पचपदरा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का दौरा, कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल और मुख्य सचिव सुधांशु पंत भी रहे मौजूद.
पचपदरा में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एचपीसीएल रिफाइनरी का दौरा किया। कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल, मुख्य सचिव सुधांशु पंत सहित कई नेता मौजूद रहे। यह दौरा रिफाइनरी की प्रगति की समीक्षा और क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए था। परियोजना मार्च-अप्रैल 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है, जो रोजगार और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगी।

बाड़मेर जिले के पचपदरा में 24 अगस्त 2025 को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिला, जब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एचपीसीएल (हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) राजस्थान रिफाइनरी का दौरा किया। इस अवसर पर कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल, मुख्य सचिव सुधांशु पंत, और अन्य प्रमुख नेता व अधिकारी भी उपस्थित थे। यह दौरा रिफाइनरी परियोजना की प्रगति की समीक्षा और क्षेत्र के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री का दौरा:
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दोपहर 12:20 बजे जोधपुर एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर द्वारा पचपदरा रिफाइनरी पहुंचे, जहां उन्होंने रिफाइनरी के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में भाग लिया। वहीं, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी सुबह 10:25 बजे जोधपुर एयरपोर्ट पर इंडिगो की दिल्ली-जोधपुर फ्लाइट से पहुंचे और सड़क मार्ग से पचपदरा के लिए रवाना हुए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह रिफाइनरी राजस्थान और देश के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक कारक है और यह परियोजना अब अंतिम चरण में है।
उपस्थित प्रमुख हस्तियां:
इस दौरे में कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल, जो बाड़मेर क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता और पूर्व सैन्य अधिकारी हैं, ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने जोधपुर एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का स्वागत किया और उनके साथ पचपदरा के लिए प्रस्थान किया। इसके अलावा, मुख्य सचिव सुधांशु पंत भी इस दौरे में शामिल थे, जो परियोजना की प्रशासनिक प्रगति की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अन्य प्रमुख नेताओं में राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, राजस्थान सरकार के मंत्री केके बिश्नोई, बाड़मेर विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी, और अरुण चौधरी भी मौजूद थे।
रिफाइनरी परियोजना का महत्व और प्रगति:
पचपदरा में 4567.32 एकड़ जमीन पर बन रही यह रिफाइनरी, जिसकी शुरुआती लागत 37 हजार करोड़ रुपये थी, अब लागत बढ़कर लगभग 72 हजार करोड़ रुपये हो चुकी है और अनुमान है कि यह 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। यह परियोजना बीएस-6 मानक पर आधारित है और इसमें 9 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता है। रिफाइनरी की प्रमुख इकाइयों, जैसे क्रूड/वैक्यूम डिस्टिलेशन यूनिट (95.5% पूर्ण), हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट (98.7% पूर्ण), और अन्य प्रोसेस इकाइयों का 94-98% कार्य पूरा हो चुका है। हालांकि, सल्फर रिकवरी यूनिट (68% पूर्ण) में जटिलताओं के कारण कुछ देरी हो रही है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जोर देकर कहा कि रिफाइनरी का कार्य अंतिम चरण में है और मार्च-अप्रैल 2025 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार की हिस्सेदारी से संबंधित सभी मुद्दों को हल कर लिया गया है, जो पहले एक विवाद का विषय था।
स्थानीय और आर्थिक प्रभाव:
यह रिफाइनरी राजस्थान के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी, क्योंकि यह न केवल पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाएगी, बल्कि हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। स्थानीय लोगों में इस दौरे को लेकर उत्साह देखा गया, क्योंकि यह क्षेत्र के औद्योगिक और सामाजिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बाड़मेर विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी और अन्य जनप्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो इस परियोजना के प्रति स्थानीय समर्थन को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का पचपदरा दौरा इस रिफाइनरी परियोजना को समय पर पूरा करने और इसके आर्थिक लाभों को राजस्थान तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल और मुख्य सचिव सुधांशु पंत की उपस्थिति ने इस दौरे को और प्रभावी बनाया। यह परियोजना न केवल राजस्थान की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।