सांसद-विधायकों पर लाखों का बिजली बिल बकाया, सियासी घमासान तेज
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के कनेक्शन कटने के बाद 29 विधायकों पर लाखों रुपये बकाया होने का खुलासा। बीजेपी-कांग्रेस के विधायकों पर कार्रवाई न होने से दोहरे मापदंड का आरोप।

राजस्थान की सियासत में बिजली बिल बकाया को लेकर एक नया तूफान खड़ा हो गया है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के घर का बिजली कनेक्शन काटे जाने की घटना ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई, बल्कि अब सामने आए आंकड़ों ने बीजेपी और कांग्रेस के कई विधायकों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हैरानी की बात यह है कि प्रदेश के 29 विधायकों पर लाखों रुपये का बिजली बिल बकाया है, लेकिन इनमें से किसी को न तो नोटिस भेजा गया और न ही उनका कनेक्शन काटा गया। इस दोहरे मापदंड ने सियासी जंग को और भड़का दिया है।
बकायेदारों की लिस्ट में बीजेपी-कांग्रेस के बड़े नाम
सूत्रों के अनुसार, राजस्थान में कुल 29 विधायकों ने लंबे समय से अपने बिजली बिल जमा नहीं कराए हैं। इनमें बीजेपी के 16 और कांग्रेस के 9 विधायक शामिल हैं। इसके अलावा, भारत आदिवासी पार्टी (बाप) और निर्दलीय के दो-दो विधायकों पर भी बकाया राशि है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर पर भी 1 लाख 50 हजार 353 रुपये का बिजली बिल बकाया है, जो उन्होंने 14 महीनों से जमा नहीं कराया।
बकायेदारों की सूची में संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया का नाम भी प्रमुख है, जिन पर 1 लाख 18 हजार 500 रुपये का बिल 13 महीनों से बकाया है। कांग्रेस की बामनवास विधायक इंदिरा मीणा पर 1 लाख 9 हजार 903 रुपये का बिल बकाया है। अन्य विधायकों में मेड़ता के लक्ष्मण राम (16,231 रुपये), खंडेला के सुभाष मील (27,529 रुपये), कोटा दक्षिण के संदीप शर्मा (42,598 रुपये), कुंभलगढ़ के सुरेंद्र सिंह राठौड़ (25,076 रुपये), और सिकराय के विक्रम बंशीवाल (13,629 रुपये) शामिल हैं।
भारत आदिवासी पार्टी के चौरासी विधायक अनिल कुमार कटारा (21,291 रुपये, 13 महीने) और बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल (17,378 रुपये, 6 महीने) भी बकायेदारों की सूची में हैं। निर्दलीय विधायकों में भीलवाड़ा के अशोक कुमार कोठारी (5,779 रुपये) और सांचौर के जीवाराम चौधरी (35,404 रुपये) ने 3 महीनों से बिल जमा नहीं कराया।
हनुमान बेनीवाल का कनेक्शन कटने से भड़की सियासत
नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के घर का बिजली कनेक्शन 2 जुलाई 2025 को बकाया बिल के चलते काटा गया। यह कनेक्शन उनके भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर था, जिस पर 11.61 लाख रुपये का बिल बकाया बताया गया। बेनीवाल ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2 लाख रुपये जमा कराए थे और मामला समझौता समिति में लंबित था। उन्होंने ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर पर भी 2.17 लाख रुपये का बिल बकाया होने का आरोप लगाया, जिससे सियासी तकरार और तेज हो गई।
बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाल किया, “मेरे सांसद कार्यालय का कनेक्शन काटा गया, क्या अब ऊर्जा मंत्री का कनेक्शन भी काटा जाएगा?” उन्होंने इसे सरकार की “ओछी मानसिकता” और बदले की कार्रवाई बताया।
दोहरा मापदंड क्यों?
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बेनीवाल के कनेक्शन काटे जाने को सामान्य प्रक्रिया बताया और कहा कि बकाया बिल होने पर कोई भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं पा सकता। हालांकि, उन्होंने अपने बकाया बिल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनका बिल 17 जुलाई तक जमा होना है और कोई बकाया नहीं है। लेकिन सवाल यह है कि जब 29 विधायकों पर लाखों रुपये का बिल बकाया है, तो केवल बेनीवाल के कनेक्शन पर ही कार्रवाई क्यों हुई?
स्थानीय लोगों में भी इस मुद्दे को लेकर गुस्सा है। नागौर के मानाराम ने कहा, “हनुमान बेनीवाल साफ छवि के नेता हैं, यह कार्रवाई बदले की भावना से की गई है।” वहीं, राजकमल शर्मा ने तर्क दिया, “नियम सबके लिए समान हैं। अगर आम आदमी का कनेक्शन कट सकता है, तो सांसद का क्यों नहीं?”
स्मार्ट मीटर और बिजली बिल माफी योजना पर भी विवाद
इस बीच, राजस्थान सरकार की स्मार्ट मीटर योजना को लेकर भी विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है। बेनीवाल ने स्मार्ट मीटर के ठेकों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, राजस्थान बिजली बिल माफी योजना 2025 के तहत सरकार ने 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त करने की घोषणा की है, जिससे गरीब परिवारों को राहत मिली है। लेकिन विधायकों और सांसदों के बकाया बिलों पर कार्रवाई न होने से सरकार की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं।