एसएमएस मेडिकल कॉलेज में क्रांतिकारी बदलाव: सीनियर डॉक्टर अब शाम को भी करेंगे मरीजों की देखभाल"

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में सीनियर डॉक्टर अब शाम को भी वार्डों का दौरा करेंगे। दोपहर 2-3 बजे बाद इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को समय पर परामर्श मिलेगा। प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने सीनियर प्रोफेसरों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए। महिला, जनाना और जेके लोन अस्पतालों में मरीजों की समस्याएं कम होंगी। इससे इलाज की गुणवत्ता सुधरेगी और शिकायतें घटेंगी।

Jun 11, 2025 - 13:36
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में क्रांतिकारी बदलाव: सीनियर डॉक्टर अब शाम को भी करेंगे मरीजों की देखभाल"

एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सभी अस्पतालों में अब सीनियर डॉक्टर सुबह के साथ-साथ शाम को भी वार्डों का दौरा करेंगे। इस नई व्यवस्था से उन मरीजों को राहत मिलेगी, जो दोपहर 2 या 3 बजे के बाद इमरजेंसी में भर्ती होते हैं। अक्सर ऐसे मरीजों की शिकायत रहती थी कि भर्ती होने के 10 घंटे बाद भी कोई सीनियर डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आता।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने हाल ही में सभी विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाकर निर्देश दिए कि सभी यूनिट्स में शाम के समय सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए। इस व्यवस्था के तहत असिस्टेंट, एसोसिएट, प्रोफेसर या सीनियर प्रोफेसर शाम को वार्डों में जाकर मरीजों की स्थिति का जायजा लेंगे और आवश्यक परामर्श देंगे। यह व्यवस्था महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट, जनाना हॉस्पिटल चांदपोल, जेके लोन हॉस्पिटल, गणगौरी हॉस्पिटल, सुपर स्पेशियलिटी विंग, ट्रॉमा सेंटर और कावंटिया हॉस्पिटल समेत सभी संबद्ध अस्पतालों में लागू होगी।

इमरजेंसी मरीजों को समय पर मिलेगा परामर्श
डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को समय पर परामर्श मिले, इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "हमारी कोशिश है कि सीनियर डॉक्टर खुद वार्डों में जाकर मरीजों को देखें, ताकि इलाज में कोई देरी न हो।"

वर्तमान स्थिति और शिकायतें
वर्तमान में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में सीनियर डॉक्टर केवल सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही वार्डों में मरीजों को देखते हैं। दोपहर या देर शाम को भर्ती होने वाले मरीजों की देखभाल रेजीडेंट डॉक्टर करते हैं, और सीनियर डॉक्टर अगले दिन ही उनकी जांच करते हैं। इस व्यवस्था के कारण मरीजों और उनके परिजनों की ओर से शिकायतें आती थीं कि सीनियर डॉक्टर देर शाम भर्ती मरीजों को नहीं देखते।

महिला और जेके लोन हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा परेशानी
महिला चिकित्सालय, जनाना हॉस्पिटल और जेके लोन हॉस्पिटल में यह समस्या सबसे गंभीर थी। दोपहर बाद भर्ती होने वाली गर्भवती महिलाओं या अन्य बीमारियों से ग्रस्त महिला मरीजों को सीनियर डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण परेशानी होती थी। जेके लोन हॉस्पिटल में भी देर शाम भर्ती होने वाले छोटे बच्चों को देखने के लिए सीनियर डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते थे। इन अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टरों के भरोसे ही व्यवस्था चल रही थी, और इमरजेंसी में केवल ऑन-कॉल डॉक्टर ही मौजूद रहते थे।

नई व्यवस्था से मरीजों को राहत
इस नई व्यवस्था के लागू होने से मरीजों को समय पर सीनियर डॉक्टरों का परामर्श मिल सकेगा, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा। खासकर इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को तत्काल राहत मिलने की उम्मीद है। यह कदम न केवल मरीजों की शिकायतों को कम करेगा, बल्कि अस्पतालों की कार्यप्रणाली को और प्रभावी बनाएगा।

Yashaswani Journalist at The Khatak .