाई घंटे के रेस्क्यू के बाद दोनों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। यह दिहाड़ी मजदूर परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। ग्रामीणों ने प्रशासन से परिवार को सहायता की मांग की है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

राजस्थान के डीग में गुरुवार की सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जहां एक पिता और उनके बेटे की जिंदगी कुएं की कीचड़ में फंसकर खत्म हो गई। यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक गहरी त्रासदी बन गई।डीग शहर के बरई रोड पर हुकम सैनी के खेत में सुबह करीब 7 बजे धर्मसिंह (55) और उनका 23 साल का बेटा बंटी पहुंचे। उनकी जिम्मेदारी थी कुएं से पानी की मोटर निकालना। दोनों रस्सी के सहारे कुएं में उतरे, लेकिन कुआं गहरा था और नीचे कीचड़ का दलदल। करीब आधे घंटे बाद, सुबह 7:30 बजे, धर्मसिंह का पैर फिसला और वे कीचड़ में धंस गए। अपने पिता को बचाने की कोशिश में बंटी ने हिम्मत दिखाई, लेकिन वह भी कीचड़ के चंगुल में फंस गया।
हादसे की खबर सुनते ही खेत मालिक हुकम सैनी ने आसपास के लोगों को बुलाया। ग्रामीणों ने रस्सियों और औजारों से बचाव शुरू किया। करीब 8 बजे धर्मसिंह को किसी तरह बाहर निकाला गया, क्योंकि उनकी शर्ट एक हुक में फंस गई थी। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बंटी को बचाने के लिए रेस्क्यू और मुश्किल हो गया। वह सिर्फ अंडरवियर में था, जिससे उसे हुक से खींचना मुश्किल था। नगर परिषद की टीम, पुलिस और जेसीबी मशीन की मदद से ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बंटी को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी सांसें भी थम चुकी थीं।
धर्मसिंह और बंटी दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते थे। बंटी दो भाइयों में छोटा था और पिता के साथ मिलकर घर चलाता था। पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस परिवार के लिए यह हादसा किसी बुरे सपने से कम नहीं। अब उनके घर में मातम छाया है, और गांव वाले प्रशासन से परिवार को आर्थिक मदद और सरकारी सहायता की मांग कर रहे हैं।
डीग पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। यह हादसा कई सवाल खड़े करता है - क्या कुएं में उतरने से पहले सुरक्षा के इंतजाम थे? क्या इस त्रासदी को रोका जा सकता था?
यह कहानी न सिर्फ एक हादसे की है, बल्कि उस मेहनतकश परिवार की भी है, जो रोजी-रोटी की जंग में अपनी जान गंवा बैठा। ग्रामीणों की मांग है कि इस परिवार को जल्द से जल्द मदद मिले, ताकि उनके बचे हुए सपने पूरी तरह टूटने से बच सकें।