जनसेवा और महिला सशक्तिकरण की पहचान बनीं सुमित्रा दहिया

बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्या एवं समाजसेविका सुमित्रा दहिया ने अपने संघर्ष, नेतृत्व और लोक-सेवा के माध्यम से यह साबित किया है कि जनता की आवाज़ कितनी ताकतवर हो सकती है।

Sep 24, 2025 - 09:55
Sep 24, 2025 - 09:56
जनसेवा और महिला सशक्तिकरण की पहचान बनीं सुमित्रा दहिया
जनसेवा और महिला सशक्तिकरण की पहचान बनीं सुमित्रा दहिया

नई दिल्ली  – बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्या एवं समाजसेविका सुमित्रा दहिया ने अपने संघर्ष, नेतृत्व और लोक-सेवा के माध्यम से यह साबित किया है कि जनता की आवाज़ कितनी ताकतवर हो सकती है। महिला सशक्तिकरण, grassroot आंदोलन, और जनसेवा में उनकी सक्रिय भूमिका ने उन्हें राजनीति की दुनिया में एक विशिष्ट स्थान दिलाया है। 

राजनीतिक पथ एवं संगठनात्मक भूमिका

  • सुमित्रा दहिया वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य हैं।  
  • उन्होंने पार्टी निर्माण अभियानों जैसे कि राष्ट्रीय सदस्यता अभियान 2024, समानता अभियान, और पोषण अभियान में अहम योगदान दिया है।  
  • 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान, मालीविया नगर विधानसभा क्षेत्र की समन्वयक (Coordinator) के रूप में उन्होंने मतदाताओं को जोड़ने, जागरूकता बढ़ाने और पार्टी की ब्रॉड बेस मजबूत करने में मेहनत की जिसका साफ-साफ असर दिखा।  
  • संगठनात्मक दृष्टि से, आठ राज्यों में हजारों महिलाओं को भाजपा से जुड़ने का मंच प्रदान किया और विशेष रूप से दक्षिण दिल्ली में अकेले 15,000 से ज़्यादा सदस्यों का नामांकन करवाया गया — जिसे अभियान के दौरान किसी व्यक्ति द्वारा किए गए सबसे बड़े व्यक्तिगत योगदानों में गिना जा रहा है।  

सामाजिक अभियानों एवं जनसेवा

  • दहिया ने लगातार जनता के मुद्दों को उठाया है: दिल्ली सरकार के ईंधन पर वैट (VAT) बढ़ाने के विरोध में विरोध प्रदर्शन, और MCD कर्मचारियों की बकाया वेतन की मांगों को लेकर कार्रवाइयाँ शामिल हैं।  
  • सामाजिक सरोकारों में भी उन्होंने महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं जैसे रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण, दहेज़ प्रथा के विरोध में अभियानों का नेतृत्व, और लड़की भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम।  
  • कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने जरूरतमंदों के लिए सैनिटाइज़र, मास्क, भोजन एवं फल वितरण की गतिविधियाँ संचालित की।  

पहचान, प्रभाव और व्यक्तिगत जीवन

  • डिजिटल मंचों पर उनकी पहुँच भी प्रभावशाली है — फेसबुक पर 4 लाख से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं, साथ ही ट्विटर, इंस्टाग्राम और NaMo ऐप पर भी उनकी अच्छी खासी सक्रिय उपस्थिति है।  
  • उनकी उपलब्धियों में एक महत्वपूर्ण सम्मान है कि हरियाणा में वे पहली महिला बनीं जिन्हें पारंपरिक पगड़ी पहनाने की मान्यता मिली — जो उनके नेतृत्व और सम्मान को दर्शाता है।  
  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि में, सुमित्रा दहिया ने महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से मास्टर डिग्री और बी.एड. प्राप्त की है।  
  • वे प्रो॰ एच.पी. दहिया की जीवन साथी हैं, जो एमडीयू रोहतक के रसायन विभाग के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं और वर्तमान में जयपुर के आईआईएस विश्वविद्यालय से जुड़े हैं।  

समर्पण की दृष्टि: अंत्योदय और महिला सशक्तिकरण

सुमित्रा दहिया के लिए राजनीति सिर्फ चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि समाज का अंतिम व्यक्ति-अंतिम वर्ग तक विकास और न्याय की पहुंच हो, यही उनकी मूल भावना है — “अंत्योदय” की अवधारणा।  उनका मकसद महिला सशक्तिकरण, समावेशी विकास और संगठन-निष्ठा को बढ़ावा देना है, ताकि समाज के हर तबके को अवसर मिलें और लोग अपनी आवाज़ उठा सकें।

सियासी पटल पर सुमित्रा दहिया का उभार यह संकेत है कि नेतृत्व और जनसेवा के मेल से किस तरह से परिवर्तन संभव है। उनकी यात्रा यह संदेश देती है कि जमीनी स्तर पर मेहनत, समर्पण और नैतिकता से राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है।