जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मानसून के 45 दिन शेष होने के कारण बांधों में और पानी आने की संभावना है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में बारिश कम होने से बांधों में पानी का प्रवाह प्रभावित हुआ है। इसके अलावा, खेती और पेयजल की मांग को पूरा करने के लिए कई बांधों से नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे भंडारण में कमी आई है। विभाग ने जिला प्रशासन को जल प्रबंधन और बांधों की निगरानी के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
मानसून और भविष्य की संभावनाएं
इस वर्ष राजस्थान में जुलाई में 285 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 69 वर्षों में सबसे अधिक है। यह पिछले रिकॉर्ड 308 मिमी (1956) से थोड़ा कम है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून का दूसरा चरण कमजोर हो सकता है, लेकिन बांधों में मौजूदा जल स्तर अगले साल तक जल आपूर्ति के लिए पर्याप्त है। बीसलपुर, जवाई, और राणा प्रताप सागर जैसे बांधों में अच्छा भंडारण होने से जयपुर, पाली, और अन्य क्षेत्रों में पानी की कमी की आशंका कम है।
जनता के लिए राहत
पिछले साल गर्मियों में जवाई बांध में पानी की भारी कमी के कारण पाली और सिरोही में जल संकट देखा गया था। इस साल बांधों में पर्याप्त पानी होने से स्थानीय निवासियों को राहत मिली है। जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बांधों से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यापक योजना बनाई गई है ताकि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट न हो।