निजी स्कूल के मालिक से 25 लाख की ठगी, UIT की जमीन को बेचने का झांसा.
अलवर में प्राइवेट स्कूल मालिक को 25 लाख रुपये की जमीन सौदे में ठग लिया गया। हरसौली के जितेंद्र अग्रवाल और दो साथियों ने UIT की अधिग्रहित जमीन को अपना बताकर 4 लाख रुपये ठग लिए। रजिस्ट्री के समय टालमटोल से शक हुआ, तो जांच में खुलासा हुआ कि जमीन UIT की है। नवीन ने कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज करवाया, और पुलिस जांच में जुटी है। यह मामला जमीन सौदों में सावधानी की चेतावनी देता है।

अलवर शहर में एक सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें हरसौली के जितेंद्र अग्रवाल और उनके दो साथियों ने प्राइवेट स्कूल मालिक नवीन सैनी से 25 लाख रुपये की डील के नाम पर 4 लाख रुपये ठग लिए। यह ठगी अलवर UIT (शहरी सुधार न्यास) द्वारा अधिग्रहित जमीन को अपना बताकर की गई। मामला उजागर होने के बाद नवीन सैनी ने कोतवाली थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है, और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
नवीन सैनी ने बताया कि 8 मार्च 2025 को हरसौली निवासी जितेंद्र कुमार ने उन्हें अलवर के बुध विहार में एक प्लॉट दिखाया और दावा किया कि यह उनकी संपत्ति है। इस प्लॉट की कीमत 25 लाख 25 हजार रुपये तय की गई। डील पक्की होने के बाद दोनों पक्षों के बीच एक एग्रीमेंट हुआ, जिसके तहत नवीन ने जितेंद्र को अग्रिम भुगतान के रूप में 4 लाख रुपये दे दिए। शर्त थी कि बाकी रकम जुलाई 2025 में रजिस्ट्री के समय दी जाएगी। हालांकि, जब रजिस्ट्री का समय नजदीक आया, जितेंद्र और उनके साथी टालमटोल करने लगे। पहले उन्होंने रजिस्ट्री की तारीख को जुलाई से बढ़ाकर अगस्त कर दिया। नवीन को शक हुआ, और उन्होंने प्लॉट के कागजात और स्थिति की जांच शुरू की। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यह प्लॉट वास्तव में अलवर UIT द्वारा अधिग्रहित किया जा चुका है और इसका मालिकाना हक अब UIT के पास है। जितेंद्र और उनके साथियों ने पुराने और फर्जी कागजातों के आधार पर नवीन को ठगने की कोशिश की थी।
ठगों की चाल और नवीन की प्रतिक्रिया
जब नवीन ने जितेंद्र और उनके साथियों से इस धोखाधड़ी के बारे में पूछा, तो उन्होंने 4 लाख रुपये वापस करने से इनकार कर दिया। आरोपियों का कहना था कि उन्होंने यह रकम आपस में बांट ली है और अब उनके पास वापस करने के लिए कुछ नहीं बचा। इस बेशर्मी भरे जवाब से आहत नवीन ने तुरंत कोतवाली थाने में जितेंद्र अग्रवाल और उनके दो साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया
पुलिस की कार्रवाई और जांच
कोतवाली थाने की पुलिस ने नवीन सैनी की शिकायत पर जितेंद्र अग्रवाल सहित तीन लोगों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि प्लॉट का मालिकाना हक UIT के पास है, और आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए ठगी की साजिश रची। पुलिस अब आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है और उनके बैंक खातों व लेन-देन की भी जांच कर रही है ताकि ठगी की रकम का पता लगाया जा सके।
UIT की भूमिका और जमीन अधिग्रहण का सच
अलवर UIT ने इस मामले में पुष्टि की है कि बुध विहार में उक्त प्लॉट उनकी अधिग्रहित जमीन का हिस्सा है। UIT के अनुसार, इस क्षेत्र की कई जमीनें विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई हैं, और मालिकाना हक अब उनके पास है। ऐसे में पुराने कागजातों के आधार पर कोई भी व्यक्ति इस जमीन को बेचने का दावा नहीं कर सकता। UIT ने लोगों से अपील की है कि वे जमीन खरीदने से पहले संबंधित विभाग से कागजातों की जांच जरूर करवाएं।
प्राइवेट स्कूल मालिक की आपबीती
नवीन सैनी ने बताया कि वे एक प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूल के मालिक हैं और अपनी मेहनत की कमाई से जमीन खरीदना चाहते थे। लेकिन जितेंद्र और उनके साथियों की इस धोखाधड़ी ने उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़ दिया। उन्होंने कहा, "मैंने भरोसा करके 4 लाख रुपये दे दिए, लेकिन अब मुझे न तो जमीन मिली और न ही मेरे पैसे वापस हो रहे हैं। मैं चाहता हूं कि दोषियों को सख्त सजा मिले ताकि कोई और इस तरह ठगा न जाए।
"जमीन के नाम पर ठगी के बढ़ते मामले
यह पहला मौका नहीं है जब अलवर में जमीन के नाम पर ठगी का मामला सामने आया हो। हाल के वर्षों में फर्जी कागजातों और पुराने दस्तावेजों के सहारे लोगों को ठगने की घटनाएं बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन खरीदने से पहले खरीदार को चाहिए कि वह स्थानीय प्रशासन, तहसील कार्यालय, और संबंधित न्यास से जमीन के मालिकाना हक की पुष्टि कर ले।
पुलिस का बयान
कोतवाली थाने के SHO ने बताया, "हमने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में ठगी का मामला स्पष्ट है। हम जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ करेंगे और ठगी की रकम की बरामदगी की कोशिश करेंगे।"
यह मामला एक बार फिर जमीन के सौदों में सावधानी बरतने की जरूरत को रेखांकित करता है। नवीन सैनी जैसे कई लोग ठगों के जाल में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा चुके हैं। पुलिस की कार्रवाई और जांच से उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और पीड़ित को उसका हक वापस मिलेगा। फिलहाल, अलवर पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही ठोस कार्रवाई की उम्मीद है।