राजस्थान में किसानों को मिली बड़ी राहत: 400 केवी ट्रान्समिशन लाइनों के लिए संशोधित मुआवजा नीति को मंजूरी
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 400 केवी ट्रान्समिशन लाइनों के लिए किसानों को मिलने वाले मुआवजे की संशोधित नीति को मंजूरी दी, जिससे प्रभावित किसानों को उनकी जमीन के लिए उचित मुआवजा मिलेगा। यह नीति ऊर्जा ढांचे को मजबूत करने के साथ किसानों के हितों की रक्षा करेगी।

राजस्थान के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी! मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने 400 केवी और उससे अधिक क्षमता की नई ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण में पथाधिकार (आरओडब्ल्यू) के लिए प्रभावित किसानों को मिलने वाले मुआवजे की संशोधित नीति को मंजूरी दे दी है। यह फैसला किसानों की बरसों पुरानी मांग को पूरा करने वाला है, जो उनकी जमीन के उपयोग के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित करेगा।
किसानों के हित में संवेदनशील कदम
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से उन किसानों को बड़ी राहत मिलेगी, जिनकी जमीन पर 400 केवी या उससे अधिक क्षमता की ट्रान्समिशन लाइनों का निर्माण किया जाएगा। नई नीति के तहत टावर के आधार क्षेत्र के लिए डीएलसी दरों के आधार पर भूमि मूल्य का 200 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा, जो पहले से दी जा रही 200 प्रतिशत राशि के अलावा होगा। टावर के आधार क्षेत्र में टावर के चारों पैरों से घिरा हुआ क्षेत्र और प्रत्येक तरफ एक मीटर का अतिरिक्त विस्तार शामिल होगा।
इसके अलावा, पथाधिकार (आरओडब्ल्यू) कॉरिडोर के लिए मुआवजा भी बढ़ाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि मूल्य का 30 प्रतिशत, नगर पालिका और अन्य शहरी नियोजन क्षेत्रों में 45 प्रतिशत, तथा नगर निगम और महानगरीय क्षेत्रों में 60 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा।
ऊर्जा क्षेत्र में तेजी, किसानों को लाभ
ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हीरालाल नागर ने बताया कि इस संशोधित नीति से न केवल किसानों को उनकी जमीन के नुकसान की उचित भरपाई होगी, बल्कि प्रदेश में उच्च क्षमता की ट्रान्समिशन लाइनों का निर्माण कार्य भी तेजी से पूरा होगा। इससे आम उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता की बिजली मिल सकेगी।
पथाधिकार (आरओडब्ल्यू) क्या है?
पथाधिकार एक ऐसी भूमि पट्टी है, जहां ट्रान्समिशन लाइनों का निर्माण, संचालन और रखरखाव किया जाता है। यह लाइन का केंद्र होता है और इसके आसपास के सभी पेड़ों, संरचनाओं या अन्य बाधाओं को हटाया जाता है ताकि बिजली आपूर्ति निर्बाध रहे।
सभी एजेंसियों पर लागू होगी नीति
यह नीति अन्तः राज्यीय और अन्तर राज्यीय दोनों तरह की 400 केवी और उससे अधिक क्षमता की ट्रान्समिशन लाइनों पर लागू होगी। इसमें पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, सभी निजी कंपनियां और अन्य पारेषण लाइसेंसधारी शामिल हैं।
किसानों के लिए एक नई उम्मीद
यह नीति राजस्थान के किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। अब उन्हें अपनी जमीन के उपयोग के लिए उचित मुआवजा मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। साथ ही, यह कदम प्रदेश में ऊर्जा ढांचे को और सशक्त बनाएगा।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का यह फैसला न केवल किसानों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।