PM मोदी-जिनपिंग की मुलाकात में जिनपिंग बोले "ड्रैगन और हाथी "का एक साथ आना जरूरी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तियानजिन में SCO समिट से पहले 50 मिनट की महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। मोदी ने सीमा पर शांति, कैलाश मानसरोवर यात्रा और उड़ानों की बहाली पर जोर दिया, जबकि जिनपिंग ने कहा कि "ड्रैगन और हाथी" को मिलकर वैश्विक प्रगति में योगदान देना चाहिए। यह मुलाकात गलवान झड़प के बाद तनाव कम करने और भारत-चीन सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट से पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। यह मुलाकात 50 मिनट तक चली और दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सकारात्मक संदेश दिए। यह मुलाकात इसलिए भी खास थी क्योंकि जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था। सात साल बाद पीएम मोदी का यह पहला चीन दौरा है, जिसका उद्देश्य सीमा विवाद को कम करना और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
मोदी-जिनपिंग की बातचीत के प्रमुख बिंदु
पीएम मोदी ने मुलाकात के दौरान पिछले साल रूस के कजान में हुई अपनी और जिनपिंग की चर्चा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस मुलाकात ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने में मदद की। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना है। विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते ने इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा, कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों के दोबारा शुरू होने से रिश्तों में और गर्मजोशी आई है।मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और चीन के बीच सहयोग से न केवल दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों को फायदा होगा, बल्कि यह पूरी मानवता के कल्याण का रास्ता भी खोलेगा। उन्होंने आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर रिश्तों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
साथ ही, उन्होंने SCO समिट की सफल अध्यक्षता के लिए चीन को बधाई दी और मुलाकात के लिए जिनपिंग को धन्यवाद दिया।वहीं, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस मुलाकात को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि भारत और चीन, जिन्हें प्रतीकात्मक रूप से ड्रैगन और हाथी कहा जाता है, को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देश प्राचीन सभ्यताएं और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। दोनों देशों की जिम्मेदारी है कि वे अपने लोगों की भलाई के लिए सुधार लाएं और मानव समाज की प्रगति को बढ़ावा दें। जिनपिंग ने यह भी कहा कि भारत और चीन को ऐसे साझेदार बनना चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में सहयोग करें।
SCO समिट: वैश्विक मंच पर भारत-चीन की भूमिका
इस बार तियानजिन में हो रही SCO समिट को अब तक की सबसे बड़ी समिट माना जा रहा है, जिसमें 20 से अधिक देश हिस्सा ले रहे हैं। इस समिट में सेंट्रल एशिया, मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के नेता शामिल होंगे। पीएम मोदी इस समिट में हिस्सा लेंगे और सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे।
रूस-चीन संबंधों पर पुतिन का बयान
SCO समिट से पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस और चीन के बीच संबंध अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि 2021 से दोनों देशों के बीच व्यापार में करीब 100 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। चीन अब रूस का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और दोनों देश ज्यादातर लेन-देन रूबल और युआन में कर रहे हैं। पुतिन ने यह भी कहा कि चीन रूस से तेल और गैस का सबसे बड़ा खरीदार है। वे उम्मीद जताते हैं कि यह समिट SCO को और मजबूत करेगी, ताकि सदस्य देश वैश्विक चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकें।
वैश्विक बदलावों पर जिनपिंग की टिप्पणी
जिनपिंग ने मुलाकात के दौरान वैश्विक स्थिति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया पिछले 100 साल में सबसे बड़े बदलावों से गुजर रही है। अंतरराष्ट्रीय हालात जटिल और अस्थिर हैं, जिसके बीच भारत और चीन जैसे देशों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की अनुपस्थिति
इस समिट में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो शामिल नहीं हो सके। इंडोनेशिया में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण वे देश में ही रुके। शुक्रवार रात मकासर शहर में प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्रीय संसद भवन में आग लगा दी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत और पांच लोग घायल हो गए।
मोदी और जिनपिंग की इस मुलाकात ने भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने का संकेत दिया है। दोनों नेताओं ने सहयोग और विश्वास के आधार पर रिश्तों को मजबूत करने की बात कही। SCO समिट के मंच पर यह मुलाकात वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह न केवल भारत-चीन संबंधों, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए एक नया अध्याय शुरू कर सकती है।