राजस्थान में मुफ्त स्वास्थ्य जांच की क्रांतिकारी पहल, 'मदर-हब-स्पोक' मॉडल से मुफ्त में होगी मरीजों की 145 जांच, 1512 अस्पतालों में मिलेगी सुविधा.

राजस्थान सरकार ने 1,512 सरकारी अस्पतालों में 145 प्रकार की स्वास्थ्य जांच मुफ्त करने की घोषणा की है। 'मदर-हब-स्पोक' मॉडल के तहत जिला अस्पतालों में 145, उप-जिला/सैटेलाइट अस्पतालों में 117, CHC में 101 और PHC/डिस्पेंसरियों में 66 जांचें उपलब्ध होंगी। HIV, कैंसर, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों की जांच मुफ्त होगी। हाईटेक लैब, ऑनलाइन रिपोर्टिंग और डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम से सेवाएं बेहतर होंगी।

Aug 19, 2025 - 12:13
राजस्थान में मुफ्त स्वास्थ्य जांच की क्रांतिकारी पहल, 'मदर-हब-स्पोक' मॉडल से मुफ्त में होगी मरीजों की 145 जांच, 1512 अस्पतालों में मिलेगी सुविधा.

राजस्थान सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के 1,512 से अधिक सरकारी अस्पतालों में 145 प्रकार की स्वास्थ्य जांच मुफ्त उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इस नई योजना के तहत गंभीर बीमारियों जैसे HIV, कैंसर, हृदय रोग, किडनी, लीवर, डायबिटीज, थायरॉइड और यौन संचारित रोगों की उन्नत जांच मुफ्त में की जाएगी। यह सुविधा जिला अस्पतालों, उप-जिला अस्पतालों, सैटेलाइट अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और डिस्पेंसरियों तक उपलब्ध होगी। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बिना किसी लागत के उच्च गुणवत्ता वाली डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करना है।

'मदर-हब-स्पोक' मॉडल क्या है? 

इस योजना का आधार 'मदर-हब-स्पोक' मॉडल है, जो स्वास्थ्य जांच सेवाओं को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए तैयार किया गया है। इस मॉडल के तहत जांच सुविधाओं को तीन स्तरों पर बांटा गया है:मदर लैब: यह जिला स्तर की सबसे बड़ी इकाई होगी, जहां सभी 145 प्रकार की जांचें उपलब्ध होंगी। पूरे राज्य में 42 मदर लैब स्थापित की जाएंगी।

हब लैब: उप-जिला और सैटेलाइट अस्पतालों में 117 प्रकार की जांचें की जाएंगी। 135 हब लैब इस श्रेणी में होंगी।

स्पोक लैब: ब्लॉक और तहसील स्तर पर PHC और डिस्पेंसरियों में 66 प्रकार की जांचें उपलब्ध होंगी। ऐसी 1,335 स्पोक लैब बनाई जाएंगी। 

कैसे काम करेगा यह मॉडल?

 सभी स्तरों पर आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हाईटेक लैब स्थापित की जाएंगी। जहां स्थानीय स्तर पर जांच संभव नहीं होगी, वहां सैंपल को मदर लैब में भेजा जाएगा।  मरीजों को उनकी जांच रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध होगी, जिसे वे घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे।  सभी प्रक्रियाएं, जैसे सैंपल कलेक्शन, क्वालिटी चेक और रिपोर्टिंग, 'लेबोरेटरी इनफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम' (LIMS) के माध्यम से डिजिटल रूप से रिकॉर्ड की जाएंगी। 

कहां कितनी जांचें?

जिला अस्पताल: 145 प्रकार की जांचें।  

उप-जिला/सैटेलाइट अस्पताल: 117 प्रकार की जांचें।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC): 101 प्रकार की जांचें।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC)/डिस्पेंसरी: 66 प्रकार की जांचें 

योजना के लाभ:

 यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को लाभ पहुंचाएगी, खासकर उन लोगों को जो महंगी जांचों का खर्च नहीं उठा सकते। समय पर सटीक जांच से गंभीर बीमारियों का जल्द पता लगेगा, जिससे उपचार में आसानी होगी। ऑनलाइन रिपोर्टिंग से मरीजों को बार-बार अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।  यह मॉडल स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा। 

महत्व:

यह योजना राजस्थान को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुफ्त और उन्नत जांच सुविधाओं के साथ, यह मॉडल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाएगा, बल्कि मरीजों के लिए समय और धन की बचत भी करेगा।

इस पहल से राजस्थान के स्वास्थ्य ढांचे में एक नया अध्याय शुरू होगा, जो अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।