"जोधपुर लूणी सालावास में पानी का हाहाकार:केरु प्रधान ,पार्षद के बाद अब सालावास की महिलाएं पानी की टंकी पर, कब थमेगा पेयजल संकट?"

जोधपुर के सालावास गांव में पेयजल संकट गहराया, ग्रामीण महिलाओं ने जलदाय विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया और पानी की टंकी पर चढ़कर नारेबाजी की। अनियमित जलापूर्ति और विभाग की लापरवाही से त्रस्त ग्रामीणों की मांग है कि पाइपलाइन सुधार और नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित हो। प्रशासन ने आश्वासन दिया, लेकिन स्थायी समाधान का इंतजार बाकी है।

Jun 15, 2025 - 16:00
Jun 15, 2025 - 16:11
"जोधपुर लूणी सालावास में पानी का हाहाकार:केरु प्रधान ,पार्षद के बाद अब  सालावास की महिलाएं पानी की टंकी पर, कब थमेगा पेयजल संकट?"

जोधपुर के लूणी सालावास में पेयजल संकट ने अब ग्रामीणों के सब्र का बांध तोड़ दिया है। गर्मी की तपिश में पानी की भारी किल्लत से परेशान ग्रामीण, खासकर महिलाएं, रविवार, 15 जून 2025 को जलदाय विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतर आईं। सालावास की महिलाओं ने पानी की टंकी पर चढ़कर और जलदाय विभाग कार्यालय के बाहर धरना देकर अपने गुस्से का इजहार किया। नारेबाजी और प्रदर्शन के बीच उनकी मांग साफ थी - नियमित और पर्याप्त पेयजल आपूर्ति। यह पहली बार नहीं है जब सालावास में पानी के लिए हंगामा हुआ है। इससे पहले   केरु प्रधान और पार्षद भी पानी की टंकी पर चढ़कर अपनी आवाज उठा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं निकला।

पानी की किल्लत 

लूणी  में पानी की आपूर्ति लंबे समय से अनियमित है। ग्रामीणों का कहना है कि जलदाय विभाग की लापरवाही के कारण नल सूखे पड़े हैं, और टैंकरों की आपूर्ति भी अपर्याप्त है। गर्मी के इस मौसम में ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। महिलाओं ने बताया कि घरेलू कामकाज, बच्चों और पशुओं की जरूरतों के लिए पानी जुटाना अब एक रोज़मर्रा की जंग बन चुका है। कई बार टैंकर समय पर नहीं पहुंचते, और पाइपलाइनें क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी की बर्बादी भी हो रही है।

धरना और प्रदर्शन:

रविवार को लूणी, की महिलाओं ने पानी की टंकी पर चढ़कर और जलदाय विभाग कार्यालय के बाहर धरना देकर प्रशासन का ध्यान खींचने की कोशिश की। बड़ी संख्या में महिलाएं टंकी पर चढ़ गईं और "पानी दो, समस्या हल करो" जैसे नारे लगाए। उनका कहना था कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद जलदाय विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।  महिलाओं ने चेतावनी दी कि जब तक पानी की नियमित आपूर्ति शुरू नहीं होती, वे प्रदर्शन जारी रखेंगी।

जलदाय विभाग और प्रशासन की प्रतिक्रिया:

लूणी प्रदर्शन की खबर मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों से बातचीत की। जलदाय विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि पाइपलाइनों की मरम्मत और टैंकरों की संख्या बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे आश्वासन पहले भी कई बार मिल चुके हैं, लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं दिखता। ग्रामीणों ने जल जीवन मिशन के तहत गांव में बेहतर जल प्रबंधन की मांग भी उठाई।

क्यों बार-बार टंकी पर चढ़ने की नौबत? 

घटनाएं इस बात का सबूत हैं कि प्रशासनिक लापरवाही और संसाधनों की कमी ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जलदाय विभाग की पाइपलाइनें पुरानी और जर्जर हैं, और रखरखाव के अभाव में पानी की बर्बादी आम है। इसके अलावा, टैंकरों की अनियमित आपूर्ति और पानी की गुणवत्ता भी चिंता का विषय है।

लूणी  का पेयजल संकट जोधपुर के कई ग्रामीण क्षेत्रों की साझा समस्या का प्रतीक है। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित कदम उठाए:

पाइपलाइनों की मरम्मत और नियमित रखरखाव।

टैंकरों की समय पर और पर्याप्त आपूर्ति।

जल जीवन मिशन के तहत गांव में स्थायी जल प्रबंधन की व्यवस्था।

 लूणी, में पानी की किल्लत और महिलाओं का टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि पेयजल संकट अब ग्रामीणों की सहनशक्ति की सीमा पार कर चुका है।  महिलाओं के आंदोलन के बाद भी अगर प्रशासन नहीं चेता, तो यह समस्या और गहरा सकती है। सवाल यह है कि आखिर कब सालावास की प्यास बुझेगी? क्या प्रशासन अब जागेगा, या यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा? ग्रामी