रुपये में 14 पैसे की गिरावट, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.30 पर बंद
भारतीय रुपया सोमवार को 14 पैसे गिरकर 86.30 पर बंद हुआ, क्योंकि तेल आयातकों की डॉलर मांग और मजबूत डॉलर इंडेक्स ने दबाव बढ़ाया। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का परिणाम रुपये की दिशा तय करेगा।

सोमवार को भारतीय रुपये में 14 पैसे की गिरावट दर्ज की गई और यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.30 पर बंद हुआ। तेल आयातकों की लगातार डॉलर मांग और मजबूत होते डॉलर इंडेक्स ने रुपये पर दबाव बढ़ाया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि 86 के महत्वपूर्ण स्तर को तोड़ने के बाद रुपये में गिरावट का रुझान तेज हो गया है।
रुपये का प्रदर्शन और बाजार की गतिविधियां
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, रुपया 86.27 पर खुला और दिन के दौरान 86.19 के उच्चतम और 86.36 के निम्नतम स्तर को छूआ। ट्रेडिंग सत्र के अंत में, यह 86.30 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद से 14 पैसे कम है। शुक्रवार को रुपया 4 पैसे की गिरावट के साथ 86.16 पर बंद हुआ था।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि सभी की नजरें अब भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के नतीजों पर टिकी हैं। 1 अगस्त को भारतीय निर्यात पर संभावित टैरिफ की समयसीमा नजदीक आ रही है। यदि वार्ता विफल होती है या देरी होती है, तो रुपये पर और दबाव बढ़ सकता है। वहीं, यदि कोई समझौता होता है, तो यह रुपये के लिए राहत की सांस ला सकता है। व्यापारियों ने कहा कि इस अनिश्चितता के कारण बाजार सहभागी सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
वैश्विक और घरेलू बाजार का हाल
इस बीच, छह मुद्राओं की टोकरी के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.22 प्रतिशत गिरकर 98.26 पर आ गया। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड भी फ्यूचर्स ट्रेड में 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 68.95 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा, "हाल के दिनों में भारतीय रुपये में काफी कमजोरी देखी गई है और यह एशियाई मुद्राओं में सबसे कमजोर बना हुआ है। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण आयातकों की लगातार डॉलर मांग और विदेशी पूंजी का निरंतर बाहर जाना है। तकनीकी दृष्टिकोण से, USD/INR की तत्काल रुकावट 86.65 पर है, जबकि महत्वपूर्ण समर्थन 85.80 पर है।"
घरेलू शेयर बाजार में तेजी
घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 442.61 अंक या 0.54 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,200.34 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 122.30 अंक या 0.49 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 25,090.70 पर रहा। एक्सचेंज डेटा के अनुसार, शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 374.74 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का परिणाम रुपये की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अनिश्चितता बनी रहेगी, लेकिन सकारात्मक व्यापार समझौते की स्थिति में रुपये को कुछ राहत मिल सकती है। निवेशकों और व्यापारियों को सलाह दी जा रही है कि वे सतर्क रहें और वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर नजर रखें।