रेलवे स्टेशन के पास रात के अंधेरे में पुलिस की गुंडागर्दी,दुकानदार की बेरहम पिटाई, CCTV फुटेज ने खोली पुलिस की पोल
रेलवे स्टेशन के पास फूड स्टॉल दुकानदार नाहर सिंह की एएसआई ने मामूली विवाद में बेरहमी से पिटाई की, सीसीटीवी फुटेज वायरल होने से पुलिस पर उठे सवाल।

राजस्थान के झुंझुनूं में कोतवाली थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां कानून के रक्षक ही कानून तोड़ते नजर आए। 2 अगस्त 2025 की रात रेलवे स्टेशन के बाहर एक मामूली विवाद ने इतना भयावह रूप ले लिया कि एक मासूम दुकानदार को अपनी जान बचाने के लिए कुर्सी और स्टूल का सहारा लेना पड़ा। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सैनिक नगर निवासी नाहर सिंह, जो रेलवे स्टेशन के पास अपनी छोटी-सी फूड स्टॉल चलाते हैं, उस रात अपनी रोजमर्रा की तरह दुकान संभाल रहे थे। रात करीब 1 बजे, दो युवक उनके पास मोबाइल चार्ज करने की गुजारिश लेकर आए। नाहर सिंह ने पहले तो उन्हें अनुमति दी, लेकिन 10 मिनट बाद जब उन्होंने चार्जर हटाने को कहा, तो युवक नाराज होकर चले गए।
बाहर निकलते ही इन युवकों ने पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी को रोका और कोतवाली थाने में तैनात एएसआई ओमप्रकाश को झूठी शिकायत कर दी कि नाहर सिंह ने उनके साथ मारपीट की है। बस, यहीं से शुरू हुआ एक मासूम दुकानदार का दर्दनाक सफर।
बिना पूछताछ के डंडों की बरसात
नाहर सिंह का कहना है कि शिकायत सुनते ही एएसआई ओमप्रकाश बिना किसी सवाल-जवाब के उनकी दुकान में घुस आए। उनके हाथ में डंडा था, और अगले ही पल शुरू हो गई ताबड़तोड़ पिटाई। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि एएसआई बार-बार नाहर सिंह पर डंडे बरसाते रहे। बचने के लिए नाहर ने स्टूल और कुर्सी उठाई, लेकिन वह भी टूट गई। करीब 10 मिनट तक यह बेरहम मारपीट चलती रही, और बाहर खड़े कुछ अन्य पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने तमाशा देखते रहे।
नाहर सिंह का कहना है, “मैंने तो सिर्फ चार्जर हटाने को कहा था। मुझे नहीं पता था कि यह बात इतनी बढ़ जाएगी कि मेरी जान पर बन आएगी। पुलिस ने मुझे इतना मारा कि मेरे शरीर पर कई जगह गंभीर चोटें आई हैं।”
थाने में रातभर प्रताड़ना, चोरी का शिकार हुई दुकान
मारपीट के बाद कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। दूसरी पुलिस गाड़ी मौके पर पहुंची और नाहर सिंह को जबरन कोतवाली थाने ले जाया गया। इस दौरान उनकी दुकान खुली छोड़ दी गई, और मौके का फायदा उठाकर वही युवक, जिन्होंने झूठी शिकायत की थी, उनका मोबाइल और चार्जर चुरा ले गए।
थाने में नाहर सिंह को रातभर रखा गया। अगले दिन शाम को धारा 151 (शांति भंग की आशंका) के तहत कार्रवाई कर उन्हें छोड़ा गया। नाहर सिंह बताते हैं, “मुझे डर और दबाव के चलते अपनी शिकायत दर्ज करने की हिम्मत नहीं हुई। मैं एक गरीब दुकानदार हूं, पुलिस से कैसे लड़ूं?”
वायरल सीसीटीवी फुटेज ने खोली हकीकत
इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एएसआई ओमप्रकाश की बर्बरता साफ नजर आ रही है। दुकान के बाहर मौजूद लोगों ने भी अपने मोबाइल से इस घटना को रिकॉर्ड किया, जिसके बाद यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया।
लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूट रहा है। एक यूजर ने लिखा, “यह कैसा जनविश्वास है? पुलिस जो जनता की रक्षा के लिए है, वही निर्दोषों पर अत्याचार कर रही है।” एक अन्य यूजर ने सवाल उठाया, “सीसीटीवी में सबूत होने के बावजूद क्या आरोपी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई होगी, या यह मामला भी दब जाएगा?”
पुलिस की कार्रवाई: एएसआई लाइन हाजिर
वायरल वीडियो के बाद मामला तूल पकड़ता देख झुंझुनूं के एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी एएसआई ओमप्रकाश को लाइन हाजिर कर दिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।