पाली में गैस सिलेंडर विस्फोट,एक के बाद एक 10 गैस सिलेंडरों में विस्फोट.....
राजस्थान के पाली जिले में 23 अगस्त 2025 को पिपलिया कलां की पीजी फोइल्स फैक्ट्री में गैस लीकेज के कारण 10 सिलेंडरों में विस्फोट हो गया, जिससे भीषण आग लगी और इलाके में दहशत फैल गई। दमकल और पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया, लेकिन संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। जांच में लीकेज की वजह तकनीकी खराबी या लापरवाही बताई जा रही है। प्रशासन ने सुरक्षा अलर्ट जारी किया।

राजस्थान के पाली जिले में एक भीषण हादसा सामने आया, जब रायपुर के पिपलिया कलां स्थित पीजी फोइल्स फैक्ट्री के गैस प्लांट में आग लगने से एक के बाद एक 10 गैस सिलेंडरों में विस्फोट हो गया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी और आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्रारंभिक जांच में गैस सिलेंडरों में लीकेज को इस हादसे का प्रमुख कारण बताया जा रहा है, जिसके चलते गैस तेजी से फैली और आग ने विकराल रूप ले लिया। हादसा देर रात हुआ, जब फैक्ट्री के गैस प्लांट में अचानक आग की लपटें उठीं। देखते ही देखते आग ने पूरे प्लांट को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे वहां रखे गैस सिलेंडरों में एक के बाद एक विस्फोट होने लगे। इन विस्फोटों की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग दहशत में आ गए। आग की लपटें इतनी भयावह थीं कि प्लांट के पास रखे खाली सिलेंडरों को भी नुकसान पहुंचा।
प्रशासन और दमकल की त्वरित कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही सोजत, जैतारण, बिलाड़ा और रास से दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक प्लांट में भारी नुकसान हो चुका था। रायपुर और बर थाना पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी जनहानि की सूचना नहीं मिली, लेकिन संपत्ति को व्यापक क्षति पहुंची है।
लीकेज और लापरवाही की जांच:
प्रारंभिक जांच में गैस सिलेंडरों में लीकेज को आग और विस्फोट का मुख्य कारण माना जा रहा है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह हादसा तकनीकी खराबी के कारण हुआ या मानवीय लापरवाही का परिणाम है। प्रशासन ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है ताकि हादसे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके। विशेषज्ञों की एक टीम गैस प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था, सिलेंडरों की गुणवत्ता और रखरखाव प्रक्रिया की जांच कर रही है।
स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षा अलर्ट:
हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। लोगों से अपील की गई है कि वे गैस सिलेंडरों का उपयोग सावधानी से करें और नियमित रूप से उनकी जांच करवाएं। इसके साथ ही, गैस लीकेज की स्थिति में तुरंत खिड़कियां-दरवाजे खोलने, रेगुलेटर बंद करने और ज्वलनशील पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी गई है। गैस एजेंसी और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 1906 पर संपर्क करने की भी हिदायत दी गई है।
पाली में गैस सिलेंडर हादसों का इतिहास:
पाली में गैस सिलेंडर से जुड़े हादसे कोई नई बात नहीं हैं। हाल के महीनों में भी कई छोटे-बड़े हादसे सामने आए हैं। उदाहरण के लिए, मार्च 2025 में पाली के रोहट क्षेत्र के कलाली गांव में एक चाय के केबिन में सिलेंडर लीकेज के कारण आग लग गई थी, जिसमें केबिन पूरी तरह जलकर खाक हो गया था। इसी तरह, जनता कॉलोनी में एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान रसोई में सिलेंडर लीकेज से आग लगने की घटना भी सामने आई थी। ये घटनाएं गैस सिलेंडरों के रखरखाव और सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाती हैं।
सुरक्षा के लिए जरूरी कदम:
विशेषज्ञों का कहना है कि गैस सिलेंडर से होने वाले हादसों को रोकने के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। डिलीवरी के समय सिलेंडर की सील, वाल्व और वजन की जांच करवाएं। गैस लीकेज की जांच के लिए साबुन के घोल का इस्तेमाल करें, जिसमें बुलबुले उठने पर लीकेज की पुष्टि होती है। इसके अलावा, सिलेंडर को सीधी धूप से दूर रखें और पुरानी या क्षतिग्रस्त पाइपलाइनों को तुरंत बदलें।
पाली के इस ताजा हादसे ने एक बार फिर गैस सिलेंडरों की सुरक्षा और रखरखाव के महत्व को रेखांकित किया है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने स्थिति को और बिगड़ने से रोका, लेकिन यह घटना लापरवाही और तकनीकी खामियों की गंभीरता को दर्शाती है। स्थानीय लोगों से अपील है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षा नियमों का पालन करें ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। जांच के नतीजे आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि इस हादसे के पीछे की असल वजह क्या थी।