गोल्ड पर टैरिफ नहीं: फेस्टिव सीजन में भारतीयों के लिए ट्रंप का फैसला ‘गिफ्ट कार्ड’ साबित होगा?

डोनाल्ड ट्रंप ने सोने के आयात पर टैरिफ हटाने की घोषणा की, जिससे भारत में फेस्टिव सीजन से पहले ज्वैलर्स और उपभोक्ताओं को राहत मिली। स्विट्जरलैंड से आयातित सोने पर 39% टैरिफ की आशंका खत्म होने से कीमतें स्थिर रहेंगी, जिससे दीवाली और शादी के सीजन में सोने की खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

Aug 12, 2025 - 14:52
गोल्ड पर टैरिफ नहीं: फेस्टिव सीजन में भारतीयों के लिए ट्रंप का फैसला ‘गिफ्ट कार्ड’ साबित होगा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को घोषणा की कि सोने के आयात पर कोई अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगेगा, जिससे भारत में फेस्टिव सीजन से पहले ज्वैलर्स और उपभोक्ताओं में राहत की लहर दौड़ गई है। यह फैसला स्विट्जरलैंड से एक किलो और 100 औंस सोने की छड़ों पर 39% टैरिफ की आशंका के बाद आया, जिसने वैश्विक बुलियन मार्केट में हलचल मचा दी थी। भारत, जहां सोना फेस्टिव सीजन में उपहार और निवेश का प्रमुख साधन है,भारत के लिए यह फैसला ‘गिफ्ट कार्ड’ साबित हो सकता है।

ट्रंप का फैसला और बाजार की प्रतिक्रिया

पिछले हफ्ते, अमेरिकी कस्टम्स सर्विस ने एक पत्र जारी कर कहा था कि एक किलो और 100 औंस की सोने की छड़ें टैरिफ के दायरे में आएंगी। इस खबर से सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं, और दिसंबर डिलीवरी के लिए COMEX पर सोना 3,534 डॉलर प्रति औंस तक चढ़ गया। हालांकि, ट्रंप ने स्पष्ट किया, “सोने पर टैरिफ नहीं लगेगा!” इसके बाद व्हाइट हाउस ने घोषणा की कि जल्द ही एक कार्यकारी आदेश जारी होगा, जो इस भ्रम को दूर करेगा। सोमवार को सोने की कीमतें 100 डॉलर और चांदी 7% गिर गईं।

भारत में फेस्टिव सीजन पर प्रभाव

भारत में दशहरा, दीवाली और शादी के सीजन में सोने की मांग चरम पर होती है। ट्रंप के टैरिफ हटाने के फैसले से भारतीय ज्वैलर्स को राहत मिली है, क्योंकि स्विट्जरलैंड से आयातित सोने पर टैरिफ लागत बढ़ा सकता था। भारत ने 2024 में 750 टन सोना आयात किया, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा स्विट्जरलैंड से आता है। टैरिफ हटने से सोने की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ते गहने और निवेश के अवसर मिल सकते हैं।

वैश्विक बुलियन मार्केट पर असर

स्विट्जरलैंड दुनिया का सबसे बड़ा सोना रिफाइनिंग हब है, जो वैश्विक सोने का 70% प्रोसेस करता है। ट्रंप के 39% टैरिफ की खबर ने COMEX पर एक किलो सोने की छड़ों की मांग को प्रभावित किया था। टैरिफ हटने से वैश्विक व्यापार में स्थिरता आएगी और लंदन-न्यूयॉर्क-स्पेन के बीच बुलियन व्यापार सुचारू होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारतीय बाजार में सोने की आपूर्ति बनी रहेगी, जो फेस्टिव सीजन के लिए महत्वपूर्ण है।

भारतीय ज्वैलर्स की उम्मीदें

भारतीय ज्वैलरी उद्योग, जो 78,000 करोड़ रुपये का है, टैरिफ की आशंका से चिंतित था। विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार, भारत में 2025 में सोने की मांग 800 टन तक पहुंच सकती है। ज्वैलर्स का कहना है कि टैरिफ हटने से छोटे-मोटे खरीदारों को राहत मिलेगी, और वे सोने के गहने या सिक्के खरीद सकेंगे। हालांकि, कुछ ज्वैलर्स का मानना है कि उपभोक्ता अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और ETF की ओर रुख कर सकते हैं।

भविष्य की संभावनाएं

ट्रंप के फैसले से भारत में सोने की कीमतें 1.02 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास स्थिर रह सकती हैं। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति की आशंका के कारण सोने की मांग बढ़ सकती है। भारत सरकार ने भी स्वदेशी सोने के उत्पादन और रिफाइनिंग पर जोर देने की योजना बनाई है ताकि आयात पर निर्भरता कम हो। यह फैसला भारतीयों के लिए फेस्टिव सीजन में ‘गिफ्ट कार्ड’ की तरह है, जो उनकी जेब पर बोझ कम करेगा।