"एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह का सख्त बयान: डिफेंस प्रोजेक्ट्स में देरी पर सवाल, ऑपरेशन सिंदूर की जीत को सराहा"
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा परियोजनाओं में देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि एक भी डिफेंस प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ, जिससे ऑपरेशनल तैयारियों पर असर पड़ता है। उन्होंने तेजस, तेजस Mk2, और AMCA की डिलीवरी में देरी पर चिंता जताई और कॉन्ट्रैक्ट साइन करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। सीआईआई समिट में उन्होंने आत्मनिर्भरता, डिजाइनिंग, और सेना-उद्योग के बीच विश्वास पर जोर दिया। ऑपरेशन सिंदूर को राष्ट्रीय जीत बताते हुए उन्होंने नई तकनीकों और समयबद्धता की जरूरत पर बल दिया, जो भारत की सैन्य ताकत को मजबूत करेगा।

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा परियोजनाओं में हो रही देरी को लेकर सिस्टम पर कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एक भी डिफेंस प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ, जिससे ऑपरेशनल तैयारियों पर गंभीर असर पड़ रहा है। सीआईआई एनुअल बिजनेस समिट 2025 में अपने संबोधन में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "हम ऐसे वादे क्यों करते हैं, जिन्हें पूरा करना संभव ही नहीं? कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय पता होता है कि डिलीवरी समय पर नहीं होगी, फिर भी साइन कर देते हैं। इससे पूरा सिस्टम प्रभावित होता है।" यह पहली बार है जब किसी सेना प्रमुख ने इतने खुले तौर पर सिस्टम की खामियों पर सवाल उठाए हैं।
तेजस और AMCA में देरी: चिंता का विषय
एयर चीफ मार्शल ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस, तेजस Mk2 और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) की डिलीवरी में देरी पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 48,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट तेजस Mk1A के लिए साइन हुआ था, जिसकी डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी थी। लेकिन आज तक एक भी विमान वायुसेना को नहीं मिला। इसके अलावा, तेजस Mk2 और AMCA के प्रोटोटाइप भी अभी तक तैयार नहीं हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जब चीन जैसे देश अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहे हैं, तब ऐसी देरी भारत की सुरक्षा के लिए जोखिम भरी हो सकती है।
"आज की जरूरत आज पूरी होनी चाहिए"
एयर चीफ मार्शल ने जोर देकर कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग नहीं, बल्कि डिजाइनिंग और रिसर्च पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने सेना और उद्योगों के बीच विश्वास बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। "हमें आज की जरूरतों को आज ही पूरा करना होगा, तभी हम भविष्य के लिए तैयार हो सकेंगे। एक बार कमिटमेंट कर लिया, तो उसे पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है," उन्होंने कहा। उन्होंने पंजाबी परंपरा 'दसवंध' का जिक्र करते हुए सुझाव दिया कि जैसे समाज के लिए आय का 10% हिस्सा दिया जाता है, वैसे ही रक्षा और अनुसंधान में निवेश बढ़ाना होगा।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की एकजुटता का प्रतीक
एयर चीफ मार्शल ने हाल ही में संपन्न हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' को राष्ट्रीय जीत करार दिया। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। 7 मई को भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के प्रमुख ठिकाने तबाह हुए। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल भारत की सैन्य ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि युद्ध के बदलते स्वरूप में नई तकनीकों की कितनी अहमियत है।
तकनीक और आत्मनिर्भरता पर जोर
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि युद्ध के तौर-तरीके तेजी से बदल रहे हैं और नई तकनीकें हर दिन सामने आ रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को भविष्य की रक्षा जरूरतों का रोडमैप दिया है। उन्होंने स्वदेशी रक्षा प्रणाली 'आकाशतीर' की तारीफ की, जिसने AI-संचालित तकनीक के साथ पाकिस्तानी ड्रोन्स और मिसाइलों को नाकाम किया। उन्होंने उद्योगों से अपील की कि वे रक्षा क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाएं, खासकर AMCA जैसे प्रोजेक्ट्स में, ताकि भारत आत्मनिर्भर बन सके।
चुनौती: विश्वास और समयबद्धता
एयर चीफ मार्शल ने सेना, उद्योग और DRDO को एक मजबूत चेन की कड़ियां बताया, जिसमें कोई भी कमजोर कड़ी पूरी व्यवस्था को तोड़ सकती है। उन्होंने कहा, "युद्ध तब जीते जाते हैं, जब हमारी सेनाएं मजबूत होती हैं। उन्हें मजबूत बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।" उनकी यह टिप्पणी रक्षा क्षेत्र में समयबद्धता और विश्वास की कमी को उजागर करती है, जो भारत की सैन्य तैयारियों के लिए एक बड़ी चुनौती है।