10 महीने बाद परिवार से मिलीं नन्हीं बहनें: मां की डांट से घर छोड़ा, जीआरपी ने लौटाई मुस्कान

जयपुर रेलवे स्टेशन से 10 महीने पहले लापता हुई दो नाबालिग बहनों को जीआरपी ने लखनऊ के बालिका गृह से सुरक्षित बरामद कर उनके परिजनों को सौंप दिया। मां की पिटाई से नाराज होकर बच्चियों ने घर छोड़ा था।

Jul 18, 2025 - 14:02
Jul 18, 2025 - 14:23
10 महीने बाद परिवार से मिलीं नन्हीं बहनें: मां की डांट से घर छोड़ा, जीआरपी ने लौटाई मुस्कान

जयपुर रेलवे स्टेशन से करीब 10 महीने पहले लापता हुई दो नाबालिग बहनों को आखिरकार जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) ने लखनऊ के एक बालिका गृह से सुरक्षित बरामद कर लिया। 14 साल और 5 साल की ये बहनें पिछले साल अक्टूबर में जयपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 से रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई थीं। जीआरपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए किडनैपिंग का मामला दर्ज किया था और बच्चियों की तलाश में 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। अब दोनों बच्चियों को सुरक्षित उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।

मां की पिटाई से नाराज होकर घर छोड़ा

जीआरपी एसपी (अजमेर ) नरेंद्र सिंह ने बताया कि लापता बच्चियों की मां, जो लखनऊ, उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं, ने जनवरी 2025 में जीआरपी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला अपने पति हासिम और बच्चों के साथ मजदूरी और अंगूठी-नगीना खरीदने-बेचने के काम से जयपुर आती थी। पिछले साल 18 अक्टूबर 2024 की रात करीब 11 बजे, जब बच्चियों को भूख लगी, तो वह रेलवे स्टेशन के बाहर खाना लेने गई। उसने अपनी 14 साल की बड़ी बेटी और 5 साल की छोटी बेटी को हसनपुरा गेट नंबर-1 के पास प्लेटफॉर्म पर छोड़ दिया था। लेकिन जब वह वापस लौटी, तो दोनों बच्चियां गायब थीं।

पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि उनके माता-पिता शराब का सेवन करते थे। उस रात बड़ी बेटी को किसी बात पर मां ने डांटकर पीट दिया था, जिससे नाराज होकर वह अपनी छोटी बहन को गोद में लेकर घर छोड़कर भाग गई। बच्चियों ने लखनऊ जाने के लिए ट्रेन में सवार होने का फैसला किया, लेकिन गलत ट्रेन में बैठने के कारण वे पहले बीकानेर पहुंच गईं। वहां से वे दिल्ली पहुंचीं, जहां रेलवे स्टेशन पर रोते हुए मिलने पर लोगों ने उन्हें दिल्ली के आशा गृह बालिका संस्था में दाखिल करवाया। बाद में, लखनऊ की रहने वाली होने की जानकारी मिलने पर उन्हें लखनऊ के बालिका गृह में स्थानांतरित कर दिया गया।

जीआरपी की तत्परता से मिली सफलता

बच्चियों के लापता होने के बाद जीआरपी ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और जयपुर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया। कई महीनों तक कोई सुराग न मिलने पर जीआरपी ने बच्चियों को ढूंढने के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया। आखिरकार, जीआरपी को दिल्ली के आशा गृह बालिका संस्था से बच्चियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली। इसके आधार पर लखनऊ के बालिका गृह में पहुंचकर दोनों बच्चियों को सुरक्षित बरामद किया गया।

परिजनों में खुशी की लहर

बच्चियों के मिलने के बाद उनके परिजनों ने राहत की सांस ली। जीआरपी ने दोनों नाबालिग बहनों को सुरक्षित उनके माता-पिता को सौंप दिया। इस मामले में जीआरपी की त्वरित कार्रवाई और समर्पण की स्थानीय लोगों ने भी सराहना की। एसपी नरेंद्र सिंह ने कहा, "हमारी प्राथमिकता बच्चियों की सुरक्षा थी। हमें खुशी है कि वे सुरक्षित हैं और अपने परिवार के पास वापस लौट आई हैं।"

Yashaswani Journalist at The Khatak .