ग्रामीण बेटियों का सपना साकार: रूमा देवी फाउंडेशन ने 8 मेधावी छात्राओं को दी 1-1 लाख की छात्रवृत्ति

आर्थिक तंगी और सामाजिक बाधाओं को पार करते हुए उन्होंने 75 गांवों की 22 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा। उनकी अक्षरा छात्रवृत्ति योजना, जो 2021 में शुरू हुई थी, अब तक सैकड़ों विद्यार्थियों को उनके सपनों को साकार करने में मदद कर चुकी है।

Aug 12, 2025 - 14:59
ग्रामीण बेटियों का सपना साकार: रूमा देवी फाउंडेशन ने 8 मेधावी छात्राओं को दी 1-1 लाख की छात्रवृत्ति

राजस्थान की मरुभूमि से उभरकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बनाने वाली डॉ. रूमा देवी की प्रेरणादायी यात्रा एक बार फिर सुर्खियों में है। आज जयपुर के कांस्टीट्यूशन क्लब में रूमा देवी फाउंडेशन और गढ़वाल फैमिली फाउंडेशन की ओर से आयोजित "रूमा देवी सुगणी देवी अक्षरा छात्रवृत्ति 2025" के द्वितीय चरण में 8 मेधावी ग्रामीण बेटियों को 1-1 लाख रुपये के स्कॉलर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, कुल 25 लाख रुपये की छात्रवृत्ति जरूरतमंद और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रदान की गई। यह आयोजन ग्रामीण बेटियों के सपनों को नया आसमान देने का एक अनूठा प्रयास साबित हुआ।

बेटियों की उड़ान को मिला नया आसमान

रूमा देवी फाउंडेशन ने हमेशा से ही शिक्षा, कला, और खेल के क्षेत्र में ग्रामीण प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने का बीड़ा उठाया है। इस बार, फाउंडेशन ने उन 8 बेटियों को विशेष रूप से सम्मानित किया, जिन्होंने मेडिकल क्षेत्र में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश हासिल किया। इन बेटियों को न केवल आर्थिक सहायता दी गई, बल्कि उनकी मेहनत और लगन को एक मंच पर सम्मानित कर प्रेरणा का संदेश भी दिया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा शामिल हुए। उनके साथ जयपुर की महापौर सौम्य गुर्जर और चौहटन विधायक अदूराम मेघवाल ने भी शिरकत की। इस राज्य स्तरीय समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने बेटियों की उपलब्धियों की सराहना की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

"हर गांव से निकले एक रूमा देवी"

कार्यक्रम में रूमा देवी ने अपने संघर्ष और प्रेरणा की कहानी साझा करते हुए कहा, "मैं चाहती हूं कि राजस्थान से एक रूमा नहीं, बल्कि कई सारी रूमा निकलें। हमारा फाउंडेशन शिक्षा, कला, और खेल के माध्यम से ग्रामीण बेटियों को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इन बेटियों ने अपनी मेहनत से साबित किया है कि संसाधनों की कमी सपनों को रोक नहीं सकती।" रूमा देवी, जिन्हें आर्थिक तंगी के कारण आठवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी, आज ग्रामीण भारत की बेटियों के लिए एक प्रेरणा का प्रतीक हैं।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने रूमा देवी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "रूमा देवी ने न केवल अपनी मेहनत से एक मुकाम हासिल किया, बल्कि वे दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं। सरकार उनके फाउंडेशन के साथ मिलकर शिक्षा और हुनर को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी।" वहीं, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने बेटियों की उपलब्धियों को सराहते हुए कहा, "ये बेटियां हमारे देश का भविष्य हैं। इनके सपनों को साकार करने में हम सभी को योगदान देना चाहिए।"

शिक्षा और खेल के लिए 3 करोड़ रुपये का योगदान

रूमा देवी फाउंडेशन ने इस वर्ष शिक्षा के लिए 1 करोड़ रुपये और खेल को बढ़ावा देने के लिए 2 करोड़ रुपये समर्पित करने का ऐलान किया है। यह राशि ग्रामीण क्षेत्रों के जरूरतमंद और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा सहारा बनेगी। अक्षरा छात्रवृत्ति योजना के तहत चयन प्रक्रिया में विशेष रूप से उन विद्यार्थियों पर ध्यान दिया जाता है, जिन्हें आर्थिक सहायता की सख्त जरूरत है। इस योजना में 60% सीटें बेटियों के लिए आरक्षित हैं, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जयपुर में गूंजा बेटियों का जज्बा

कार्यक्रम में शामिल जयपुर की महापौर सौम्य गुर्जर ने कहा, "रूमा देवी फाउंडेशन की यह पहल ग्रामीण बेटियों को उनके सपनों के करीब ला रही है। इन बेटियों की मेहनत और लगन हमें गर्व का अनुभव कराती है।" चौहटन विधायक अदूराम मेघवाल ने भी इस अवसर पर बेटियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, "यह कार्यक्रम न केवल शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभाओं को सामने लाने का एक शानदार मंच भी है।"

रूमा देवी: एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व

रूमा देवी की कहानी किसी परिचय की मोहताज नहीं है। बाड़मेर के एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने हस्तशिल्प और फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनाई। आर्थिक तंगी और सामाजिक बाधाओं को पार करते हुए उन्होंने 75 गांवों की 22 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा। उनकी अक्षरा छात्रवृत्ति योजना, जो 2021 में शुरू हुई थी, अब तक सैकड़ों विद्यार्थियों को उनके सपनों को साकार करने में मदद कर चुकी है।

आवेदन की प्रक्रिया और भविष्य की योजनाएं

रूमा देवी फाउंडेशन की अक्षरा छात्रवृत्ति योजना के तहत इच्छुक विद्यार्थी www.rumadevifoundation.org पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाती है, जिसमें चयनित विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों के साथ साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। इस योजना के तहत शिक्षा, कला, खेल, और मेडिकल व तकनीकी शिक्षा जैसे क्षेत्रों में 25 से 75 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

रूमा देवी ने बताया कि इस साल का पहला चरण जोधपुर के मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में 10 अगस्त को आयोजित हुआ, जिसमें भी मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। भविष्य में फाउंडेशन का लक्ष्य और अधिक बेटियों को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे अपने गांव और समाज का नाम रोशन कर सकें।

रूमा देवी फाउंडेशन का यह प्रयास न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करता है, बल्कि ग्रामीण बेटियों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। इन बेटियों की कहानियां उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो संसाधनों की कमी के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। आज जयपुर में आयोजित इस समारोह ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मेहनत, लगन, और सही मार्गदर्शन से कोई भी सपना असंभव नहीं है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .