अफसाना को आठ महीनों में छः बार सांप ने काटा जानिए क्या है रहस्य

25 वर्षीय महिला को छह महीने में आठ बार सांप ने काटा, फिर भी वह चमत्कारिक रूप से जीवित बचीं, जिसने चिकित्सा विशेषज्ञों और समुदाय को हैरान कर दिया।

Sep 12, 2025 - 13:54
Sep 12, 2025 - 15:35
अफसाना को आठ महीनों में छः बार सांप ने काटा जानिए क्या है रहस्य

राजस्थान के पाली जिले के शेखो की ढाणी गांव में 25 वर्षीय अफसाना बानो की कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं है। मार्च 2025 से सितंबर 2025 तक, छह महीनों में अफसाना को आठ बार सांप ने काटा, फिर भी वह हर बार मौत को मात देकर जीवित बचीं। यह घटना न केवल स्थानीय समुदाय के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है, बल्कि चिकित्सा विशेषज्ञों को भी हैरान कर रही है। हर घटना दोपहर के समय हुई, जब सांप सामान्यतः सक्रिय होते हैं, और हर बार अफसाना को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाना पड़ा। आइए इस अनोखी कहानी के तथ्यों, चिकित्सकीय विश्लेषण और सामाजिक प्रतिक्रियाओं को विस्तार से जानते हैं।

अफसाना बानो और उनका परिवार: साधारण जीवन, असाधारण घटना

अफसाना बानो, शेखो की ढाणी की एक साधारण गृहिणी, अपने 25 सदस्यों वाले संयुक्त परिवार के साथ रहती हैं। उनके पति मुस्ताक खान गांव में छोटा-मोटा काम करते हैं, जबकि अफसाना घरेलू कामकाज जैसे झाड़ू लगाना, खाना बनाना और अपने दो साल के बेटे की देखभाल करती हैं। पाली का यह ग्रामीण इलाका रेगिस्तानी क्षेत्र में बसा है, जहां सांपों की मौजूदगी आम है। लेकिन परिवार के अनुसार, पहले कभी ऐसी घटनाएं नहीं हुईं। पड़ोसियों का कहना है कि अफसाना मेहनती और साहसी हैं, लेकिन अब वह हर पल सांप के डर के साए में जी रही हैं।

घटनाओं का क्रम: दोपहर में बार-बार हमले

इस रहस्यमयी सिलसिले की शुरुआत 20 मार्च 2025 को हुई, जब अफसाना घर में झाड़ू लगा रही थीं। एक जहरीले सांप के बच्चे ने उनके पैर की उंगली पर काट लिया। मुस्ताक ने तुरंत उन्हें बांगड़ अस्पताल पहुंचाया, जहां एंटी-वेनम इंजेक्शन से उनकी जान बची। इसके बाद घटनाएं बढ़ती गईं:

  • अप्रैल 2025: दो बार काटा गया—एक बार रसोई में खाना बनाते समय, दूसरी बार कपड़े धोते हुए।

  • मई 2025: दो हमले—एक बगीचे में काम करते समय, दूसरा घर की सफाई के दौरान।

  • जून 2025: दो बार काटा गया, जिसमें एक बार अफसाना को जोधपुर एम्स में वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।

  • सितंबर 2025: दो घटनाएं, जिनमें सबसे हालिया 8 सितंबर को हुई, जब अफसाना कपड़े सुखाने गई थीं।

हर बार सांप का काटना दोपहर 12 से 3 बजे के बीच हुआ, जब राजस्थान में रसेल्स वाइपर और कोबरा जैसे जहरीले सांप सक्रिय होते हैं। परिवार ने कई बार सांपों को पकड़ा, जो छोटे लेकिन जहरीले थे।

चिकित्सकीय विश्लेषण: एंटीबॉडी का चमत्कार

अफसाना की कहानी चिकित्सा जगत के लिए भी एक पहेली है। जोधपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व आचार्य डॉ. एच.एम. चौधरी बताते हैं कि बार-बार सांप के काटने से शरीर में एंटीबॉडी विकसित हो सकती हैं, जो जहर के प्रभाव को कम करती हैं। सामान्यतः जहरीले सांप (जैसे रसेल्स वाइपर) के काटने से रक्त में थक्का नहीं बनता, जिससे आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है। लेकिन अफसाना के मामले में क्लॉटिंग सामान्य रही, जो उनकी जीवटता का कारण हो सकता है।

पांचवीं घटना (जून 2025) में अफसाना की हालत इतनी गंभीर हुई कि उन्हें जोधपुर एम्स में दो दिन वेंटिलेटर पर रखा गया। बांगड़ अस्पताल की डॉ. रिद्धि अग्रावत ने बताया कि हर बार एंटी-स्नेक वेनम (ASV) इंजेक्शन दिए गए, जो भारत में सांप काटने का मानक इलाज है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में हर साल 50,000 से अधिक सांप काटने की घटनाएं होती हैं, जिनमें 10-15% घातक होती हैं। अफसाना का आठ बार बचना वाकई चमत्कारी है।

सामाजिक प्रतिक्रियाएं: भय, सतर्कता और चर्चाएं

अफसाना की घटना शेखो की ढाणी में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। परिवार ने घर को सांप-प्रूफ बनाने के लिए जाल लगाए, सफाई बढ़ाई और रात में रोशनी का इंतजाम किया। अफसाना अब अकेले काम नहीं करतीं; परिवार का कोई न कोई सदस्य हमेशा साथ रहता है। मुस्ताक ने कहा, "हम डॉक्टरों पर भरोसा करते हैं, ज्योतिष पर नहीं। लेकिन डर तो लगता ही है।"

गांव में कुछ लोग इसे चमत्कार मानते हैं, तो कुछ इसे रहस्यमयी मानकर डर रहे हैं। पड़ोसी महिलाएं अफसाना से मिलने आती हैं, लेकिन सावधानी बरतती हैं। स्थानीय मीडिया जैसे ईटीवी भारत, नवभारत टाइम्स और पतरिका ने इस घटना को प्रमुखता से कवर किया, जिससे यह पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन गई।

Yashaswani Journalist at The Khatak .