माता के थान क्षेत्र में सड़क में समाया भारी भरकम ट्रक,बाइक सवार बाल-बाल बचा.
जोधपुर के माता का थान क्षेत्र में भारी बारिश के बाद सड़क धंसने से एक भारी ट्रक गड्ढे में समा गया, जबकि एक बाइक सवार बाल-बाल बच गया। यह घटना निर्माण कार्यों की लापरवाही और घटिया सड़क गुणवत्ता को उजागर करती है। पिछले एक माह में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे स्थानीय लोग आक्रोशित हैं और प्रशासन से जांच व कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

जोधपुर, 20 सितंबर 2025: राजस्थान के सांस्कृतिक नगरी जोधपुर में मानसून का असर अब खतरनाक रूप धारण कर चुका है। पिछले एक माह से लगातार हो रही भारी बारिश ने शहर की सड़कों को कमजोर कर दिया है, जिसका सबसे ताजा उदाहरण माता का थान क्षेत्र में देखने को मिला। यहां अचानक सड़क धंसने से एक भारी ट्रक गड्ढे में फंस गया, जबकि एक बाइक सवार चालक किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहा। यह घटना न केवल निर्माण कार्यों की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि प्रशासन की सुस्त कार्रवाई पर भी सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई है, और वे सड़कों की गुणवत्ता जांच व तत्काल मरम्मत की मांग तेज कर रहे हैं।
घटना का पूरा विवरण: ट्रक चालक की साहसिक बचाव और बाइक सवार की बाल-बाल बची जान
माता का थान इलाके में शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे यह हादसा हुआ। एक भारी लोडेड ट्रक (भारतीय डाक विभाग से संबंधित होने की जानकारी मिली है) मुख्य सड़क पर सामान्य गति से गुजर रहा था, तभी अचानक सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया। ट्रक का अगला हिस्सा पूरी तरह गड्ढे में समा गया, जिससे वाहन पूरी तरह रुक गया। चमत्कारिक रूप से ट्रक चालक ने तुरंत वाहन से कूदकर अपनी जान बचा ली। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चालक को मामूली खरोंचें आईं, लेकिन वह सदमे में है।इसी बीच, घटनास्थल के निकट एक बाइक सवार युवक भी चपेट में आ गया।
ट्रक के फंसते ही बाइक सवार का वाहन ट्रक के नीचे दबने से बाल-बाल बचा। युवक को हाथ-पैर में मामूली चोटें आईं, और स्थानीय लोगों ने उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत स्थिर है, लेकिन मानसिक आघात गहरा है। वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैसे धंसी सड़क ने ट्रक को निगल लिया, और बाइक सवार ने अंतिम क्षणों में वाहन मोड़कर खुद को बचाया। यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिससे शहरवासियों में भय का माहौल है।घटना के बाद स्थानीय पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। क्रेन की मदद से ट्रक को बाहर निकाला गया, लेकिन सड़क का धंसा हिस्सा अभी भी खतरे का सबब बना हुआ है। यातायात को डायवर्ट किया गया है, और इलाके में सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
एक माह में बार-बार हो रही घटनाएं: लापरवाही का चरम
यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले एक माह में जोधपुर के विभिन्न इलाकों—खासकर माता का थान, केएन कॉलेज रोड, पावटा पोलो और बनाड़ रोड—में जमीन धंसने की कम से कम 5-6 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जुलाई में पावटा पोलो में भारी बारिश से नाले की खुदाई के कारण जमीन धंसी थी, जिसमें एक मकान की दीवार गिर गई और दोपहिया वाहन दब गए थे। सितंबर में केएन कॉलेज के पास इसी तरह एक ट्रक फंस गया था। इन हादसों में अब तक कोई बड़ी जानलेवा घटना नहीं हुई, लेकिन छोटे-मोटे हादसे और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।स्थानीय लोग इन घटनाओं का ठीकरा सड़क निर्माण एजेंसियों पर फोड़ रहे हैं। आरोप है कि सड़कें बनाने वाली कंपनियां घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रही हैं, और नालों की मरम्मत या भराई का काम ठीक से नहीं हो रहा। एक निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "पीएचईडी विभाग ने खुदाई की, लेकिन भराई नहीं की। बारिश ने सब उजाड़ दिया। प्रशासन अलर्ट तो जारी करता है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं।" विशेषज्ञों का मानना है कि जोधपुर की मिट्टी रेतीली होने से पानी का रिसाव आसानी से होता है, जो निर्माण की कमजोरियां उभार देता है।
प्रशासन की चुप्पी और लोगों का आक्रोश: जांच की मांग बुलंद
जिला प्रशासन ने इन घटनाओं पर अलर्ट जारी किया है, लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नजर नहीं आ रही। कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सड़कों की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है, लेकिन रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। विपक्षी दल और स्थानीय विधायक ने सदन में मामला उठाया है, और गुणवत्ता जांच के लिए विशेष ऑडिट की मांग की है।निवासी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र मरम्मत और दोषी एजेंसियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करेंगे। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "सड़कें शहर की रीढ़ हैं, इन्हें मजबूत बनाओ वरना हादसे बढ़ेंगे।" मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।यह घटना जोधपुरवासियों के लिए सबक है कि विकास के नाम पर लापरवाही कितनी महंगी पड़ सकती है। प्रशासन को अब तुरंत कदम उठाने होंगे, ताकि अगला हादसा किसी की जान न ले ले। (स्रोत: स्थानीय समाचार एजेंसियां और प्रत्यक्षदर्शी बयान)