बीजेपी ने बदला गेमप्लान, धर्मेंद्र प्रधान बने चुनाव प्रभारी, मौर्य-पाटिल को बड़ी जिम्मेदारी

बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है, जबकि केशव प्रसाद मौर्य और सीआर पाटिल सह-प्रभारी होंगे। पार्टी ने संगठन को मजबूत करने और गठबंधन को एकजुट रखने की रणनीति बनाई है।

Sep 25, 2025 - 15:30
बीजेपी ने बदला गेमप्लान, धर्मेंद्र प्रधान बने चुनाव प्रभारी, मौर्य-पाटिल को बड़ी जिम्मेदारी

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी रणनीति को और मजबूत करते हुए बड़ा ऐलान किया है। पार्टी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल को सह-प्रभारी बनाया गया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को इस नियुक्ति की घोषणा की, जिसे पार्टी की चुनावी तैयारियों में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

धर्मेंद्र प्रधान: बीजेपी के संकटमोचक और रणनीतिकार

धर्मेंद्र प्रधान को बिहार जैसे जटिल राजनीतिक परिदृश्य में चुनाव प्रभारी बनाए जाने को पार्टी की रणनीति का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले प्रधान पूर्वी भारत की राजनीति को गहराई से समझते हैं और संगठनात्मक मजबूती के लिए जाने जाते हैं। उनकी नियुक्ति का मकसद बिहार के जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधते हुए एनडीए गठबंधन को मजबूत करना है। प्रधान ने पहले भी कई राज्यों में बीजेपी की चुनावी रणनीति को सफलतापूर्वक संभाला है और बिहार में उनकी भूमिका गठबंधन के सहयोगियों, जैसे जदयू, लोजपा, और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, के साथ तालमेल को और बेहतर करने की दिशा में होगी।

सह-प्रभारियों की भूमिका: मौर्य और पाटिल का अनुभव आएगा काम

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल को सह-प्रभारी बनाए जाने से बीजेपी ने बिहार में अपनी रणनीति को और पुख्ता किया है। मौर्य, जो उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं, बिहार के सामाजिक समीकरणों को साधने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। वहीं, सीआर पाटिल का संगठनात्मक अनुभव और गुजरात में बीजेपी की सफल रणनीतियों को बिहार में लागू करने की उम्मीद की जा रही है। इसके अतिरिक्त, लोकसभा सांसद बिप्लब कुमार देब को भी सह-प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है, जो पूर्वी भारत के राजनीतिक परिदृश्य को समझने में सक्षम हैं।

बीजेपी की रणनीति: संगठन को धार और गठबंधन को मजबूती

पार्टी सूत्रों के अनुसार, इन नियुक्तियों का उद्देश्य बिहार में बीजेपी के संगठन को और मजबूत करना और चुनावी रणनीति को धार देना है। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 74 सीटें जीतकर एनडीए गठबंधन में मजबूत स्थिति हासिल की थी। इस बार पार्टी का लक्ष्य अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ गठबंधन को सत्ता में बनाए रखना है। धर्मेंद्र प्रधान की अगुवाई में बीजेपी बिहार के जटिल जातिगत समीकरणों को साधने और विपक्षी दलों, जैसे राजद और कांग्रेस, को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है।

सीट बंटवारे पर मंथन शुरू, नवरात्र में हो सकता है बड़ा ऐलान

बिहार में एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर चर्चा जोरों पर है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और जदयू के बीच सीट शेयरिंग का प्रारंभिक खाका तैयार हो चुका है, और अब छोटे सहयोगी दलों जैसे लोजपा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ तालमेल पर बातचीत चल रही है। नवरात्र के शुभ अवसर पर, जो 22 सितंबर से शुरू हो चुका है, एनडीए की ओर से सीट बंटवारे की अंतिम घोषणा हो सकती है। यह घोषणा गठबंधन की एकजुटता का बड़ा संदेश देगी।

विपक्ष पर नजर, जीएसटी और सेवा अभियान को बनाएंगे हथियार

बीजेपी ने बिहार में अपनी चुनावी रणनीति को और आक्रामक बनाने के लिए कई अभियान शुरू किए हैं। हाल ही में पार्टी ने जीएसटी रिफॉर्म के लाभों को व्यापारियों और दुकानदारों तक पहुंचाने के लिए एक विशेष प्रचार समिति गठित की है। इसके अलावा, ‘चलो जीते हैं’ अभियान के तहत 243 सेवा रथ बिहार की सभी विधानसभा सीटों पर जनता के बीच पहुंच रहे हैं। ये अभियान बीजेपी को जनता से जोड़ने और विपक्ष के खिलाफ माहौल बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

बिहार चुनाव का महत्व

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा अक्टूबर में होने की संभावना है, और छठ पूजा के बाद वोटिंग हो सकती है। बीजेपी के लिए यह चुनाव न केवल सत्ता को बनाए रखने की चुनौती है, बल्कि विपक्षी गठबंधन, विशेष रूप से राजद और कांग्रेस, को जवाब देने का अवसर भी है। तेज प्रताप यादव के राजद छोड़ने के फैसले ने विपक्षी खेमे में हलचल मचा दी है, जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .