मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी, समर्थकों और विरोधियों में तीखा टकराव
बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी हो गई है, जिसे 25 सितंबर 2025 को आलाकमान ने मंजूरी दी। 2023 के अश्लील सीडी कांड के बाद निलंबन झेलने वाले जैन की वापसी से पार्टी में समर्थक और विरोधी गुटों में तीखा टकराव शुरू हो गया है

राजस्थान के बाड़मेर जिले में राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस पार्टी में औपचारिक वापसी हो चुकी है। पार्टी आलाकमान ने उनके निलंबन को समाप्त कर दिया है, और 25 सितंबर 2025 को उनकी वापसी के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस खबर ने न केवल बाड़मेर बल्कि पूरे राजस्थान की सियासत में हलचल मचा दी है।
बलात्कार और पॉक्सो एक्ट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था
मेवाराम जैन, जो बाड़मेर से तीन बार विधायक रह चुके हैं, 2023 में एक कथित अश्लील वीडियो और गैंग रेप के आरोपों के कारण विवादों में घिर गए थे। इन वीडियो में जैन के होने का दावा किया गया, जिसके बाद कांग्रेस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। जोधपुर के राजीव नगर थाने में एक विवाहिता ने जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ बलात्कार और पॉक्सो एक्ट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस प्रकरण ने 2023 के विधानसभा चुनाव में खूब सुर्खियां बटोरीं, और जैन को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
कानूनी राहत और वापसी की राह
2024 में राजस्थान हाईकोर्ट ने जैन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, जिसके बाद उनके समर्थकों ने उनकी निर्दोषता का दावा करते हुए कांग्रेस में उनकी वापसी की मांग तेज कर दी। जैन ने इन आरोपों को हमेशा राजनीतिक साजिश करार दिया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हाईकमान को जैन की वापसी का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी है। 25 सितंबर 2025 को पार्टी ने उनके निलंबन को समाप्त करते हुए उनकी वापसी को औपचारिक रूप दे दिया।
कांग्रेस को दो खेमों में बांट दिया
जैन की वापसी ने कांग्रेस को दो खेमों में बांट दिया है। एक गुट, जिसमें जैन के समर्थक शामिल हैं, उनकी वापसी को पार्टी के लिए फायदेमंद मानता है। उनका कहना है कि जैन का बाड़मेर में मजबूत जनाधार है, और उनकी वापसी से कांग्रेस को पश्चिमी राजस्थान में नई ताकत मिलेगी।
दूसरी ओर, विरोधी गुट इस फैसले से नाराज है। बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, बायतु विधायक हरीश चौधरी, और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई नेता जैन की वापसी का कड़ा विरोध कर रहे हैं। यह गुट दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अनुशासन समिति के सामने अपनी आपत्ति दर्ज करा चुका है। विरोधी गुट का तर्क है कि जैन का अश्लील सीडी कांड और गैंग रेप के आरोप पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हरीश चौधरी ने बिना नाम लिए कहा, "चरित्रहीन ताकतों के साथ समझौता करने से बेहतर है कि मैं राजनीति से संन्यास ले लूं।"
सोशल मीडिया पर तीखी बहस
जैन की वापसी का मुद्दा सोशल मीडिया पर भी गर्म है। कुछ यूजर्स उनके समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे अनैतिक बता रहे हैं। एक एक्स पोस्ट में लिखा गया, "बाड़मेर को बदनाम करने वाला चेहरा मेवाराम जैन! क्या बाड़मेर कांग्रेस का इतना चारित्रिक पतन हो चुका है?" यह बहस आमजन और कार्यकर्ताओं के बीच भी तीखी है, जिससे बाड़मेर की सियासत में तनाव और बढ़ गया है।
सोशल मीडिया पर नकारात्मक प्रतिक्रियाएं पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकती हैं
25 सितंबर 2025 को मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी के आदेश जारी होने के बाद बाड़मेर की राजनीति में भूचाल आ गया है। विरोधी गुट के नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है, और वे इस फैसले के खिलाफ अपनी रणनीति बना रहे हैं। कुछ नेताओं ने संकेत दिए हैं कि वे पार्टी के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे और इसके खिलाफ खुलकर सामने आ सकते हैं। दूसरी ओर, जैन के समर्थक उनकी वापसी का स्वागत कर रहे हैं और इसे बाड़मेर में कांग्रेस की मजबूती के लिए जरूरी बता रहे हैं।
मेवाराम जैन की वापसी का फैसला कांग्रेस के लिए जोखिम भरा हो सकता है। विरोधी गुट की नाराजगी और सोशल मीडिया पर नकारात्मक प्रतिक्रियाएं पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही, यह बाड़मेर में कांग्रेस की गुटबाजी को और गहरा सकता है। हालांकि, जैन का जनाधार और अनुभव पार्टी को स्थानीय स्तर पर मजबूत करने में मदद कर सकता है। आने वाले दिन इस मामले में और स्पष्टता लाएंगे, खासकर तब जब बाड़मेर में अगले चुनाव नजदीक आएंगे।